ETV Bharat / state

Uttarakhand Global Investors Summit को लेकर सियासत, BJP के दावे पर कांग्रेस बोली- परोस रही झूठ

Uttarakhand Global Investors Summit के आयोजन को लेकर सूबे में सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी का कहना है कि साल 2018 में तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ था. जिसमें 18 बड़े उद्योग लगाए गए. वहीं, बीजेपी के इस दावे पर कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी झूठ परोसने का काम कर रही है. अगर 18 बड़े उद्योग लगें हैं तो उनके नाम गिनाएं.

Uttarakhand Global Investors Summit
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर सियासत
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 25, 2023, 6:25 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 7:03 PM IST

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर सियासत

देहरादूनः उत्तराखंड में एक बार फिर से ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होने जा रहा है. जहां एक तरफ सरकार इन्वेस्टर समिट को लेकर रोडमैप तैयार करने में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि साल 2014 के बाद प्रदेश में अब तक किसी भी हेवी इंडस्ट्री ने उत्तराखंड का रुख नहीं किया है. जबकि, बीजेपी दावा कर रही है कि त्रिवेंद्र सरकार के दौरान हुए इन्वेस्टर समिट के बाद करीब 18 बड़े निवेशकों ने उत्तराखंड में निवेश किया है.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर का कहना है कि हरिद्वार, रुद्रपुर और सेलाकुई क्षेत्र में बाहर से आए निवेशकों ने अपना निवेश किया है. कांग्रेस की ओर से इस तरह का निराधार आरोप लगाना किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं माना जा सकता है. इधर, कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी के नेता जनता के सामने कोरा झूठ परोसते हुए कह रहे हैं कि 18 बड़ी कंपनियों ने उत्तराखंड में निवेश किया है. जो पूरी तरह से झूठ है.
ये भी पढ़ेंः ग्लोबल इनवेस्टर समिट के तहत देशभर में होंगे रोड शो, कार्यक्रम में PM मोदी के आने की उम्मीद

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के नाम पर बीजेपी अपना चेहरा चमकाना चाहती है. आज प्रदेश आपदा, डेंगू, बदहाल सड़कों, लड़खड़ाई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से जूझ रहा है, लेकिन यह समझ से परे है कि सरकार की आखिर प्राथमिकता क्या है?

Uttarakhand Investors Summit
उत्तराखंड इनवेस्टर समिट 2018 का हुआ था भव्य आयोजन

उन्होंने कहा कि सरकार इन्वेस्टर समिट के नाम पर सिर्फ अपना चेहरा चमकाने की कोशिश कर रही है. यदि 18 बड़ी कंपनियों ने प्रदेश में निवेश किया होता तो जाहिर तौर पर बेरोजगारों की कतार इतनी लंबी नहीं होती. गरिमा का कहना है कि सत्ता पर बैठी बीजेपी सरकार को वेबसाइट खोलकर देखना चाहिए कि साल 2014 के बाद से अब तक प्रदेश में किसी भी हेवी इंडस्ट्री ने उत्तराखंड की ओर रुख नहीं किया है.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Global Investors Summit को लेकर बैठकों का दौर शुरू, तमाम सेक्टर के लोगों से लिया गया सुझाव

कांग्रेस का कहना है कि त्रिवेंद्र कार्यकाल के दौरान हुए इन्वेस्टर समिट के बाद बीजेपी ने जोर शोर से प्रचारित किया था कि समिट में 1 लाख 40 करोड़ के एमओयू साइन हो चुके हैं. बाद में ये दावा किया गया कि निवेशकों ने प्रदेश में 70 हजार करोड़ रुपए का निवेश भी कर लिया.

ऐसे में किसी हैवी इंडस्ट्री या फिर कंपनी को ढूंढना रेत में सुई ढूंढने जैसा कठिन काम नहीं हो सकता है. इसलिए बीजेपी को ये बताना चाहिए कि वो 18 कंपनियां कौन सी हैं और उन कंपनियों में उत्तराखंड के युवाओं को कितनी नौकरियां मिली हैं?

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर सियासत

देहरादूनः उत्तराखंड में एक बार फिर से ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होने जा रहा है. जहां एक तरफ सरकार इन्वेस्टर समिट को लेकर रोडमैप तैयार करने में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि साल 2014 के बाद प्रदेश में अब तक किसी भी हेवी इंडस्ट्री ने उत्तराखंड का रुख नहीं किया है. जबकि, बीजेपी दावा कर रही है कि त्रिवेंद्र सरकार के दौरान हुए इन्वेस्टर समिट के बाद करीब 18 बड़े निवेशकों ने उत्तराखंड में निवेश किया है.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर का कहना है कि हरिद्वार, रुद्रपुर और सेलाकुई क्षेत्र में बाहर से आए निवेशकों ने अपना निवेश किया है. कांग्रेस की ओर से इस तरह का निराधार आरोप लगाना किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं माना जा सकता है. इधर, कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी के नेता जनता के सामने कोरा झूठ परोसते हुए कह रहे हैं कि 18 बड़ी कंपनियों ने उत्तराखंड में निवेश किया है. जो पूरी तरह से झूठ है.
ये भी पढ़ेंः ग्लोबल इनवेस्टर समिट के तहत देशभर में होंगे रोड शो, कार्यक्रम में PM मोदी के आने की उम्मीद

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के नाम पर बीजेपी अपना चेहरा चमकाना चाहती है. आज प्रदेश आपदा, डेंगू, बदहाल सड़कों, लड़खड़ाई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से जूझ रहा है, लेकिन यह समझ से परे है कि सरकार की आखिर प्राथमिकता क्या है?

Uttarakhand Investors Summit
उत्तराखंड इनवेस्टर समिट 2018 का हुआ था भव्य आयोजन

उन्होंने कहा कि सरकार इन्वेस्टर समिट के नाम पर सिर्फ अपना चेहरा चमकाने की कोशिश कर रही है. यदि 18 बड़ी कंपनियों ने प्रदेश में निवेश किया होता तो जाहिर तौर पर बेरोजगारों की कतार इतनी लंबी नहीं होती. गरिमा का कहना है कि सत्ता पर बैठी बीजेपी सरकार को वेबसाइट खोलकर देखना चाहिए कि साल 2014 के बाद से अब तक प्रदेश में किसी भी हेवी इंडस्ट्री ने उत्तराखंड की ओर रुख नहीं किया है.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Global Investors Summit को लेकर बैठकों का दौर शुरू, तमाम सेक्टर के लोगों से लिया गया सुझाव

कांग्रेस का कहना है कि त्रिवेंद्र कार्यकाल के दौरान हुए इन्वेस्टर समिट के बाद बीजेपी ने जोर शोर से प्रचारित किया था कि समिट में 1 लाख 40 करोड़ के एमओयू साइन हो चुके हैं. बाद में ये दावा किया गया कि निवेशकों ने प्रदेश में 70 हजार करोड़ रुपए का निवेश भी कर लिया.

ऐसे में किसी हैवी इंडस्ट्री या फिर कंपनी को ढूंढना रेत में सुई ढूंढने जैसा कठिन काम नहीं हो सकता है. इसलिए बीजेपी को ये बताना चाहिए कि वो 18 कंपनियां कौन सी हैं और उन कंपनियों में उत्तराखंड के युवाओं को कितनी नौकरियां मिली हैं?

Last Updated : Aug 25, 2023, 7:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.