देहरादून: राजधानी के सीमाद्वार स्थित आईटीबीपी भर्ती में फिजिकल टेस्ट के दौरान एक हफ्ते में दूसरा मुन्नाभाई पकड़ा गया है. आरोपी युवक ने अपनी लिखित परीक्षा किसी दूसरे युवक को तीन लाख रुपये में डील कर दिलवाई थी और खुद फिजिकल टेस्ट देने पहुंच गया, लेकिन बायोमेट्रिक मिलान में वह पकड़ा गया.
आईटीबीपी और एसएसपी के पीठासीन अधिकारी की तहरीर पर थाना वसंत विहार पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस अधिकारी अतुल कुमार ने मामले में शिकायत दर्ज कराई की सीमाद्वार स्थित आईटीबीपी सेंटर में 31 मई तक एसएससी जीडी-2021 भर्ती का फिजिकल टेस्ट चल रहा है. 27 मई को अभ्यर्थी बलराम सिंह, निवासी बुढ़ाना मुजफ्फरनगर फिजिकल देने के लिए आया था.
भर्ती प्रक्रिया के दौरान सहायक उप निरीक्षक सतवंत सिंह ने अभ्यर्थी के बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए बाएं हाथ का अंगूठा लगवाया तो पहले के निशान से मिलान नहीं हुआ. इसके बाद अभ्यर्थी की पहचान के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की ओर से उपलब्ध कराएगी फोटो से मिलान किया तो लिखित परीक्षा देने वाले परीक्षार्थी से उस युवक की फोटो मिलान नहीं हुई.
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जिसके बाद आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसकी जगह लिखित परीक्षा देने के लिए एजेंट अजय राणा, निवासी बागपत ने किसी दूसरे युवक को भेजा था. अजय राणा से उसका परिचय उसके चाचा नवीन कुमार ने कराया था. इसके बाद तमाम दस्तावेजों के साथ पूछताछ का वीडियो उपलब्ध कराकर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया.
बता दे कि आईटीबीपी में इस तरह के फर्जीवाड़े का मामला एक हफ्ते पहले भी सामने आया था. बीते मंगलवार को भी कर्ण सिंह, निवासी झुंझुनू, राजस्थान का बायोमेट्रिक मिलान नहीं हुआ था. उसने अपनी जगह किसी और को लिखित परीक्षा दिलाई थी. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने एक व्यक्ति से आठ लाख में डील की थी.
थाना वसंत विहार प्रभारी नरेश राठौड़ ने बताया कि एसएसपी के पीठासीन अधिकारी की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ फर्जीवाड़े का मुकदमा पंजीकृत किया गया है. साथ ही आरोपी ने आईटीबीपी में भर्ती होने के लिए दलाल से तीन लाख रुपए में डील की थी. आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है.