मसूरी: जॉर्ज एवरेस्ट हाउस को संचालित करने के लिए सरकार द्वारा ठेकेदार को संचालन के लिए दे दिया गया है, लेकिन ठेकेदार द्वारा पर्यटकों और स्थानीय लोगों से मनमानी तरीके से जॉर्ज एवरेस्ट हाउस जाने के लिए ₹200 प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है. साथ ही पार्किंग के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है. ऐसे में स्थानीय लोगों द्वारा विरोध शुरू कर दिया गया है.
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा करीब 25 करोड़ रुपये की लागत से जॉर्ज एवरेस्ट हाउस और आसपास के क्षेत्र का जीर्णोद्धार किया गया था. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने जॉर्ज एवरेस्ट को भू-माफियाओं के हाथों बेंच दिया है. कई स्थानीय लोगों के जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के आसपास घर और जमीन है. ऐसे में उनको भी जाने नहीं दिया जा रहा है. जिससे लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के आने-जाने के संपर्क मार्ग को भी ठेकेदार द्वारा बंद कर दिया गया है. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ठेकेदार द्वारा नगर पालिका मसूरी की सड़क पर वाहनों को पार्क कराकर अवैध वसूली की जा रही है, जो कि बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के आसपास वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है, जहां पर ध्वनि प्रदूषण करना एक तरीके का अपराध है, लेकिन सरकार की मनमानी से वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के ऊपर हेलीकॉप्टर उड़ाए जा रहे हैं. जिससे जंगली जानवर भी प्रभावित हो रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि जॉर्ज एवरेस्ट में स्थानीय लोगों के लिए आने-जाने की निशुल्क सेवा हो और पार्किंग की दर भी न्यूनतम रखी जाए. साथ ही ठेकेदार द्वारा बंद किए गए जनसंपर्क मार्गों को भी तत्काल खोल दिया जाए. जिससे लोगों को आवाजाही में राहत मिले. वहीं, अगर ठेकेदार द्वारा की जा रही मनमानी पर रोक नहीं लगाई गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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पंजाब से आए पर्यटक कमलजीत सिंह ने बताया कि वह अपने 50 छात्रों के साथ मसूरी घूमने के लिए आए थे. जॉर्ज एवरेस्ट में प्रत्येक छात्र से ₹200 वसूला गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार पर्यटक उद्योग को बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार कर रही है, लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है. इसके अलावा उन्होंने ठेकेदार पर पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था ना होने का आरोप लगाया है.
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