देहरादूनः सूबे में कई भवन जर्जर हालत में हैं, जो भूस्खलन और भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. देहरादून नगर निगम इन गिरासू भवनों के मालिकों को बीते कई सालों से नोटिस जारी कर रहा है, लेकिन अभीतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है. वहीं, अब नगर निगम प्रशासन कार्रवाई की मूड में है. इसके लिए निगम ने फाइनल लिस्ट तैयार कर ली है.
बता दें कि राजधानी दून के तहसील चौक, घंटाघर, राजा रोड, कनॉट प्लेस, तिलक रोड, झंडा बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, मोती बाजार, घोसी गली और धारा चौकी जैसे कई इलाकों में 48 गिरासू भवन चिन्हित हैं. नगर निगम ऐसे भवनों को खाली करने के लिए कई बार नोटिस भी जारी कर चुका है, बावजूद भवन खाली नहीं किए जा सके हैं. जिसकी अहम वजह इनमें से आधे से ज्यादा गिरासू भवनों के मामले न्यायालय में लंबित होना है.
ये भी पढ़ेंः विकासनगरः गैस सिलेंडर फटने से झुलसे एक ही परिवार के 7 लोग, हायर सेंटर रेफर
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है उनके भवनों में गिरासू जैसी कोई स्थिति नहीं है. इस मामले पर नगर निगम की ओर से ऐसे भवनों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर पाया है, लेकिन इस बार पिछले दो नोटिस पीरियड पूरा होने के बाद नगर निगम गिरासू भवनों की फाइनल लिस्ट बनाने जा रहा है.
नगर आयुक्त विनय शंकर ने बताया की शहर में गिरासू भवन की संख्या 48 है. इसके लिए दो बार गिरासू भवन मालिकों को नोटिस भेजा जा चुका है, लेकिन अब नोटिस का समय भी पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस दौरान कुछ भवन मालिक उनके पास आवेदन लेकर भी आये थे. कई लोगों ने बताया कि उन्होंने अपने भवन की मरम्मत करा ली है.
ये भी पढ़ेंः मोदी मैजिकः केदारनाथ के बाद कॉर्बेट पार्क में भी चलेगा जादू, जानिए क्या है मामला
उन्होंने कहा कि कुछ मामले ऐसे भी आये हैं, जहां पर मकान मालिक और किरायेदार में विवाद चल रहा है. ऐसे में मकान मालिकों ने नगर निगम में आवेदन देकर कहा है कि उनका मकान गिरा दिया जाए. जिससे किरायेदार मकान खाली करके चले जाएं. साथ ही कहा कि अब फाइनल लिस्ट बनाया जा रहा है. अगस्त के पहले सप्ताह से कार्रवाई शुरू किया जाएगा.