देहरादून: थाना ऋषिकेश क्षेत्र के मायाकुंड से 15 जनवरी से गुमशुदा व्यक्ति की हत्या का खुलासा आज एसएसपी ने किया. पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही पुलिस को गुमशुदा व्यक्ति का शव मंडावर क्षेत्र से अधजली हालत में मिला है. बताया जा रहा है कि ब्याज के पैसों की लेनदेन के चलते हत्या का इस घटना को अंजाम दिया गया है.
बता दें कि 15 जनवरी को मायाकुंड ऋषिकेश के रहने वाले रुपेश गुप्ता ने अपने पिता राजकुमार गुप्ता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि इनके पिता दोपहर को स्कूटी लेकर घर से निकले थे, जिसके बाद वो वापस ही नहीं आये. उन्होंने अपने सभी, रिश्तेदारों के यहां भी उनकी तलाश की, मगर उनका कोई पता नहीं चला.
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रुपेश गुप्ता की तहरीर पर ऋषिकेश पुलिस ने राजकुमार गुप्ता की बरामदगी के लिए चार अलग-अलग टीमें बनाई. पहली टीम ने सर्विलांस के माध्यम से करीब 100 से अधिक नंबरों की कॉल डिटेल निकाली. दूसरी टीम ने घटनास्थल,निजी स्थानों,दुकानों और घरों में लगे करीब 55 सीसीटीवी कैमरों को चेक किया. सीसीटीवी के फुटेज चेक करने के बाद गुमशुदा राजकुमार के साथ एक और व्यक्ति दिखाई दिया. जिसकी पहचान सुरेश चौधरी के रूप में हुई.
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जिसके बाद पुलिस टीम ने सुरेश चौधरी की तलाश के लिए उसके घर पर दबिश दी. जहां अन्य दो व्यक्ति वहां मौजूद मिले. पुलिस टीम ने सभी से पूछताछ की. जिसमें पता चला कि गुमशुदा राजकुमार गुप्ता की हत्या कर शव को जनपद बिजनौर क्षेत्र के मंडावर इलाके में जला दिया गया है. जिसके बाद पुलिस टीम ने मंडावर थाने से संपर्क कर 16 जनवरी को आरोपी द्वारा बताए गए स्थान छानबीन की. जहां से एक अधजला शव बरामद हुआ हुआ. जिसकी शिनाख्त न होने के कारण मंडावर पुलिस ने 19 जनवरी को हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया था. 23 जनवरी को ऋषिकेश पुलिस गुमशुदा राजकुमार गुप्ता के बेटे को मंडावर घटनास्थल पर ले गई. बेटे ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव के पास मिले समान की पहचान कर अपने पिता की पहचान की.
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एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पुलिस टीम ने गुमशुदा व्यक्ति की हत्या के आरोप में तीन आरोपी सुरेश चौधरी, इंद्रपाल सिंह और राजकुमार को गिरफ्तार किया है. आरोपी सुरेश ने बताया कि राजकुमार गुप्ता ब्याज पर पैसे देने का काम करते थे. सुरेश ने 2 साल पहले अपनी बेटी के शादी के लिए 6 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे. जिससे सुरेश किस्तों के रूप में लगातार दे रहा था, मगर राजकुमार गुप्ता सुरेश पर और पैसे के लिए लगातार दबाव बना रहा था.
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जिसके बाद आरोपी राजकुमार गुप्ता को जंगल में ले गया. जहां पहले से उसके दो साथी राजकुमार और इंद्रपाल गाड़ी में मौजूद थे. तीनों ने मिलकर राजकुमार गुप्ता की जंगल में रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी. 16 जनवरी की सुबह शव को मंडावर ले जाकर जला दिया.