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विकासनगरः नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में बंद रहे प्राइवेट क्लीनिक, मरीज हुए बेहाल - विकासनगर न्यूज

पछुवादून के निजी चिकित्सकों ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में आईएमए के आह्वान पर अपने क्लीनिक बंद रखे.

प्राइवेट क्लीनिक
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Published : Sep 1, 2019, 11:42 AM IST

विकासनगर: पछुवादून क्षेत्र में शनिवार को प्राइवेट डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान रहे. एक दिवसीय हड़ताल के कारण दूर-दूर से आए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में उपचार न मिलने उन्हे कॉफी परेशानी हुई. जिस कारण मरीजों को लौटना पड़ा. निजी चिकित्सक नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध कर रहे हैं. जिसके चलते पछवादून के निजी चिकित्सकों ने आईएमए के आह्वान पर अपने निजी क्लीनिक बंद रखे. सुबह से ही निजी अस्पतालों के बाहर मरीजों आवागमन लगा रहा, लेकिन अस्पताल बंद होने के कारण लोगों को बैरंग लौटना पड़ा.

निजी चिकित्सकों ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का किया विरोध.

दूर-दूर से आए मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. हालांकि आपातकालीन सेवाओं को हड़ताल से मुक्त रखा गया. इसी को लेकर पिछले दिनों पछवादून के करीब दर्जनों निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने बैठक कर इस बिल का विरोध जताया था.

यह भी पढ़ेंः छात्र संघ चुनावः पुलिस प्रशासन मुस्तैद, हुडदंग किया तो लिंगदोह की धाराओं में होगी कार्रवाई

गौर है कि जौनसार बावर चकराता में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. जिसके चलते हजारों की आबादी वाले क्षेत्र के सारे मरीज प्राइवेट डॉक्टरों पर ही निर्भर हैं. ऐसे में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते लोग किस कदर परेशान हुए तस्वीरें आपके सामने हैं.

वहीं, पछुवादून के सीनियर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश भंडारी ने बताया कि सरकार का यह निर्णय बिल्कुल ही गलत है. इससे झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा और लूट की चोट ज्यादा होगी. जिससे मरीजों को परेशानी होगी. जल्दी ही सरकार निजी डॉक्टरों के हक में फैसला सुनाए.

विकासनगर: पछुवादून क्षेत्र में शनिवार को प्राइवेट डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान रहे. एक दिवसीय हड़ताल के कारण दूर-दूर से आए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में उपचार न मिलने उन्हे कॉफी परेशानी हुई. जिस कारण मरीजों को लौटना पड़ा. निजी चिकित्सक नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध कर रहे हैं. जिसके चलते पछवादून के निजी चिकित्सकों ने आईएमए के आह्वान पर अपने निजी क्लीनिक बंद रखे. सुबह से ही निजी अस्पतालों के बाहर मरीजों आवागमन लगा रहा, लेकिन अस्पताल बंद होने के कारण लोगों को बैरंग लौटना पड़ा.

निजी चिकित्सकों ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का किया विरोध.

दूर-दूर से आए मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. हालांकि आपातकालीन सेवाओं को हड़ताल से मुक्त रखा गया. इसी को लेकर पिछले दिनों पछवादून के करीब दर्जनों निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने बैठक कर इस बिल का विरोध जताया था.

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गौर है कि जौनसार बावर चकराता में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. जिसके चलते हजारों की आबादी वाले क्षेत्र के सारे मरीज प्राइवेट डॉक्टरों पर ही निर्भर हैं. ऐसे में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते लोग किस कदर परेशान हुए तस्वीरें आपके सामने हैं.

वहीं, पछुवादून के सीनियर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश भंडारी ने बताया कि सरकार का यह निर्णय बिल्कुल ही गलत है. इससे झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा और लूट की चोट ज्यादा होगी. जिससे मरीजों को परेशानी होगी. जल्दी ही सरकार निजी डॉक्टरों के हक में फैसला सुनाए.

Intro:पछुवादून क्षेत्र में प्राइवेट डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान रहे एक दिवसीय हड़ताल के कारण दूर-दूर से आए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में नहीं मिला उपचार जिस कारण से लौटना पड़ा वापस.


Body:नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के खिलाफ पछवा दून के निजी चिकित्सक आज आई एम ए के आह्वान पर आज निजी क्लीनिक बंद रखे गए आज सुबह से ही निजी अस्पतालों के बाहर मरीजों आवागमन लगा रहा लेकिन निजी अस्पताल बंद होने के कारण लोग दूर-दूर से आकर वापस चले गए जबकि आपातकालीन सेवाएं हड़ताल से मुक्त रखा गया इसी को लेकर बुधवार को एक निजी होटल में पछवा दून के करीब दर्जनों निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने बैठक कर इस बिल का विरोध जताया.
गौर की जौनसार बावर चकराता मैं स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है जिसके चलते हजारों की आबादी वाले क्षेत्र के सारे मरीज प्राइवेट डॉक्टरों पर ही निर्भर है ऐसे में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते लोग किस कदर परेशान तस्वीरें आपके सामने हैं


Conclusion:वहीं पछवा दून के सीनियर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश भंडारी ने बताया कि सरकार का यह निर्णय बिल्कुल ही गलत है इससे झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा और लूट का चोट ज्यादा होगी जिससे मरीजों को परेशानी होगी जल्दी ही सरकार निजी डॉक्टरों के हक में फैसला सुनाए.
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