देहरादून: कोविड-19 मुश्किल समय में घर से निकलकर अस्पतालों में मरीजों के साथ काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी अब सड़कों पर आ गए हैं. उत्तराखंड में कोरोनाकाल के दौरान अस्पतालों में डट कर काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने हटाया तो कर्मचारियों ने अपना आंदोलन शुरू कर दिया है. इस कड़ी में हटाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकालकर विभाग में दोबारा नियुक्ति की मांग की.
दरअसल, कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग ने आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति करते हुए उन्हें कोरोना मरीजों के साथ ड्यूटी पर लगाया था. लेकिन अब जिस तरह से मामले कम हो गए हैं, उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने विभाग से बाहर कर दिया है. वहीं सरकार की तरफ से उनके लिए अब कोई बजट नहीं आ रहा है, लिहाजा विभाग की मजबूरी है कि उन्हें काम पर न रखा जा सकता.
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लेकिन इस स्थिति को लेकर आउटपुट कर्मचारियों ने सवाल खड़ा किया है. कर्मचारियों ने आंदोलन करते हुए साफ किया है कि जब प्रदेशवासियों को अस्पतालों में कर्मचारियों की जरूरत थी तो आउटपुट कर्मचारियों से इस महामारी के बीच काम कराया गया. कर्मचारियों ने भी बिना किसी चिंता के जान खतरे में डालकर काम किया. लेकिन अब संक्रमण कुछ कम हो गया है तो स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें दूध में से मक्खी की तरह बाहर निकाल दिया है. कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकालते हुए सरकार से नियुक्ति की मांग की है.