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बेनतीजा रही ग्रेड-पे उपसमिति की दूसरी बैठक, मंथन में जुटी सरकार

ग्रेड पे को लेकर बनाई गई उपसमिति की बैठक की आज दूसरी बैठक हुई. जिसमें कोई फैसला नहीं हो पाया है.

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बेनतीजा रही ग्रेड पे उपसमिति की दूसरी बैठक
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Published : Jul 27, 2021, 8:29 PM IST

देहरादून: पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे मामले को लेकर मंगलवार को उपसमिति की बैठक हुई. जिसमें भी इसे लेकर कोई निर्णायक फैसला नहीं आ पाया. बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा अभी इस मामले पर मंथन जारी है.

उत्तराखंड में ग्रेड पे को लेकर मांग लगातार बढ़ती जा रही है. जिसको लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ-साथ कई राजनीतिक दल भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, सरकार भी खुद को पुलिस हितैषी बताते हुए ग्रेड पे की मांग पर लगातार आश्वासन देती नजर आ रही है.

धामी मंत्रिमंडल ने पुलिस ग्रेड पे को लेकर उपसमिति गठित की. जिसकी आज दूसरे दौर की बैठक आयोजित की गई. जिसके अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल हैं. मंगलवार को पुलिस ग्रेड पे को लेकर कैबिनेट उपसमिति की बैठक में चर्चा की गई.

बेनतीजा रही ग्रेड पे उपसमिति की दूसरी बैठक

पढ़ें- कैबिनेट: कौसानी बनेगा नगर पंचायत, पंतनगर में बनेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया पुलिस ग्रेड पे को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. पुलिस की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार लगातार एक्सरसाइज कर रही है. सुबोध उनियाल ने कहा पुलिसकर्मियों की मांग जायज है. लेकिन इसके लिए उन्हें कोई बीच का रास्ता निकालना होगा. एकतरफा फैसले से अन्य विभागों में विसंगतियां बढ़ सकती हैं.

पढ़ें- टॉर्च-लालटेन-फोन रखें चार्ज, उत्तराखंड में आज रात से बत्ती गुल

आज की बैठक के बारे में बताते हुए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा बैठक में पुलिसकर्मियों से संबंधित डाटा इत्यादि संकलन को लेकर निर्देश दिए गए हैं. विभागीय अधिकारियों को सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डाटा और आंकड़ों पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं. सुबोध उनियाल ने बताया कि संभवत कुछ अन्य दौर की वार्ताओं के बाद पुलिस ग्रेड पे पर कुछ समाधान निकल पाएगा.

क्या है 4600 ग्रेड-पे मामला: सरकारी सेवा में पहले 10 वर्ष, 16 वर्ष और 26 वर्ष की सेवा पर प्रमोशन दी जाती थी. प्रमोशन न होने की स्थिति में पुलिसकर्मियों को उस पद का ग्रेड वेतन दिया जाता था. छठे वेतनमान के बाद अब 10 वर्ष, 20 वर्ष और 30 वर्ष में पदोन्नति देने का प्रविधान किया गया है. इसमें अंतर यह है कि अब प्रमोशन न होने पर अगले पद का वेतनमान नहीं बल्कि अगला ग्रेड वेतन दिया जाएगा. पुलिस के जवानों का पहला ग्रेड वेतन 2400 का है. प्रमोशन न होने की स्थिति में उन्हें अगला ग्रेड वेतन 2800 रुपए का मिलेगा, जो पहले 4600 रुपए था. ऐसे में पुलिसकर्मी इसी ग्रेड वेतन को दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

बता दें, उत्तराखंड पुलिस के जवान इस समय 4600 ग्रेड पे को लेकर आक्रोशित हैं. अनुशासित बल होने के नाते पुलिसकर्मी स्वयं तो आंदोलन नहीं कर रहे हैं. लेकिन, उनके परिजन इस आंदोलन की कमान संभाले हुए हैं.

देहरादून: पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे मामले को लेकर मंगलवार को उपसमिति की बैठक हुई. जिसमें भी इसे लेकर कोई निर्णायक फैसला नहीं आ पाया. बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा अभी इस मामले पर मंथन जारी है.

उत्तराखंड में ग्रेड पे को लेकर मांग लगातार बढ़ती जा रही है. जिसको लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ-साथ कई राजनीतिक दल भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, सरकार भी खुद को पुलिस हितैषी बताते हुए ग्रेड पे की मांग पर लगातार आश्वासन देती नजर आ रही है.

धामी मंत्रिमंडल ने पुलिस ग्रेड पे को लेकर उपसमिति गठित की. जिसकी आज दूसरे दौर की बैठक आयोजित की गई. जिसके अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल हैं. मंगलवार को पुलिस ग्रेड पे को लेकर कैबिनेट उपसमिति की बैठक में चर्चा की गई.

बेनतीजा रही ग्रेड पे उपसमिति की दूसरी बैठक

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बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया पुलिस ग्रेड पे को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. पुलिस की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार लगातार एक्सरसाइज कर रही है. सुबोध उनियाल ने कहा पुलिसकर्मियों की मांग जायज है. लेकिन इसके लिए उन्हें कोई बीच का रास्ता निकालना होगा. एकतरफा फैसले से अन्य विभागों में विसंगतियां बढ़ सकती हैं.

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आज की बैठक के बारे में बताते हुए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा बैठक में पुलिसकर्मियों से संबंधित डाटा इत्यादि संकलन को लेकर निर्देश दिए गए हैं. विभागीय अधिकारियों को सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डाटा और आंकड़ों पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं. सुबोध उनियाल ने बताया कि संभवत कुछ अन्य दौर की वार्ताओं के बाद पुलिस ग्रेड पे पर कुछ समाधान निकल पाएगा.

क्या है 4600 ग्रेड-पे मामला: सरकारी सेवा में पहले 10 वर्ष, 16 वर्ष और 26 वर्ष की सेवा पर प्रमोशन दी जाती थी. प्रमोशन न होने की स्थिति में पुलिसकर्मियों को उस पद का ग्रेड वेतन दिया जाता था. छठे वेतनमान के बाद अब 10 वर्ष, 20 वर्ष और 30 वर्ष में पदोन्नति देने का प्रविधान किया गया है. इसमें अंतर यह है कि अब प्रमोशन न होने पर अगले पद का वेतनमान नहीं बल्कि अगला ग्रेड वेतन दिया जाएगा. पुलिस के जवानों का पहला ग्रेड वेतन 2400 का है. प्रमोशन न होने की स्थिति में उन्हें अगला ग्रेड वेतन 2800 रुपए का मिलेगा, जो पहले 4600 रुपए था. ऐसे में पुलिसकर्मी इसी ग्रेड वेतन को दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

बता दें, उत्तराखंड पुलिस के जवान इस समय 4600 ग्रेड पे को लेकर आक्रोशित हैं. अनुशासित बल होने के नाते पुलिसकर्मी स्वयं तो आंदोलन नहीं कर रहे हैं. लेकिन, उनके परिजन इस आंदोलन की कमान संभाले हुए हैं.

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