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डीजल-पेट्रोल को लेकर सियासत, आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी

लगातार देश में बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आम जनता बेहाल है. वहीं, पेट्रोल-डीजल को लेकर देश और प्रदेश दोनों जगहों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर राजनीति हो रही है.

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डीजल-पेट्रोल को लेकर सियासत
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Published : Jul 3, 2020, 8:22 AM IST

Updated : Jul 3, 2020, 8:57 AM IST

देहरादून: डीजल और पेट्रोल के दामों को लेकर प्रदेश में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. प्रदेश के भीतर बढ़ रहे डीजल-पेट्रोल के दामों को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. एक ओर कांग्रेस आगामी 6 जुलाई से प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का कार्यक्रम तय कर चुकी है तो वहीं, सत्ताधारी बीजेपी कोरोना काल में इन मुद्दों को लेकर राजनीति न करने की नसीहत दे रही है.

डीजल-पेट्रोल को लेकर सियासत

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है. इसके बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसके विरोध में कांग्रेस आगामी 6 जुलाई को विरोध प्रदर्शन करने जा रही है. कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रदेशभर के सभी पेट्रोल फिलिंग स्टेशनों पर सात-सात लोगों की टोलियां बनाकर मौजूद रहेंगे. इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लेकर पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में हो रही बढ़ोत्तरी का विरोध करते हुए ना सिर्फ प्रदर्शन करेंगे, बल्कि पेट्रोल-डीजल पंपों से तेल भरवाने वाले उपभोक्ताओं को इस लूट से अवगत भी कराएंगे.

ये भी पढ़ें: अनलॉक-2.0: रसोई गैस सिलेंडर के बढ़े दाम, जानिए क्या है रेट

वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने पेट्रोल-डीजल को लेकर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर इस पर राजनीति नहीं करती तो अच्छा था. कांग्रेस के लोगों को यह पता है कि तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के मूल्य निर्धारित करने का अधिकार दिया गया था. अगर कांग्रेस पेट्रोल-डीजल को लेकर विरोध कर रही है तो वह क्यों नहीं महाराष्ट्र में तेल को टैक्स फ्री कर देती है. अगर महाराष्ट्र में ऐसा नहीं कर सकती तो अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स को शून्य कर दे. इससे अन्य राज्यों को भी लगेगा कि उन्हें भी तेल पर लगने वाले टैक्स में छूट देनी चाहिए.

देहरादून: डीजल और पेट्रोल के दामों को लेकर प्रदेश में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. प्रदेश के भीतर बढ़ रहे डीजल-पेट्रोल के दामों को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. एक ओर कांग्रेस आगामी 6 जुलाई से प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का कार्यक्रम तय कर चुकी है तो वहीं, सत्ताधारी बीजेपी कोरोना काल में इन मुद्दों को लेकर राजनीति न करने की नसीहत दे रही है.

डीजल-पेट्रोल को लेकर सियासत

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है. इसके बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसके विरोध में कांग्रेस आगामी 6 जुलाई को विरोध प्रदर्शन करने जा रही है. कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रदेशभर के सभी पेट्रोल फिलिंग स्टेशनों पर सात-सात लोगों की टोलियां बनाकर मौजूद रहेंगे. इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लेकर पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में हो रही बढ़ोत्तरी का विरोध करते हुए ना सिर्फ प्रदर्शन करेंगे, बल्कि पेट्रोल-डीजल पंपों से तेल भरवाने वाले उपभोक्ताओं को इस लूट से अवगत भी कराएंगे.

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वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने पेट्रोल-डीजल को लेकर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर इस पर राजनीति नहीं करती तो अच्छा था. कांग्रेस के लोगों को यह पता है कि तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के मूल्य निर्धारित करने का अधिकार दिया गया था. अगर कांग्रेस पेट्रोल-डीजल को लेकर विरोध कर रही है तो वह क्यों नहीं महाराष्ट्र में तेल को टैक्स फ्री कर देती है. अगर महाराष्ट्र में ऐसा नहीं कर सकती तो अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स को शून्य कर दे. इससे अन्य राज्यों को भी लगेगा कि उन्हें भी तेल पर लगने वाले टैक्स में छूट देनी चाहिए.

Last Updated : Jul 3, 2020, 8:57 AM IST
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