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उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल रह चुकी हैं मार्ग्रेट अल्वा, उपराष्ट्रपति पद की होंगी उम्मीदवार

विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल रह चुकी हैं. उन्होंने भुवनचंद्र खंडूड़ी को मुख्यमंत्री पद की शपथ भी दिलाई थी. उनके कार्यकाल को आज भी याद किया जाता है.

Margaret Alva
मार्ग्रेट अल्वा
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Published : Jul 18, 2022, 7:19 AM IST

देहरादून: विपक्षी पार्टियों ने मार्ग्रेट अल्वा (Margaret Alva) को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. अल्वा पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं. वे उत्तराखंड समेत चार राज्यों की राज्यपाल भी रह चुकी हैं. इतना ही नहीं उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा ही बनी थीं. ऐसे में उत्तराखंड से भी उनका खास नाता रहा है.

गौर हो कि विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा 6 अगस्त 2009 को उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल (First Woman Governor of Uttarakhand) बनीं थी. वे 14 मई 2012 तक इस पद पर रहीं. उन्होंने उत्तराखंड में राज्यपाल पद पर बनवारी लाल जोशी (Banwari Lal Joshi) की जगह ली थी. राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल को आज भी याद किया जाता है. 11 सितंबर 2011 को उन्होंने भुवनचंद्र खंडूड़ी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी.

मार्ग्रेट अल्वा के उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ भी संबंध काफी सौहार्दपूर्ण रहे. उत्तराखंड की राज्यपाल रहने के बाद उन्हें राजस्थान का राज्यपाल (Governor of Rajasthan) नियुक्त किया गया. साल 2014 तक मार्ग्रेट अल्वा राजस्थान की राज्यपाल रहीं. इसके अलावा अल्वा गुजरात (Governor of Gujarat) और गोवा (Governor of Goa) की राज्यपाल भी रहीं.

बता दें कि विपक्ष से उपराष्ट्रपति पद पर (Vice President Election 2022) मार्ग्रेट अल्वा उम्मीदवार होंगी. बीते रविवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसकी घोषणा की. अल्वा की सास वायलेट अल्वा 1960 के दशक में राज्यसभा की स्पीकर थी. मार्ग्रेट अल्वा 19 जुलाई को सुबह 11 बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी. जो छह अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है.

ये भी पढ़ेंः मार्ग्रेट अल्वा विपक्ष की ओर से उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी, राउत बोले- शिवसेना देगी साथ

मार्ग्रेट अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में लिया गया. पवार ने दो घंटे की बैठक के बाद घोषणा करते हुए कहा, 'हमने सर्वसम्मति से मार्ग्रेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का फैसला किया है.' उन्होंने कहा, 'हमारी सामूहिक सोच है कि अल्वा मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करेंगी.' पवार ने कहा कि कुल 17 दलों ने सर्वसम्मति से अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला किया है और तृणमूल कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी के समर्थन से वह कुल 19 पार्टियों की संयुक्त उम्मीदवार होंगी.

कौन हैं मार्ग्रेट अल्वाः मार्ग्रेट अल्वा का जन्म कर्नाटक के मंगलुरु में 24 मई 1942 को हुआ. उन्होंने बेंगलुरु में अपनी पढ़ाई की. उनकी शादी 1964 में निरंजन अल्वा से हुई. उनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं. मार्ग्रेट अल्वा ने वकालत की पढ़ाई कर एडवोकेट के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. कांग्रेस ने साल 1975 में उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया था.

मार्ग्रेट अल्वा पांच बार सांसद रह चुकी हैं. चार बार राज्यसभा और एक बार लोकसभा की सदस्य चुनीं गईं. साल 1999 में वे लोकसभा की सदस्य बनीं थीं. जबकि, मार्ग्रेट अल्वा केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. उधर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है.

जगदीप धनखड़ से होगा मार्ग्रेट अल्वा का मुकाबलाः मार्ग्रेट अल्वा का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से है. धनखड़ इस वक्त पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं. वे जाट समुदाय से आते हैं. धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी मार्ग्रेट अल्वा का समर्थन करेगी. राउत ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी महिला उम्मीदवार को लेकर भावनाएं थीं, इसलिए उन्होंने उनका समर्थन किया, लेकिन उपराष्ट्रपति पद को लेकर हमारी स्थिति साफ है और हम विपक्षी दलों के साथ हैं.

देहरादून: विपक्षी पार्टियों ने मार्ग्रेट अल्वा (Margaret Alva) को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. अल्वा पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं. वे उत्तराखंड समेत चार राज्यों की राज्यपाल भी रह चुकी हैं. इतना ही नहीं उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा ही बनी थीं. ऐसे में उत्तराखंड से भी उनका खास नाता रहा है.

गौर हो कि विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा 6 अगस्त 2009 को उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल (First Woman Governor of Uttarakhand) बनीं थी. वे 14 मई 2012 तक इस पद पर रहीं. उन्होंने उत्तराखंड में राज्यपाल पद पर बनवारी लाल जोशी (Banwari Lal Joshi) की जगह ली थी. राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल को आज भी याद किया जाता है. 11 सितंबर 2011 को उन्होंने भुवनचंद्र खंडूड़ी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी.

मार्ग्रेट अल्वा के उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ भी संबंध काफी सौहार्दपूर्ण रहे. उत्तराखंड की राज्यपाल रहने के बाद उन्हें राजस्थान का राज्यपाल (Governor of Rajasthan) नियुक्त किया गया. साल 2014 तक मार्ग्रेट अल्वा राजस्थान की राज्यपाल रहीं. इसके अलावा अल्वा गुजरात (Governor of Gujarat) और गोवा (Governor of Goa) की राज्यपाल भी रहीं.

बता दें कि विपक्ष से उपराष्ट्रपति पद पर (Vice President Election 2022) मार्ग्रेट अल्वा उम्मीदवार होंगी. बीते रविवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसकी घोषणा की. अल्वा की सास वायलेट अल्वा 1960 के दशक में राज्यसभा की स्पीकर थी. मार्ग्रेट अल्वा 19 जुलाई को सुबह 11 बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी. जो छह अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है.

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मार्ग्रेट अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में लिया गया. पवार ने दो घंटे की बैठक के बाद घोषणा करते हुए कहा, 'हमने सर्वसम्मति से मार्ग्रेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का फैसला किया है.' उन्होंने कहा, 'हमारी सामूहिक सोच है कि अल्वा मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करेंगी.' पवार ने कहा कि कुल 17 दलों ने सर्वसम्मति से अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला किया है और तृणमूल कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी के समर्थन से वह कुल 19 पार्टियों की संयुक्त उम्मीदवार होंगी.

कौन हैं मार्ग्रेट अल्वाः मार्ग्रेट अल्वा का जन्म कर्नाटक के मंगलुरु में 24 मई 1942 को हुआ. उन्होंने बेंगलुरु में अपनी पढ़ाई की. उनकी शादी 1964 में निरंजन अल्वा से हुई. उनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं. मार्ग्रेट अल्वा ने वकालत की पढ़ाई कर एडवोकेट के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. कांग्रेस ने साल 1975 में उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया था.

मार्ग्रेट अल्वा पांच बार सांसद रह चुकी हैं. चार बार राज्यसभा और एक बार लोकसभा की सदस्य चुनीं गईं. साल 1999 में वे लोकसभा की सदस्य बनीं थीं. जबकि, मार्ग्रेट अल्वा केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. उधर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है.

जगदीप धनखड़ से होगा मार्ग्रेट अल्वा का मुकाबलाः मार्ग्रेट अल्वा का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से है. धनखड़ इस वक्त पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं. वे जाट समुदाय से आते हैं. धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी मार्ग्रेट अल्वा का समर्थन करेगी. राउत ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी महिला उम्मीदवार को लेकर भावनाएं थीं, इसलिए उन्होंने उनका समर्थन किया, लेकिन उपराष्ट्रपति पद को लेकर हमारी स्थिति साफ है और हम विपक्षी दलों के साथ हैं.

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