ऋषिकेश: 22 अक्टूबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल दो दिन के निजी दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे थे. इस दौरान परमार्थ निकेतन में दिया गया अजित डोभाल का एक बयान इन दिनों खासी चर्चाओं में है. 24 अक्टूबर की शाम गंगा आरती के दौरान डोभाल ने क्या कुछ कहा और वास्तव में इसके क्या मायने हैं आइये आपको बताते हैं.
ऋषिकेश पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि 'हम वहीं लड़ेंगे, जहां से खतरा रहा है' 'हम युद्ध तो करेंगे, अपनी जमीन पर भी करेंगे और बाहर भी करेंगे'. उनके इस बयान को चीन को ध्यान में रखकर कहने की चर्चाएं हैं, लेकिन इसी बीच अब मामले में केंद्र सरकार की ओर से सफाई दी गई है. बताया जा रहा है कि सरकार ने कहा कि NSA ने चीन नहीं बल्कि, आध्यात्मिक दृष्टि से इस तरह की बात कही है.
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अजीत डोभाल ने दिया था ये बयान
अजीत डोभाल ने ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में कहा था, 'हमने कभी किसी पर हमला नहीं किया है. इसके बारे में कई विचार हैं. अगर देश के लिए कोई खतरा है, तो हमें हमला करना चाहिए, क्योंकि देश को बचाना महत्वपूर्ण है. हम लड़ेंगे, जहां आप हमसे लड़ना चाहते हैं, यह भी अनिवार्य नहीं है. हम लड़ेंगे, जहां हमें लगता है कि खतरा आ रहा है'.
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उन्होंने कहा था, 'हमने स्वार्थी कारणों से ऐसा कभी नहीं किया है. हम अपनी जमीन और दूसरों की जमीन पर भी युद्ध लड़ेंगे, लेकिन हमारे स्वार्थी कारणों से नहीं, बल्कि दूसरों के सर्वोच्च भलाई के लिए'.
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एनएसए ने सुझाव दिया कि राज्य भौतिक आयामों से बंधे हैं, लेकिन राष्ट्र एक भावनात्मक बंधन है, जो आध्यात्मिकता और संस्कृति के सामान्य धागे से बंधा है, जिसमें हमारे गुरुओं और आध्यात्मिक केंद्रों की गर्व की भावना है और आध्यात्मिक केंद्र इस बड़े लक्ष्य की रक्षा करते हैं.