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अगर हार्टअटैक से बचना है तो करें ये काम, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ ? - देहरादून हिंदी समाचार

यदि कोई हृदय रोग से बचना चाहता है, तो उसे अपनी जीवन शैली में समय रहते ही बदलाव लाना होगा, यदि कोई धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करता है, तो उसे इसका सेवन बंद कर देना चाहिए.

अगर हार्टअटैक से बचना है तो शुरू किजिए एक्सरसाइज
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Published : Sep 22, 2019, 10:06 PM IST

देहरादून: बदलती जीवनशैली और बदलते खानपान के साथ ही बीते कुछ सालों से देश में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. जहां लोगों को 40 की उम्र के पार करने के बाद हृदय रोग की शुरुआत होती थी. वहीं, अब 20 से 25 साल की उम्र में ही युवा हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं.

अगर हार्टअटैक से बचना है तो शुरू किजिए एक्सरसाइज

बता दें कि पिछले 25 सालों के दौरान भारत के हर राज्य में हृदय संबंधी बीमारियों और हार्टअटैक के मामलों में 50% से अधिक इजाफा हुआ है, जिसमें महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में हृदय रोग के कारण मौत और पैरालाइसिस का अनुपात काफी अधिक है. ऐसे में देखा जाए तो 1990 से लेकर अब तक देश में लगभग 30% लोगों की मौत हृदय गति रुकने और हार्टअटैक से हुई है.

वहीं, भारत मे बढ़ते हृदय रोगियों के संबंध में जानकारी देते हुए देहरादून के जानेमाने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र सिंह ने बताया कि, बीते 50 सालों में अन्य देशों की तुलना में भारत में हृदय रोगियों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसका मुख्य कारण खान-पान में बदलाव और जीवनशैली में व्यायाम का न होना है.

हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि, यदि कोई हृदय रोग से बचना चाहता है, तो उसे अपनी जीवन शैली में समय रहते ही बदलाव लाना चाहिए, यदि कोई धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करता है, तो उसे इसका सेवन बंद कर देना चाहिए. साथ ही अपनी दिनचर्या में व्यायाम के साथ खाने में फलों और सब्जियों को तरजीह देना चाहिए.

देहरादून: बदलती जीवनशैली और बदलते खानपान के साथ ही बीते कुछ सालों से देश में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. जहां लोगों को 40 की उम्र के पार करने के बाद हृदय रोग की शुरुआत होती थी. वहीं, अब 20 से 25 साल की उम्र में ही युवा हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं.

अगर हार्टअटैक से बचना है तो शुरू किजिए एक्सरसाइज

बता दें कि पिछले 25 सालों के दौरान भारत के हर राज्य में हृदय संबंधी बीमारियों और हार्टअटैक के मामलों में 50% से अधिक इजाफा हुआ है, जिसमें महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में हृदय रोग के कारण मौत और पैरालाइसिस का अनुपात काफी अधिक है. ऐसे में देखा जाए तो 1990 से लेकर अब तक देश में लगभग 30% लोगों की मौत हृदय गति रुकने और हार्टअटैक से हुई है.

वहीं, भारत मे बढ़ते हृदय रोगियों के संबंध में जानकारी देते हुए देहरादून के जानेमाने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र सिंह ने बताया कि, बीते 50 सालों में अन्य देशों की तुलना में भारत में हृदय रोगियों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसका मुख्य कारण खान-पान में बदलाव और जीवनशैली में व्यायाम का न होना है.

हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि, यदि कोई हृदय रोग से बचना चाहता है, तो उसे अपनी जीवन शैली में समय रहते ही बदलाव लाना चाहिए, यदि कोई धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करता है, तो उसे इसका सेवन बंद कर देना चाहिए. साथ ही अपनी दिनचर्या में व्यायाम के साथ खाने में फलों और सब्जियों को तरजीह देना चाहिए.

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देहरादून- बदलती जीवनशैली और बदलते खानपान के साथ ही बीते कुछ सालों में देश के साथ ही प्रदेश में भी हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है । जहां आज से पहले 40 साल की उम्र के बाद लोगो में किसी तरह के हृदय रोग की शुरुआत होती थी । वहीं अब 20 से 25 साल की उम्र में भी युवा हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं ।

पिछले 25 सालों के दौरान भारत के हर राज्य में हृदय संबंधी बीमारियों और पक्षाघात के मामले 50% से अधिक पड़े हैं। जिसमें महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में हृदय रोग के कारण मृत्यु और अक्षमता का अनुपात काफी अधिक है। कुल मिलाकर देखा जाए 1990 से लेकर अब तक देश में हृदय गति रुकने और पक्षाघात से लगभग 30 % लोगो की मृत्यु हो चुकी है ।

भारत मे बढ़ते हृदय रोगियों के संबंध में जानकारी देते हुए देहरादून के जानेमाने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ योगेंद्र सिंह बताते हैं कि बीते 50 सालों में अन्य देशों की तुलना में भारत में हृदय रोगियों की संख्या में काफी तेजी से इज़ाफ़ा हुआ है । जिसका प्रमुख कारण खान पान में बदलाव और जीवनशैली में व्यायाम का न होना है । दरअसल लोग आजकल घर के बने शुद्ध खाने की जगह बाहर का तला भुना खाना , खाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं यही कारण है कि अब 20 से 25 साल के युवाओं में भी हृदय रोग की समस्याएं सामने आ रही हैं ।




Body:बतौर डॉ योगेंद्र वर्तमान में ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में हृदय रोगियों की संख्या ज्यादा बढ़ रही है । जहां ग्रामीण इलाकों में 2 से 3 फ़ीसदी लोग हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं । वहीं शहरी क्षेत्रों में आंकड़ा 5 फीसदी से ऊपर है । यहां हृदय रोगों के बढ़ने का एक बड़ा कारण तंबाकू का सेवन भी है।




Conclusion:बता दें कि विशेषज्ञों के मुताबिक यदि कोई हृदय रोग से बचना चाहता है तो उसे अपनी जीवन शैली में समय रहते ही बदलाव लाना चाहिए यदि कोई धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करता है तो उसे इसका सेवन बंद कर देना चाहिए साथ ही साथ जीवनशैली में व्यायाम के साथ खाने में फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ानी चाहिए।
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