ऋषिकेश: चारधाम यात्रा शुरू होने में अब महज महीने भर का वक्त ही बाकी है. लेकिन कोरोना को लेकर हाल में राज्य सरकार की ओर से जारी एसओपी पर यात्रा से जुड़े निजी परिवहन व्यवसायियों का पारा चढ़ गया है. उनका साफ कहना है कि इससे वह बर्बाद हो जाएंगे. उन्हें कटोरा लेकर सड़क पर भीख मांगनी पड़ेगी.
दरअसल, राज्य सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चारधाम यात्रा को लेकर नई एसओपी जारी की है. इसमें सार्वजनिक वाहनों में 50 फीसदी सवारियों को ही बैठाने का नियम तय कर दिया गया है. इसके अलावा भी कई पाबंदियां सरकार की ओर से लगाई गई हैं. जिनपर चारधाम यात्रा में यातायात सेवा उपलब्ध कराने वाले एशिया के सबसे बड़े बस बेड़े से जुड़े निजी परिहवन व्यवसायी गुस्से में हैं.
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जारी की गई एसओपी को लेकर ट्रैवल व्यवसायियों का सब्र अब जवाब देने लगा है. संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मनोज ध्यानी का कहना है कि सरकार की एसओपी को देखकर लगता नहीं कि इस दफा भी यात्रा चल पाएगी. बीते साल भी ऐसी ही एसओपी सरकार ने लागू की थी.
उन्होंने दावा किया कि इस गाइडलाइन को देखने के बाद तीर्थयात्री आएंगे ही नहीं. ट्रैवल व्यवसायी पिछले साल से ही दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. यही हाल रहा, तो जल्द हाथ में कटोरे आ जाएंगे. इससे सिर्फ परिवहन व्यवसायी ही नहीं, बल्कि यात्रा पर निर्भर पहाड़ का कारोबार भी पूरी तरह से ठप हो जाएगा. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एसओपी पर यात्रा से जुड़े व्यवसायियों से न कोई राय ली और न ही उन्हें अभीतक बुलाया गया है.