देहरादून: बदलती जीवनशैली और बदलते खानपान के साथ ही बीते कुछ सालों से देश में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. जहां लोगों को 40 की उम्र के पार करने के बाद हृदय रोग की शुरुआत होती थी. वहीं, अब 20 से 25 साल की उम्र में ही युवा हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं.
बता दें कि पिछले 25 सालों के दौरान भारत के हर राज्य में हृदय संबंधी बीमारियों और हार्टअटैक के मामलों में 50% से अधिक इजाफा हुआ है, जिसमें महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में हृदय रोग के कारण मौत और पैरालाइसिस का अनुपात काफी अधिक है. ऐसे में देखा जाए तो 1990 से लेकर अब तक देश में लगभग 30% लोगों की मौत हृदय गति रुकने और हार्टअटैक से हुई है.
वहीं, भारत मे बढ़ते हृदय रोगियों के संबंध में जानकारी देते हुए देहरादून के जानेमाने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र सिंह ने बताया कि, बीते 50 सालों में अन्य देशों की तुलना में भारत में हृदय रोगियों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसका मुख्य कारण खान-पान में बदलाव और जीवनशैली में व्यायाम का न होना है.
हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि, यदि कोई हृदय रोग से बचना चाहता है, तो उसे अपनी जीवन शैली में समय रहते ही बदलाव लाना चाहिए, यदि कोई धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करता है, तो उसे इसका सेवन बंद कर देना चाहिए. साथ ही अपनी दिनचर्या में व्यायाम के साथ खाने में फलों और सब्जियों को तरजीह देना चाहिए.