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उत्तराखंड में कोरोना के बीच अब स्वाइन फ्लू का बढ़ा खतरा

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण फैलता ही जा रहा है. इसके साथ ही अब प्रदेश में मौसम बदलने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. विशेषज्ञों ने मौसम में हुए बदलाव और दिवाली में कोरोना के नियमों की अनदेखी किए जाने को चिंताजनक बताते हुए संक्रमण के मामले बढ़ने का अंदेशा जताया है.

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स्वाइन फ्लू का बढ़ा खतरा
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Published : Nov 17, 2020, 6:59 AM IST

Updated : Nov 17, 2020, 7:50 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. इसके साथ ही अब प्रदेश में मौसम बदलने से ठंड का प्रकोप भी बढ़ गया है. विशेषज्ञों ने मौसम में हुए बदलाव और दिवाली में कोरोना के नियमों की अनदेखी किए जाने को चिंताजनक बताते हुए संक्रमण के मामले बढ़ने का अंदेशा जताया है. दीपावली में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाईं. बाजारों में खरीदारी करते समय नियमों का पालन नहीं किया गया. दिवाली में लोगों ने नियमों को अनदेखा कर एक दूसरे के घरों पर जाकर त्योहार मनाया. विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले समय में कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू का खतरा भी मंडराने लग गया है. ऐसे में प्रदेशवासियों के लिए आने वाला समय चुनौतियों भरा होने वाला है.

उत्तराखंड में कोरोना के बीच अब स्वाइन फ्लू का बढ़ा खतरा.

स्वाइन फ्लू भी कर सकता है परेशान

गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन और मुख्यमंत्री के डॉक्टर एनएस बिष्ट ने कहा कि दिवाली में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया. इस दौरान लोगों ने बाजारों में जमकर खरीदारी की तो वहीं एक दूसरे के घरों पर जाकर त्योहार मनाया. त्योहार में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने के कारण कोरोना संक्रमण ज्यादा बढ़ने की आशंका है. इसके अलावा वायरस ठंड में ज्यादा एक्टिव रहते हैं. इसलिए कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू की मार भी हो सकती है. इसका कारण बताते हुए डॉ एनएस बिष्ट ने कहा कि जाड़ों का असर होने से हवा पतली हो जाती है, जिससे वातावरण में नमी कम रहती है.

पढ़ें: नीतीश का शपथ ग्रहण- जातीय संतुलन पर जोर, भाजपा के 7, जेडीयू के 5, VIP-HAM से एक-एक मंत्री

विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान स्थिति में लोगों को एहतियात बरतने की आवश्यकता है. जिस प्रकार से मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था, उसी तरह जाड़ों में भी यह सावधानियां बरकरार रहनी चाहिए. दिवाली में लोगों द्वारा की गई कोविड-19 नियमों की अनदेखी कोरोना संक्रमण को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होने वाली है. इसके साथ ही मौसम में हुए बदलाव को देखते हुए विशेषज्ञों ने स्वाइन फ्लू की मार पड़ने का भी अंदेशा जताया है. लोगों से अपील की गई है कि जाड़ों में धूप सेकने के लिए एक स्थान पर एकत्रित न हों, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. इसके साथ ही अब प्रदेश में मौसम बदलने से ठंड का प्रकोप भी बढ़ गया है. विशेषज्ञों ने मौसम में हुए बदलाव और दिवाली में कोरोना के नियमों की अनदेखी किए जाने को चिंताजनक बताते हुए संक्रमण के मामले बढ़ने का अंदेशा जताया है. दीपावली में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाईं. बाजारों में खरीदारी करते समय नियमों का पालन नहीं किया गया. दिवाली में लोगों ने नियमों को अनदेखा कर एक दूसरे के घरों पर जाकर त्योहार मनाया. विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले समय में कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू का खतरा भी मंडराने लग गया है. ऐसे में प्रदेशवासियों के लिए आने वाला समय चुनौतियों भरा होने वाला है.

उत्तराखंड में कोरोना के बीच अब स्वाइन फ्लू का बढ़ा खतरा.

स्वाइन फ्लू भी कर सकता है परेशान

गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन और मुख्यमंत्री के डॉक्टर एनएस बिष्ट ने कहा कि दिवाली में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया. इस दौरान लोगों ने बाजारों में जमकर खरीदारी की तो वहीं एक दूसरे के घरों पर जाकर त्योहार मनाया. त्योहार में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने के कारण कोरोना संक्रमण ज्यादा बढ़ने की आशंका है. इसके अलावा वायरस ठंड में ज्यादा एक्टिव रहते हैं. इसलिए कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू की मार भी हो सकती है. इसका कारण बताते हुए डॉ एनएस बिष्ट ने कहा कि जाड़ों का असर होने से हवा पतली हो जाती है, जिससे वातावरण में नमी कम रहती है.

पढ़ें: नीतीश का शपथ ग्रहण- जातीय संतुलन पर जोर, भाजपा के 7, जेडीयू के 5, VIP-HAM से एक-एक मंत्री

विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान स्थिति में लोगों को एहतियात बरतने की आवश्यकता है. जिस प्रकार से मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था, उसी तरह जाड़ों में भी यह सावधानियां बरकरार रहनी चाहिए. दिवाली में लोगों द्वारा की गई कोविड-19 नियमों की अनदेखी कोरोना संक्रमण को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होने वाली है. इसके साथ ही मौसम में हुए बदलाव को देखते हुए विशेषज्ञों ने स्वाइन फ्लू की मार पड़ने का भी अंदेशा जताया है. लोगों से अपील की गई है कि जाड़ों में धूप सेकने के लिए एक स्थान पर एकत्रित न हों, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.

Last Updated : Nov 17, 2020, 7:50 AM IST
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