ETV Bharat / state

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर निजी अस्पतालों के डॉक्टर, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में बदलाव की मांग

डॉक्टर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का प्राइवेट डॉक्टर्स कर रहे विरोध. अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर निजी अस्पतालों के डॉक्टर
author img

By

Published : Feb 15, 2019, 2:02 PM IST

ऋषिकेश: प्रदेशभर के प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में बदलाव की मांग के चलते अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. पांच सूत्रीय मांगों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सरकार को ज्ञापन सौंपा है.

चिकित्सकों का कहना है कि सीईए (क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट) में बदलाव को लेकर दिसंबर में सरकार से वार्ता भी की गई थी. लेकिन सरकार ने अबतक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है. डॉक्टर नरेंद्र रतूड़ी ने बताया कि एक्ट के तहत सरकार ने रुद्रपुर में दो चिकित्सालय को सीज कर दिया. लेकिन उनकी मांगों पर गौर नहीं किया.

अनिश्चिकालीन हड़ताल पर निजी अस्पतालों के डॉक्टर
undefined

सीईए (क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट) का विरोध कर रहे डॉक्टरों को कहना है कि एक्ट में कठिन नियम हैं. इससे लालफीताशाही हावी हो जाएगी. उत्तराखंड में इन नियमों का पालन करना संभव नहीं है. इसलिए एक्ट में संशोधन होना चाहिए.

सरकार को मानकों में रियायत देनी होगी. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार द्वारा तय मानकों का पालन किया जाए तो इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना होगा. निजी चिकित्सालय में इलाज बेहद महंगा हो जाएगा इसलिए चिकित्सकों की मांग है कि एक्ट में संशोधन किया जाए.

हड़ताल के एलान के बाद ऋषिकेश में डॉक्टर सुबह से आईएमए के बैनर तले विरोध करते रहे. चिकित्सकों का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो हड़ताल की वजह से पहाड़ों से आने वाले रोगी जो अधिकांश निजी चिकित्सालय का ही रुख करते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

बता दें कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को केंद्र सरकार ने साल 2010 में पारित करते हुए सभी राज्यों को इसे सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए थे. उत्तराखंड में यह एक्ट साल 2013 में विधानसभा में पारित हुआ, लेकिन इसे अभी लागू नहीं किया गया है. इसकी वजह निजी चिकित्सकों की कुछ प्रावधानों पर आपत्ति है.

undefined

गौर हो कि अगस्त में हाई कोर्ट ने राज्य में बगैर लाइसेंस और क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत गैर पंजीकृत सभी अस्पतालों और क्लीनिकों को तत्काल प्रभाव से सील करने का आदेश दिया था.

ऋषिकेश: प्रदेशभर के प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में बदलाव की मांग के चलते अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. पांच सूत्रीय मांगों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सरकार को ज्ञापन सौंपा है.

चिकित्सकों का कहना है कि सीईए (क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट) में बदलाव को लेकर दिसंबर में सरकार से वार्ता भी की गई थी. लेकिन सरकार ने अबतक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है. डॉक्टर नरेंद्र रतूड़ी ने बताया कि एक्ट के तहत सरकार ने रुद्रपुर में दो चिकित्सालय को सीज कर दिया. लेकिन उनकी मांगों पर गौर नहीं किया.

अनिश्चिकालीन हड़ताल पर निजी अस्पतालों के डॉक्टर
undefined

सीईए (क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट) का विरोध कर रहे डॉक्टरों को कहना है कि एक्ट में कठिन नियम हैं. इससे लालफीताशाही हावी हो जाएगी. उत्तराखंड में इन नियमों का पालन करना संभव नहीं है. इसलिए एक्ट में संशोधन होना चाहिए.

सरकार को मानकों में रियायत देनी होगी. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार द्वारा तय मानकों का पालन किया जाए तो इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना होगा. निजी चिकित्सालय में इलाज बेहद महंगा हो जाएगा इसलिए चिकित्सकों की मांग है कि एक्ट में संशोधन किया जाए.

हड़ताल के एलान के बाद ऋषिकेश में डॉक्टर सुबह से आईएमए के बैनर तले विरोध करते रहे. चिकित्सकों का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो हड़ताल की वजह से पहाड़ों से आने वाले रोगी जो अधिकांश निजी चिकित्सालय का ही रुख करते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

बता दें कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को केंद्र सरकार ने साल 2010 में पारित करते हुए सभी राज्यों को इसे सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए थे. उत्तराखंड में यह एक्ट साल 2013 में विधानसभा में पारित हुआ, लेकिन इसे अभी लागू नहीं किया गया है. इसकी वजह निजी चिकित्सकों की कुछ प्रावधानों पर आपत्ति है.

undefined

गौर हो कि अगस्त में हाई कोर्ट ने राज्य में बगैर लाइसेंस और क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत गैर पंजीकृत सभी अस्पतालों और क्लीनिकों को तत्काल प्रभाव से सील करने का आदेश दिया था.

Intro:
एंकर--- आज से प्रदेशभर के प्राईवेट अस्पताल अनिश्चितकाल हड़ताल पर चले गए है क्लीनिकल एस्टबलिशमेंट एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर ऋषिकेश के सभी नर्सिंग होम अनिश्चितकाल की हड़ताल पर चले गए प्राइवेट अस्पताल संचालक,आईएमए ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन भी सौंपा है ।







Body:वी/ओ---- क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर ऋषिकेश में निजी चिकित्सालय हड़ताल पर चले गए हैं चिकित्सकों का कहना है कि दिसंबर में सरकार के साथ हुई वार्ता पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई उल्टा रुद्रपुर में दो चिकित्सालय को सीज कर दिया चिकित्सकों की मांग है कि सरकार ने जो मानक तय किए हैं वह पूरे करने बेहद कठिन है इसे सरकार को मानकों में ढील देनी होगी अगर सरकार द्वारा तय किए मानकों का पालन किया जाए तो इसका खामियाजा मरीजों को ही भुगतना होगा निजी चिकित्सालय में इलाज बेहद महंगा हो जाएगा इसलिए चिकित्सकों की मांग है कि एक्ट में संशोधन किया जाए


बाइट---- डॉक्टर नरेंद्र रतूड़ी

बाइट--- डॉ हरीश द्विवेदी




Conclusion:
वी/ओ---- हड़ताल का ऐलान होने के बाद चिकित्सक सुबह ही आईएमए के बैनर तले अपने कार्यों से विरक्त रहे चिकित्सकों का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो हड़ताल अनिश्चित कालीन होगी पहाड़ों से आने वाले रोगी अधिकांश निजी चिकित्सालय का ही रुख करते हैं ऐसे में यदि हड़ताल लंबी चलती है तो रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.