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RTO कर्मचारी डकैती मामला: किसे सही माने पुलिस, कोई तो कर रहा गुमराह?

आरटीओ कर्मचारी डकैती मामले की जांच एसपी सिटी श्वेता चौबे को दी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस मामले में मुकदमा दर्ज करेगी.

RTO कर्मचारी डकैती मामला
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Published : Oct 7, 2019, 5:31 PM IST

देहरादून: आरटीओ कार्यालय देहरादून में तैनात संभागीय निरीक्षक आलोक की पत्नी ने चार महीन पहले घर में हुई डकैती के मामले में तहरीर दे दी है. हालांकि डकैतों और वादी द्वारा बताए गए तथ्यों में फर्क है. इसीलिए पुलिस पहले अपने स्तर पर मामले की जांच करेगी और उसके बाद रिपोर्ट दर्ज करेगी. यदि वादी के बताए गए तथ्य गलत होते हैं तो उसके खिलाफ पुलिस कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है.

मामले की जांच एसपी सिटी श्वेता चौबे को सौंपी गई है.

22 सितंबर को अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी के संचालक के घर हुई डकैती के मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान बदमाशों ने बताया था कि उन्होंने बसंत विहार थाना क्षेत्र में कुछ महीने पहले एक आरटीओ कर्मचारी अलोक के यहां 1 करोड़ 38 लाख रुपए की लूट की वरादात को अंजाम दिया था. पुलिस के लिए हैरानी की बात ये थी कि इस मामले में आलोक ने थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी.

पढ़ें- देहरादून डकैती कांड: पुलिस रिमांड में आरोपियों ने किए सनसनीखेज खुलासे

जिसके बाद पुलिस ने आलोक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बदमाशों ने किसी को कुछ बताने पर उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी. इसीलिए उसने पुलिस को कुछ नहीं बताया था. हालांकि बाद में इस मामले में रविवार को आलोक की पत्नी ने पुलिस को तहरीर दी. पुलिस को दी गई तहरीर में लूट की रकम 20 से 25 लाख रुपए बताई गई है, जबकि बदमाशों ने डकैती की रमक 1 करोड़ 38 लाख रुपए बताई. इसके अलावा तहरीर में दी गई कई अन्य जानकारियां भी संदेह के घेरे में हैं.

बदमाशों और वादी की तरफ से डकैती की जो रकम बताई गई है उसमें काफी अंतर है. ऐसे में पुलिस सच्चाई जाने में लगी है कि आखिर आरटीओ कर्मचारी के यहां कितने की डकैती हुई थी. मामले की जांच एसपी सिटी श्वेता चौबे को सौंपी गई है.

पढ़ें- लूटकांड प्रकरण: पीड़ित RTO अधिकारी ने तोड़ी चुप्पी, बेटे की मिली थी जान से मारने की धमकी

इस मामले में एसएसपी देहरादून अरुण मोहन जोशी ने बताया कि बदमाशों और आरटीओ कर्मचारी अलोक की पत्नी द्वारा बताई रकम में काफी फर्क है. रकम का सही आंकलन करने के लिए मामले की जांच एसपी सिटी श्वेता चौबे को दी गई है. जांच के बाद ही मामला दर्ज किया जाएगा. ऐसे में अगर आरटीओ कर्मचारी द्वारा दी गई तहरीर झूठी पाई जाती है तो पुलिस खुद वादी बनकर सच्चाई के आधार पर मुकदमा दर्ज करेगी. आने वाले समय में आयकर विभाग और ईडी की जांच में आरटीओ कर्मचारी आलोक की ओर भी मुश्किलें बढ़ सकती है.

देहरादून: आरटीओ कार्यालय देहरादून में तैनात संभागीय निरीक्षक आलोक की पत्नी ने चार महीन पहले घर में हुई डकैती के मामले में तहरीर दे दी है. हालांकि डकैतों और वादी द्वारा बताए गए तथ्यों में फर्क है. इसीलिए पुलिस पहले अपने स्तर पर मामले की जांच करेगी और उसके बाद रिपोर्ट दर्ज करेगी. यदि वादी के बताए गए तथ्य गलत होते हैं तो उसके खिलाफ पुलिस कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है.

मामले की जांच एसपी सिटी श्वेता चौबे को सौंपी गई है.

22 सितंबर को अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी के संचालक के घर हुई डकैती के मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान बदमाशों ने बताया था कि उन्होंने बसंत विहार थाना क्षेत्र में कुछ महीने पहले एक आरटीओ कर्मचारी अलोक के यहां 1 करोड़ 38 लाख रुपए की लूट की वरादात को अंजाम दिया था. पुलिस के लिए हैरानी की बात ये थी कि इस मामले में आलोक ने थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी.

पढ़ें- देहरादून डकैती कांड: पुलिस रिमांड में आरोपियों ने किए सनसनीखेज खुलासे

जिसके बाद पुलिस ने आलोक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बदमाशों ने किसी को कुछ बताने पर उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी. इसीलिए उसने पुलिस को कुछ नहीं बताया था. हालांकि बाद में इस मामले में रविवार को आलोक की पत्नी ने पुलिस को तहरीर दी. पुलिस को दी गई तहरीर में लूट की रकम 20 से 25 लाख रुपए बताई गई है, जबकि बदमाशों ने डकैती की रमक 1 करोड़ 38 लाख रुपए बताई. इसके अलावा तहरीर में दी गई कई अन्य जानकारियां भी संदेह के घेरे में हैं.

बदमाशों और वादी की तरफ से डकैती की जो रकम बताई गई है उसमें काफी अंतर है. ऐसे में पुलिस सच्चाई जाने में लगी है कि आखिर आरटीओ कर्मचारी के यहां कितने की डकैती हुई थी. मामले की जांच एसपी सिटी श्वेता चौबे को सौंपी गई है.

पढ़ें- लूटकांड प्रकरण: पीड़ित RTO अधिकारी ने तोड़ी चुप्पी, बेटे की मिली थी जान से मारने की धमकी

इस मामले में एसएसपी देहरादून अरुण मोहन जोशी ने बताया कि बदमाशों और आरटीओ कर्मचारी अलोक की पत्नी द्वारा बताई रकम में काफी फर्क है. रकम का सही आंकलन करने के लिए मामले की जांच एसपी सिटी श्वेता चौबे को दी गई है. जांच के बाद ही मामला दर्ज किया जाएगा. ऐसे में अगर आरटीओ कर्मचारी द्वारा दी गई तहरीर झूठी पाई जाती है तो पुलिस खुद वादी बनकर सच्चाई के आधार पर मुकदमा दर्ज करेगी. आने वाले समय में आयकर विभाग और ईडी की जांच में आरटीओ कर्मचारी आलोक की ओर भी मुश्किलें बढ़ सकती है.

Intro:summary- लूटकांड के पीड़ित आरटीओ कर्मचारी द्वारा दिए गए पुलिस तहरीर की मुकदमा दर्ज करने से पहले होगी जांच, एसपी सिटी द्वारा जांच कर तथ्यों के आधार पर होगा मुकदमा दर्ज, सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस भी पार्टी बनकर दर्ज कर सकती है मुकदमा।

आरटीओ कर्मी की तहरीर की जांच पड़ताल होने के बाद ही होगा दर्ज मुकदमा

देहरादून के आरटीओ कर्मचारी (RI) के घर चार माह पहले हुई..एक करोड़ 38 लाख डकैती मामलें पर RI आलोक की फजीहत कम होने का नाम नहीं ले रही है। रविवार आरटीओ कर्मी आलोक द्वारा देहरादून एसएसपी को घटना से जुड़े मामलें पर भले ही तहरीर दे दी गई हो,लेकिन शिकायत पत्र पर लूट की रकम ( 20 से 25 लाख) ही मात्र बताने के साथ ही कई तरह की जानकारी भी संदेह के घेरे में है,ऐसे पुलिस मुकदमा दर्ज करने से पहले इस मामलें पर आरटीओ कर्मचारी की पत्नी द्वारा दिये गए तहरीर पत्र की सही सच्चाई को तथ्यों के आधार पर स्पष्ट होने पर ही मुकदमा दर्ज करेगी।

एसपी सिटी करेगी तहरीर और अपराधियों के बयान की जांच

परिवहन विभाग के संभागीय निरीक्षक RI द्वारा दिये गए शिकायत पत्र की जांच-पड़ताल देहरादून एसएसपी द्वारा एसपी सिटी श्वेता चौबे को दी गई है, ऐसे में एसपी सिटी इस मामलें पर जांच-पड़ताल के दौरान अपराधियों के द्वारा दिए गए बयान और तहरीर पत्र की जानकारी को लेकर अलग से इन्वेस्टिगेशन में तथ्यों के आधार पर स्पष्ट करेगी, उधर जांच में अगर आरटीओ कर्मी की तहरीर गलत जानकारी वाली पाई गई तो,पुलिस खुद ही वादी बनकर लूट की सत्यता के आधार पर प्रकाश में आए एक करोड़ 38 लाख वाले सच्चाई के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगी.






Body:तहरीर पत्र पर रखा मगर झूठी पाई गई तो, आरटीओ कर्मचारी की आयकर विभाग और ईडी से बढ़ सकती है मुश्किल !!

उधर पुलिस को भी इस बात का संदेह है कि बार-बार पूछताछ करने के बावजूद लूटकांड के पीड़ित आरटीओ कर्मचारी क्यों लूट की रकम कमकर 20 से 25 लाख के आसपास ही बता रहे हैं। जबकि घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों का गिरोह द्वारा एक करोड़ 38 लूट को सावर्जनिक तौर पुलिस और मीडिया के सामने कबूल कर चुका है। ऐसे में अगर पुलिस आरटीओ कर्मचारी द्वारा दी गई तहरीर झूठी पाई जाती है तो, पुलिस जब खुद वादी बनकर सच्चाई के आधार पर मुकदमा दर्ज करेगी तो, आरटीओ कर्मचारी की इस मामले में आयकर विभाग और ईडी की तरफ से भी आने वाले दिनों में मुश्किलें भी बढ़ सकती है।

अभिमन्यु क्रिकेट अकैडमी संचालक के घर हुई डकैती खुलासे में
आरटीओ कर्मचारी के घर लूटकांड का हुआ था खुलासा

आरटीओ कर्मचारी के घर 4 माह पहले हुई डकैती मामले का खुलासा अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी संचालक के आवास में यहां हुई डकैती मामले में गिरफ्तार आरोपियों द्वारा किया गया था। पुलिस खुलासे के दौरान गिरोह के सदस्यों ने एक-एक कर माना कि उन्होंने 4 माह पहले आरटीओ कर्मचारी के घर एक करोड़ 38 लाख की लूट की वारदात को अंजाम दिया। जिसके चलते 6 लोगों के हिस्से में 23-23 लाख रुपए आए हैं।
उधर आरटीओ कर्मचारी के घर डकैती मामले की जानकारी सामने आने के बाद लगातार मामला चर्चाओं में आने के बाद आखिरकार आरटीओ कर्मी की पत्नी ने अपने वकीलों से सलाह मशवरा करने के बाद बमुश्किल इस मामले में बढ़ते फजीहत के चलते एक दिन पहले ही मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी है।


Conclusion:इन्वेस्टिगेशन के आधार पर पुलिस तय करेंगी कि, मुकदमा शिकायतकर्ता के आधार पर होगा या फिर पुलिस जांच के आधार पर होगा:एसएसपी

वहीं इस मामले में देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी का साफ तौर पर कहना है कि, भले ही आरटीओ कर्मचारी ने अपने घर पर हुई लूट की घटना बीते रोज रविवार में तहरीर दे दी हो, लेकिन इस तहरीर में कुछ जानकारियां संदेह के घेरे में है, क्योंकि गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों द्वारा घटना की रकम काफी बड़ी बढ़ाई गई थी.. ऐसे में इस मामले पर पुलिस दोनों और की जानकारी का क्रॉस एग्जामिन किया जा रहा है । एसएसपी जोशी के मुताबिक सही तथ्यों के जानकारी के आधार पर यह तय किया जाएगा कि,तहरीर आरटीओ कर्मचारी के शिकायत पर करनी है, या फिर पुलिस इन्वेस्टिगेशन के दौरान अलग तरह की सच्चाई आने पर खुद ही करनी है।

बाइट- अरुण मोहन जोशी एसएसपी देहरादून
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