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लघु-कुटीर उद्योगों ने बनाया आत्मनिर्भर, 10 हजार से ज्यादा युवाओं को मिला रोजगार

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Published : Dec 13, 2019, 5:35 PM IST

PMEGP योजना से प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी सभी जनपदों के कई लोग लाभान्वित हो रहे हैं. इन लघु और कुटीर उद्योगों से जुड़कर 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल चुका है.

Uttarakhand
देहरादून

देहरादून: केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाते हुए अब प्रदेश में भी लोग लगातार छोटे उद्योग स्थापित कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. उत्तराखंड में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए प्रदेश में 1158 छोटे उद्योग स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था. ऐसे में इस योजना का लाभ उठाते हुए प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी और मैदानी जनपदों में कई तरह के लघु उद्योग शुरू कर लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं. इसमें सिलाई-बुनाई से जुड़ा लघु उद्योग, आटा चक्की, ब्यूटी पार्लर, चाय की दुकान, बेकरी, मधुमक्खी पालन जैसे उद्योग शामिल हैं.

आत्मनिर्भर हो रहे लोग

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) एक ऐसी योजना है जिसके तहत उद्योग लगाने पर 25 लाख और सेवा क्षेत्र में निवेश करने पर 10 लाख रुपए तक का कर्ज आसानी से मिल जाता है. वहीं यहां सामान्य जाति के आवेदकों को लोन की रकम पर 15 प्रतिशत सब्सिडी और आरक्षित जाति के आवेदकों को 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलने का भी प्रावधान है.

पढ़ें- कार से भिड़ंत होते ही कई फीट हवा में उछले बाइक सवार, देखें रोंगटे खड़े करने वाला VIDEO

PMEGP योजना के बारे में उद्योग निदेशक एससी नौटियाल बताते हैं कि इस योजना से प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी जनपदों में कई लोग लाभान्वित हो रहे हैं. इन उद्योगों से जुड़कर 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल चुका है.

देहरादून: केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाते हुए अब प्रदेश में भी लोग लगातार छोटे उद्योग स्थापित कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. उत्तराखंड में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए प्रदेश में 1158 छोटे उद्योग स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था. ऐसे में इस योजना का लाभ उठाते हुए प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी और मैदानी जनपदों में कई तरह के लघु उद्योग शुरू कर लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं. इसमें सिलाई-बुनाई से जुड़ा लघु उद्योग, आटा चक्की, ब्यूटी पार्लर, चाय की दुकान, बेकरी, मधुमक्खी पालन जैसे उद्योग शामिल हैं.

आत्मनिर्भर हो रहे लोग

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) एक ऐसी योजना है जिसके तहत उद्योग लगाने पर 25 लाख और सेवा क्षेत्र में निवेश करने पर 10 लाख रुपए तक का कर्ज आसानी से मिल जाता है. वहीं यहां सामान्य जाति के आवेदकों को लोन की रकम पर 15 प्रतिशत सब्सिडी और आरक्षित जाति के आवेदकों को 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलने का भी प्रावधान है.

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PMEGP योजना के बारे में उद्योग निदेशक एससी नौटियाल बताते हैं कि इस योजना से प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी जनपदों में कई लोग लाभान्वित हो रहे हैं. इन उद्योगों से जुड़कर 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल चुका है.

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देहरादून- केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाते हुए अब प्रदेश में भी लोग लगातार छोटे उद्योग स्थापित कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं ।

बता दें कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ( PMEGP) योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए प्रदेश में 1158 छोटे उद्योग स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था । ऐसे में इस योजना का लाभ उठाते हुए प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी और मैदानी जनपदों में लोग कई तरह के छोटे उद्योग शुरू कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं । इसमें सिलाई बुनाई से जुड़ा छोटा उद्योग, आटा चक्की, ब्यूटी पार्लर, चाय की दुकान, बेकरी , मधु मक्की पालन जैसे छोटे उद्योग शामिल हैं ।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ( PMEGP) एक ऐसी योजना है जिसके तहत उद्योग लगाने पर 25 लाख और सेवा क्षेत्र में निवेश करने पर 10 लाख रुपए तक का कर्ज आसानी से मिल पाता है। वहीं यहां सामान्य जाति के आवेदकों को लोन की रकम पर 15% सब्सिडी और आरक्षित जाति के आवेदकों को 25% तक की सब्सिडी मिलने का भी प्रावधान है।




Body:PMEGP योजना के विषय में उद्योग निदेशक एस. सी नौटियाल बताते हैं कि इस योजना से प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी सभी जनपदों के कई लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही इन छोटे उद्योगों से जुड़कर 10 हज़ार से भी ज्यादा लोगो को रोजगार मिल चुका है ।

बाइट- एस. सी नौटियाल निदेशक उद्योग निदेशालय उत्तराखण्ड









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