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नारी निकेतन यौन शोषण मामला: मुख्य आरोपी को 7 साल की सजा, अन्य 8 आरोपियों को मिला कारावास - दुष्कर्म मामला देहरादून

नारी निकेतन में रखी गई मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म का ये मामला साल 2015 में सामने आया था. ये वारदात अक्टूबर 2015 की है, जब सफाई कर्मी गुरदास, होमगार्ड ललित बिष्ट और केयर टेकर हाशिम ने अलग दिनों में दुष्कर्म किया था.

नारी निकेतन यौन शोषण मामला
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Published : Sep 2, 2019, 7:52 PM IST

Updated : Sep 2, 2019, 8:23 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित नारी निकेतन यौन शोषण मामले में अपर जिला जज धर्म सिंह की कोर्ट ने सोमवार को दोषियों को सजा सुनाई. कोर्ट ने मुख्य आरोपी गुरदास को 7 साल की सजा सुनाई है व दस हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है.

इसके अलावा इस मामले में दोषी पाए गए अन्य 8 लोगों में से दो (हाशिम और ललित बिष्ट) को 5-5 साल की कैद और दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं किरण नौटियाल, चंद्रकला, अनीता मैंदोला और शमा निगार को 4 साल की सजा व दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया. जबकि तत्कालीन अध्यक्ष मीनाक्षी पोखरियाल और कृष्ण कांत को भी दोषी मानते हुए 2-2 साल की सजा सुनाई गई है व 5 हजार रुपए दंड लगाया है.

पढ़ें- नारी निकेतन दुष्कर्म मामला: नौ आरोपी को दोषी करार, 2 सितंबर को होगा सजा का एलान

क्या है मामला

बता दें कि साल 2015 में देहरादून के नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था. शुरू में इस मामले की जांच नेहरू कॉलोनी थाने पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काली मुख्यमंत्री के आदेश पर तत्कालीन एसपी सिटी अजय सिंह के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया.

नारी निकेतन यौन शोषण मामला

पढ़ें- पुलिस के हत्थे लगी स्मैक की बड़ी खेप, देखकर उड़ जाएंगे होश

एसआईटी ने इस दौरान कई लोगों से पूछताछ की और संबंधित लोगों को हिरासत में भी लिया था. एसआईटी की जांच में सामने आया था कि नारी निकेतन में न केवल मूकबधिर के साथ दुराचार किया था, बल्कि उन संवासिनियों का गर्भपात कराने के अलावा भ्रूण को ठिकाने लगाने जैसी वरादात को भी अंजाम दिया गया था. कोर्ट ने इस मामले में बीती 30 अगस्त को मुख्य आरोपी समेत 9 लोगों को दोषी माना था. जिन्हें सोमवार (2 सितंबर) को सजा सुनाई गई.

देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित नारी निकेतन यौन शोषण मामले में अपर जिला जज धर्म सिंह की कोर्ट ने सोमवार को दोषियों को सजा सुनाई. कोर्ट ने मुख्य आरोपी गुरदास को 7 साल की सजा सुनाई है व दस हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है.

इसके अलावा इस मामले में दोषी पाए गए अन्य 8 लोगों में से दो (हाशिम और ललित बिष्ट) को 5-5 साल की कैद और दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं किरण नौटियाल, चंद्रकला, अनीता मैंदोला और शमा निगार को 4 साल की सजा व दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया. जबकि तत्कालीन अध्यक्ष मीनाक्षी पोखरियाल और कृष्ण कांत को भी दोषी मानते हुए 2-2 साल की सजा सुनाई गई है व 5 हजार रुपए दंड लगाया है.

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क्या है मामला

बता दें कि साल 2015 में देहरादून के नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था. शुरू में इस मामले की जांच नेहरू कॉलोनी थाने पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काली मुख्यमंत्री के आदेश पर तत्कालीन एसपी सिटी अजय सिंह के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया.

नारी निकेतन यौन शोषण मामला

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एसआईटी ने इस दौरान कई लोगों से पूछताछ की और संबंधित लोगों को हिरासत में भी लिया था. एसआईटी की जांच में सामने आया था कि नारी निकेतन में न केवल मूकबधिर के साथ दुराचार किया था, बल्कि उन संवासिनियों का गर्भपात कराने के अलावा भ्रूण को ठिकाने लगाने जैसी वरादात को भी अंजाम दिया गया था. कोर्ट ने इस मामले में बीती 30 अगस्त को मुख्य आरोपी समेत 9 लोगों को दोषी माना था. जिन्हें सोमवार (2 सितंबर) को सजा सुनाई गई.

Intro:summary- देहरादून के बहुचर्चित नारी निकेतन यौन शोषण मामले में अपर जिला जज धर्म सिंह की कोर्ट ने आज दोषियों को सजा सुनाई... कोर्ट ने मुख्य आरोपी गुरदास को 7 साल की सजा सुनाई तो मामले में बाकी 8 दोषियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई गयी....

नारी निकेतन में यौन शोषण का मामला अपर जिला जज की कोर्ट में अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचा...जिसमें कोर्ट ने सभी 9 दोषियों को विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई।।।


Body:देहरादून में साल 2015 में सामने आये नारी निकेतन यौन शोषण मामले में आज सभी 09 दोषियों को सजा सुनाई गई... इसमें मुख्य आरोपी गुरदास को सबसे ज्यादा 7 साल की कैद और ₹10000 जुर्माना लगाया गया।।। उधर हाशिम और ललित बिष्ट को 5-5 साल की कैद और ₹10000 जुर्माना की सजा सुनाई गई... किरण नौटियाल चंद्रकला अनीता मेंदोला और शमा निगार को 4:00 4 साल की सजा के साथ ₹10000 जुर्माना, जबकि तत्कालीन अध्यक्ष का मीनाक्षी पोखरियाल और कृष्णकांत को दो-दो साल की सजा और ₹5000 जुर्माना लगाया गया।।। आप बता दें कि साल 2015 में नारी निकेतन में मूक-बधिर समाजसेवी से दुष्कर्म का मामला सामने आया था इसके बाद कई जांच होने के बाद एसआईटी को मामला दिया गया और तत्कालीन एसपी अजय सिंह के नेतृत्व में एसआईटी ने मामले को खोला।।। एसआईटी ने इस दौरान कई लोगों से पूछताछ की और संबंधित लोगों को हिरासत में भी लिया मामला खुलने के बाद यह साफ हो गया कि नारी निकेतन में न केवल मूकबधिर के साथ दुराचार किया गया बल्कि उसका गर्भपात कराने और भ्रूण को ठिकाने लगाने तक की अपराधिक गतिविधियों को भी अंजाम दिया गया।। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचने के बाद अब इन सभी नौ लोगों को 30 अगस्त को दोषी ठहरा दिया गया था और आज इन सभी को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई गई है।

वाइट संजीव सिसोदिया शासकीय अधिवक्ता

हालांकि मामले पर सजा सुनाए जाने के बाद दोषियों के परिजनों ने कोर्ट के आदेश पर असंतोष जताया और हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अपील करने की बात कही

भावना बिष्ट, दोषी ललित बिष्ट की पत्नी
ललित बिष्ट की माँ की भी बाइट है...


Conclusion:नारी निकेतन में मूक-बधिर से दुराचार के इस मामले में 2015 से अब तक कई मोड़ आए और मामले के सामने आने के बाद भी कई बार ये मामला दबता हुआ नज़र आया... लेकिन एसआईटी की जांच के बाद इस मामले ने रफ्तार पकड़ी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद भी बढ़ी... कोर्ट के इस निर्णय के बाद सभी नौ दोषी सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं इससे अब नारी निकेतन में होने वाली ऐसी अवैधानिक गतिविधियों को लेकर एक बड़ा संदेश भी गया है।।।।
Last Updated : Sep 2, 2019, 8:23 PM IST
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