ऋषिकेश: अनलॉक 5.0 शुरू होते ही तीर्थ नगरी में आवारा पशुओं पर नकेल कसने की नगर निगम ने कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए एक रणनीति तैयार कर महापौर अनिता ममगाई गैंडीखाता (हरिद्वार) स्थित कृष्णायन आश्रम पहुंची और महंत ईश्वर दास से मुलाकात कर उनसे ऋषिकेश के निराश्रित पशुओं को आश्रम में पनाह देने का आग्रह किया.
महापौर ने उन्हें बताया कि तमाम प्रयासों के बावजूद भी ऋषिकेश नगर निगम में निराश्रित पशुओं के लिए कांजी हाऊस की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. वहीं, महापौर के आग्रह पर हामी भरते हुए मंहत ईश्वर दास ने कहा कि आश्रम ऋषिकेश नगर निगम की हर संभव सहायता करेगा. महापौर ने निराश्रित पशुओं के लिए किए जा रहे सहयोग के लिए उनका आभार जताया.
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महापौर ने बताया कि अब जल्द ही लोगों के लिए परेशानी बने आवारा पशुओं की धरपकड़ के लिए नगर निगम प्रशासन अभियान शुरू करेगा. कैटल कैचर वाहन के साथ सड़क पर निगम कर्मियों की विभिन्न टीमों को उतारकर आवारा और निराश्रित पशुओ को पकड़कर गैंडीखाता आश्रम पहुंचाया जायेगा.
महापौर ने बताया कि पूर्व में भी ऋषिकेश नगर निगम द्वारा 200 निराश्रित पशुओं को गैंंडीखाता आश्रम भिजवाया गया था, लेकिन शहर में आवारा पशुओं की बढ़ती तादाद और कांजी हाऊस की व्यवस्था न होने की वजह से समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका है. चारधाम यात्रा के प्रवेशद्वार तीर्थ नगरी में बाहर से कोई आवारा पशुओं को नहीं छोड़े, इसके लिए निगम की निगरानी टीम गठित की गई है, जो सीधे मुख्य नगर आयुक्त को रिपोर्ट करेगी.