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विकासनगर KVK ढकरानी में तैयार किए गए PKM 1 पौध की नर्सरी, जानें गुण - सहजन का पेड़

विकासनगर कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी में पीकेएम 1 पौध (सहजन पौध) की नर्सरी तैयार की गई है. ये पौधा तमिलनाडु यूनिवर्सिटी से मंगाया गया था. अभी तक केंद्र 1250 पौधे देहरादून के किसानों को उपलब्ध करा चुका है.

Vikas Nagar
विकासनगर
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Published : Sep 21, 2022, 12:44 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 1:08 PM IST

विकासनगरः कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी ने सहजन पौधे पीकेएम 1 (सहजन का पेड़) को तमिलनाडु यूनिवर्सिटी से मंगवाकर प्लांट तैयार (PKM 1 tree ready in Krishi Vigyan Kendra Dhakrani) किए हैं. विटामिन से भरपूर सहजन (drumstick tree) के 1250 पौधे किसानों को देहरादून जिले में उपलब्ध कराए गए हैं. कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के प्रभारी विज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार शर्मा ने पौधे के गुण बताए हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी में सहजन वृक्ष के प्लांट तैयार कर किसानों को करीब 1250 पौधे जिला देहरादून में उपलब्ध कराए गए हैं. इस वृक्ष की खासियत यह है कि इस वृक्ष का लाभ हमारे दैनिक उपयोग में लिया जा सकता है. पौधे के फल, फूल, पत्तियां, छाल, जड़ आदि इसके हर भाग में आयरन, कैल्शियम, विटामिन B भरपूर मात्रा में मिलता है. यह पौधा कई वर्षों जीवित रहता है. सहजन के पौधे को बहुवर्षीय वृक्ष कहा जाता है.

कृषि विज्ञान केंद्र में सहजन पेड़ की नर्सरी तैयार की गई.
ये भी पढ़ेंः ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए पुलिस ने शुरू की नई पहल, देहरादून से होगी शुरूआत

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि यह वृक्ष मुख्यतः दक्षिण भारत के गर्म जलवायु का पौधा है. ग्लोबल वार्मिंग के चलते उत्तर भारत में भी बड़ी मात्रा में किसान अपने खेतों में गृह वाटिका में लगा रहे हैं. इस पौधे की उम्र कम से कम 15 साल और ज्यादा से ज्यादा 25 तक होती है. इस पौधे के लिए हर तरह की मिट्टी उपजाऊ है. अभी तक कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी की तरफ से इस पेड़ की वैरायटी पीकीएम 1 को तमिलनाडु यूनिवर्सिटी से मंगवाया है.

विकासनगरः कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी ने सहजन पौधे पीकेएम 1 (सहजन का पेड़) को तमिलनाडु यूनिवर्सिटी से मंगवाकर प्लांट तैयार (PKM 1 tree ready in Krishi Vigyan Kendra Dhakrani) किए हैं. विटामिन से भरपूर सहजन (drumstick tree) के 1250 पौधे किसानों को देहरादून जिले में उपलब्ध कराए गए हैं. कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के प्रभारी विज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार शर्मा ने पौधे के गुण बताए हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी में सहजन वृक्ष के प्लांट तैयार कर किसानों को करीब 1250 पौधे जिला देहरादून में उपलब्ध कराए गए हैं. इस वृक्ष की खासियत यह है कि इस वृक्ष का लाभ हमारे दैनिक उपयोग में लिया जा सकता है. पौधे के फल, फूल, पत्तियां, छाल, जड़ आदि इसके हर भाग में आयरन, कैल्शियम, विटामिन B भरपूर मात्रा में मिलता है. यह पौधा कई वर्षों जीवित रहता है. सहजन के पौधे को बहुवर्षीय वृक्ष कहा जाता है.

कृषि विज्ञान केंद्र में सहजन पेड़ की नर्सरी तैयार की गई.
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कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि यह वृक्ष मुख्यतः दक्षिण भारत के गर्म जलवायु का पौधा है. ग्लोबल वार्मिंग के चलते उत्तर भारत में भी बड़ी मात्रा में किसान अपने खेतों में गृह वाटिका में लगा रहे हैं. इस पौधे की उम्र कम से कम 15 साल और ज्यादा से ज्यादा 25 तक होती है. इस पौधे के लिए हर तरह की मिट्टी उपजाऊ है. अभी तक कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी की तरफ से इस पेड़ की वैरायटी पीकीएम 1 को तमिलनाडु यूनिवर्सिटी से मंगवाया है.

Last Updated : Sep 21, 2022, 1:08 PM IST
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