देहरादून: प्रदेश की सियासत में सोशल मीडिया वायरल कांग्रेस के लेटर खूब चर्चा का विषय बने हुए हैं. जिसके लेकर कांग्रेस नेता डिफेंस मोड पर हैं तो वहीं भाजपा खूब चटकारे ले रही है. मामला छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के चिंतन अधिवेशन के लिए जमा किए गए शुल्क से जुड़ा है, जिस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घेराबंदी की जा रही है. खास बात यह है कि कांग्रेस के भीतर कार्यकर्ताओं से शुल्क लेने से जुड़े इस मामले को लेकर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस की परिपाटी गड़बड़ियां करने वाली ही रही है. साथ ही सरकार में रहने पर धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया.
सोशल मीडिया पर वायरल पत्र: पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए देशभर के कांग्रेसी नेता जुटे. उत्तराखंड से भी पार्टी के कई नेताओं ने अधिवेशन में हिस्सा लिया. इस बात को अब काफी समय हो चुका है, लेकिन सोशल मीडिया पर इस अधिवेशन से जुड़े मुद्दे को इन दिनों खूब चर्चाओं में लाया जा रहा है. दरअसल, सोशल मीडिया में ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा भेजे गए पत्र के साथ उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पत्र को भी वायरल किया जा रहा है. दरअसल, छत्तीसगढ़ में हुए अधिवेशन के लिए शामिल होने वाले पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से 1700 रुपये लिए जाने को लेकर AICC से पत्र लिखा गया था.
क्या कह रहे कांग्रेस के नेता: इसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों की सालाना ₹1000 फीस से लेकर कांग्रेस संदेश के लिए ₹300 की रकम के साथ ही ₹400 कांग्रेस फंड के रूप में सालाना की रकम भी शामिल थी. लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक दूसरे पत्र में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों से सालाना शुल्क प्रतिनिधि शुल्क और कांग्रेस संदेश शुल्क के रूप में ₹2500 जमा करने के निर्देश दिए गए. बस इसी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई और सोशल मीडिया पर भी इन पत्रों को डालकर कार्यकर्ताओं से ज्यादा पैसे लिए जाने की बात कही गई. हालांकि इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादास जोशी ने कहा कि यह मामला पार्टी के भीतर का है और जो लोग यह मामला उठा रहे हैं, उन्हें पार्टी की नीतियों और नियमों का पता नहीं है.
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कांग्रेस का पक्ष: प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की तरफ से 1700 रुपए लिए जाने की बात कही गई है. जबकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 2500 रुपए प्रति सदस्य लिए हैं. माहरा ने कहा कि प्रदेश संगठन को चलाने के लिए पार्टी के सदस्यों से शुल्क लेने का अधिकार अध्यक्ष को भी है और जितना पैसा लिया गया है उतनी की ही पर्ची उन सदस्यों को दी गई है. ऐसे में किसी को क्या आपत्ति हो सकती है?
चटकारे ले रही बीजेपी: कांग्रेस पार्टी के इन पत्रों के साथ ही सोशल मीडिया पर वह शुल्क स्लिप भी वायरल हो रही है, जो पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरफ से शुल्क जमा होने के बाद उन्हें दी गई थी. संगठन से जुड़े लोग इस मुद्दे के चर्चाओं में आने के कारण खासे आक्रोशित भी दिखाई दिए. बहरहाल इन सभी स्थितियों को देखते हुए भाजपा भी कांग्रेस के भीतर की गतिविधियों पर खूब चटकारे लेती हुई दिखाई दी. भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि वैसे तो यह मामला कांग्रेस के भीतर का है. लेकिन कांग्रेस की परिपाटी गड़बड़ियां करने वाली ही रही है. जब तक सरकार में कांग्रेस रही तब तक जनता के धन का दुरुपयोग करती रही और अब सरकार जाने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को लूटा जा रहा है.