देहरादून: उत्तराखंड में पुलिस रेंजों के पुर्नगठन करने के लिए कवायद कई सालों से चल रही है, लेकिन आज तक प्रस्ताव पर मोहर नहीं लगी है. उत्तराखंड में फिलहाल पुलिस की गढ़वाल और कुमाऊं दो रेंज है. गढ़वाल में देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिले शामिल हैं. वहीं कुमाऊं रेंज में नैनीताल, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर जिले आते हैं.
विभाग का दो पुलिस रेंज से जैसे तैसे काम चल रहा है, लेकिन दूरदराज के फरियादियों को इसका वो लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसकी उम्मीद थी. रेंज स्तर के अधिकारियों से मिलने के लिए लोगों का काफी लंबी यात्रा करनी पड़ती है. जिससे उनके समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है.
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राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड में पुलिस रेंजों का ये स्वरूप चलता आ रहा है. पहाड़ के लोगों की समस्याओं को देखते हुए इसके पुर्नगठन की कवायद तो चल रही है, लेकिन आज तक इस पर काम नहीं हुआ. ऐसे में जब केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर राज्यों में पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार और कल्याण को लेकर मुहिम शुरू हुई है तो पुलिस रेंजों के पूर्णगठन के प्रस्ताव पर एक बार फिर विचार शुरू हो गया है. उत्तराखंड में अगर रेंजों का पुर्नगठन हो जाता है तो क्षेत्रीय लोगों को डीआईजी तक पहुंचने में आसानी होगी. साथ ही अधिकारियों को भी जिलों की निगरानी करने में आसानी होगी.
नई पुलिस रेंज का पूर्णगठन इस प्रकार होगा
- देहरादून रेंज में देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी जिले आएंगे.
- हरिद्वार रेंज में हरिद्वार, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले आएंगे.
- उधम सिंह नगर रेंज में उधमसिंह नगर, चंपावत और पिथौरागढ़ जिले होंगे.
- नैनीताल रेंज में नैनीताल, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिला होगा.
इस बारे में जब डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से बात कि गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं.