मसूरीः ऐतिहासिक हवा घर भूस्खलन के बाद खतरे की जद में आ गया है. कैमल बैक रोड स्थित इस हवा घर का पुश्ता ढह गया है. जिससे हवा घर पर खतरा मंडराने लगा है. हालांकि, पालिका प्रशासन ने पुश्ते का ट्रीटमेंट शुरू कर दिया है. लेकिन अनदेखी के चलते हवा घर ढहने की कगार पर पहुंच गया है.
बता दें कि साल 1845 में अंग्रेजों ने इस हवा घर का निर्माण किया था. यहां से हिमालयी श्रृंखलाओं के खूबसूरत नजारों को निहार सकते हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते हवा घर का पुश्ता ढह गया है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है. स्थानीय निवासी शिव प्रसाद भारद्वाज का कहना है कि लगातार स्थानीय प्रशासन और पालिका की ओर से ऐतिहासिक हवा घर की मरम्मत की जाती है, लेकिन गुणवत्ता की अनदेखी की जाती रही है. जिसके चलते हवा घर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.
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शिव प्रसाद भारद्वाज ने कहा कि हवा घर के रखरखाव के लिए नगर पालिका की ओर से लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन हालत जस की तस है. हवा घर के कामों में लापरवाही भी देखी जाती है. उन्होंने कहा कि इस हवा घर में देश-विदेश के लोग आराम करने और यहां से हिमालय की श्रृंखलाओं को निहारते आते हैं. ऐसे में इस धरोहर की संरक्षण पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.
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उनका कहना है कि कैमल बैक रोड मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए लोगों की पसंदीदा जगह है. लोग इस हवा घर में आकर आराम करते हैं. ऐसे में नगर पालिका प्रशासन को हवा घर को संरक्षित करने की दिशा में काम करना चाहिए. साथ ही इसकी देख-रेख में ध्यान दिया जाना चाहिए. इसके अलावा हवा घर के आसपास गंदगी भी काफी अंबार रहता है, उसे लेकर भी पालिका प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.