देहरादूनः उत्तराखंड में डेंगू संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. आलम ये है कि रोजाना डेंगू के नए केस सामने आ रहे हैं. बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेश के 10 जिलों में डेंगू के 59 नए मामले सामने आए हैं. अभी तक प्रदेश भर में डेंगू के 3046 मामले सामने आ चुके है तो वहीं अभी तक 16 लोगों की जान डेंगू ले चुका है. सूबे में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों ने स्वास्थ्य महकमे के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी है.
उत्तराखंड में थोड़ी राहत खबर ये है कि पिछले कुछ दिनों से डेंगू संक्रमण के नए मामलों में थोड़ी कमी देखी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते 24 घंटे के भीतर देहरादून में 6, हरिद्वार में 9, नैनीताल में 13, पौड़ी में 19, टिहरी में 4, उधम सिंह नगर में 2, रुद्रप्रयाग में 3 केस मिले हैं. इसके अलावा अल्मोड़ा, चमोली और चंपावत जिले में डेंगू के एक-एक नए मामले सामने आए हैं.
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देहरादून के बाद पौड़ी जिले में सबसे ज्यादा डेंगू के मामले सामने आए हैं. वर्तमान समय में 270 मरीज अभी भी डेंगू से जंग लड़ रहे है. जबकि, 2760 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. आंकड़ों के मुताबिक, देहरादून जिले में 1023, हरिद्वार में 500, नैनीताल में 489, पौड़ी में 736, टिहरी में 25, उधमसिंह नगर में 98 और रुद्रप्रयाग में 28 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है.
वहीं, अल्मोड़ा में 10, चमोली में 65, चंपावत जिले में 49 और बागेश्वर में 23 मरीज डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं. इस तरह से उत्तराखंड के 11 जिलों में अभी तक 3046 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, लगातार बढ़ते केसों के बीच स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने का दावा कर रहा है.
डेंगू के लक्षण जानिएः आमतौर पर डेंगू और मलेरिया की बीमारी मादा मच्छर के काटने से फैलती है. एडीज नाम के मादा मच्छर के काटने से डेंगू होता है. अगर किसी मरीज को डेंगू होता है तो उसे काफी तेज बुखार आता है. इसके अलावा मरीज को उल्टियां भी होती है. साथ ही उसके बॉडी में दर्द और जकड़न भी होती है. वहीं, डेंगू के मरीजों की प्लेटलेट्स भी काफी तेजी से घटती है.
डेंगू से बचावः अपने घरों के आस पास पानी बिल्कुल जमा न होने दें. कूलर, बाल्टी, गमलों आदि से पानी निकालते रहें. इसके अलावा टायरों, खाली पड़े बर्तनों में पानी जमा न होने दें. अपने आस पास की सफाई करते रहें. अगर सफाई रखी जाए तो मच्छर दूर रहते हैं. मच्छरों के डंक से बचने के लिए पूरे बाजू के कपड़े पहनें और सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.