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Jawaharlal Nehru Jayanti: पंडित जी को देहरादून और मसूरी से था खास लगाव - First Prime Minister of India

आज देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती है. नेहरू जी की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. पंडित नेहरू का उत्तराखंड से लगाव बेहद खास था. देहरादून और मसूरी तो वो अक्सर आते थे.

Pandit jawaharlal nehru
पंडित जवाहर लाल नेहरू
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Published : Nov 14, 2022, 1:49 PM IST

Updated : Nov 14, 2022, 2:03 PM IST

देहरादून: देश के पहले प्रधानमंत्री (First Prime Minister of India) पंडित जवाहर लाल नेहरू की आज (14 नवंबर को) जयंती (Jawaharlal Nehru Birth Anniversary) है. आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के बाद जब देश आजाद हुआ, तब जवाहर लाल नेहरू ने देश की कमान संभाली थी, जिनकी राजनीति का हर कोई लोहा मानता है. पूरा देश आज उनको याद कर रहा है. पंडित नेहरू को देवभूमि से बहुत प्यार था. खासकर देहरादून और मसूरी से पंडित नेहरू को बेइंतहा मुहब्बत थी.

दून और मसूरी से नेहरू जी को था प्यार: पंडित जवाहर लाल नेहरू का देहरादून और मसूरी से गहरा संबंध रहा है. किशोरावस्था से ही वह देहरादून और मसूरी आते रहे. आजादी की जंग के दौरान भी वह लगातार मसूरी आए. देहरादून की पुरानी जेल में वो कई महीने कैद रहे. आज जो नेहरू संग्रहालय है वहां पर पं. नेहरू 1932, 1933, 34 और 1941 में कैद रहे. यहां पर उन्होंने भारत एक खोज (Discovery of India) पुस्तक के कुछ अंश भी लिखे थे. नेहरू जी राजनीतिक बंदी के तौर पर यहां कैद थे.

विजिटर बुक में नेहरू जी ने किया था पहाड़ों की सुंदरता का उल्लेख: पंडित जवाहर लाल नेहरू को दून का सर्किट हाउस (जो वर्तमान में राजभवन है) बहुत पसंद था. पंडित नेहरू जब भी देहरादून आते, वे यहीं रुकते थे. यहां के प्राकृतिक सौंदर्य पर नेहरू जी मंत्र मुग्‍ध थे. यहां के सुंदर पहाड़ उनका मन मोह लेते थे. उन्होंने विजिटर बुक में 160 एकड़ भूभाग में फैले सर्किट हाउस की सुंदरता का उल्लेख भी किया है.
पढ़ें-हरिद्वार में भक्ति के साथ स्वाद का आनंद, इनकी रबड़ी का जायका बना पंडित नेहरू की पहली पसंद

नेहरू जी मसूरी को मानते थे अपना दूसरा घर: देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू मसूरी को अपना दूसरा घर मानते थे. अपने जीवनकाल में नेहरू जी कई बार मसूरी आए. यहां तक कि अपने निधन से दो दिन पहले भी नेहरू जी मसूरी में ही थे. तबीयत खराब होने पर उन्हें दिल्ली जाना पड़ा था. नेहरू जी सबसे पहले 1906 में मसूरी आए थे. उनको मसूरी की प्राकृतिक खूबसूरती इतनी पसंद आई कि इसके बाद उन्होंने कई बार यहां आकर समय बिताया. जवाहर लाल नेहरू ने 1946 से 1964 के बीच कई बार मसूरी का दौरा किया था. 1959 को उन्होंने मसूरी के हैप्पीवैली स्थित बिड़ला हाउस में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात कर तिब्बतियों के विस्थापन को लेकर चर्चा की थी.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार में इंडियन हारमोनिका फोरम मीट 2022 का आयोजन, विजय कश्यप को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

जब देश आजाद हुआ तो उसके बाद भी नेहरू जी मसूरी आए थे. नेहरू जी मालरोड पर घोड़े से चलते थे. प्रसिद्ध इतिहासकार गोपाल भारद्वाज कहते हैं कि 1959 में नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ शर्मा ने नेहरू जी से कहा था कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आप मालरोड पर घोड़े के बजाय वाहन से जा सकते हैं. इस पर नेहरू जी ने कहा था कि मालरोड के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उन्हें वह नहीं तोड़ेंगे.

देहरादून: देश के पहले प्रधानमंत्री (First Prime Minister of India) पंडित जवाहर लाल नेहरू की आज (14 नवंबर को) जयंती (Jawaharlal Nehru Birth Anniversary) है. आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के बाद जब देश आजाद हुआ, तब जवाहर लाल नेहरू ने देश की कमान संभाली थी, जिनकी राजनीति का हर कोई लोहा मानता है. पूरा देश आज उनको याद कर रहा है. पंडित नेहरू को देवभूमि से बहुत प्यार था. खासकर देहरादून और मसूरी से पंडित नेहरू को बेइंतहा मुहब्बत थी.

दून और मसूरी से नेहरू जी को था प्यार: पंडित जवाहर लाल नेहरू का देहरादून और मसूरी से गहरा संबंध रहा है. किशोरावस्था से ही वह देहरादून और मसूरी आते रहे. आजादी की जंग के दौरान भी वह लगातार मसूरी आए. देहरादून की पुरानी जेल में वो कई महीने कैद रहे. आज जो नेहरू संग्रहालय है वहां पर पं. नेहरू 1932, 1933, 34 और 1941 में कैद रहे. यहां पर उन्होंने भारत एक खोज (Discovery of India) पुस्तक के कुछ अंश भी लिखे थे. नेहरू जी राजनीतिक बंदी के तौर पर यहां कैद थे.

विजिटर बुक में नेहरू जी ने किया था पहाड़ों की सुंदरता का उल्लेख: पंडित जवाहर लाल नेहरू को दून का सर्किट हाउस (जो वर्तमान में राजभवन है) बहुत पसंद था. पंडित नेहरू जब भी देहरादून आते, वे यहीं रुकते थे. यहां के प्राकृतिक सौंदर्य पर नेहरू जी मंत्र मुग्‍ध थे. यहां के सुंदर पहाड़ उनका मन मोह लेते थे. उन्होंने विजिटर बुक में 160 एकड़ भूभाग में फैले सर्किट हाउस की सुंदरता का उल्लेख भी किया है.
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नेहरू जी मसूरी को मानते थे अपना दूसरा घर: देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू मसूरी को अपना दूसरा घर मानते थे. अपने जीवनकाल में नेहरू जी कई बार मसूरी आए. यहां तक कि अपने निधन से दो दिन पहले भी नेहरू जी मसूरी में ही थे. तबीयत खराब होने पर उन्हें दिल्ली जाना पड़ा था. नेहरू जी सबसे पहले 1906 में मसूरी आए थे. उनको मसूरी की प्राकृतिक खूबसूरती इतनी पसंद आई कि इसके बाद उन्होंने कई बार यहां आकर समय बिताया. जवाहर लाल नेहरू ने 1946 से 1964 के बीच कई बार मसूरी का दौरा किया था. 1959 को उन्होंने मसूरी के हैप्पीवैली स्थित बिड़ला हाउस में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात कर तिब्बतियों के विस्थापन को लेकर चर्चा की थी.
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जब देश आजाद हुआ तो उसके बाद भी नेहरू जी मसूरी आए थे. नेहरू जी मालरोड पर घोड़े से चलते थे. प्रसिद्ध इतिहासकार गोपाल भारद्वाज कहते हैं कि 1959 में नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ शर्मा ने नेहरू जी से कहा था कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आप मालरोड पर घोड़े के बजाय वाहन से जा सकते हैं. इस पर नेहरू जी ने कहा था कि मालरोड के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उन्हें वह नहीं तोड़ेंगे.

Last Updated : Nov 14, 2022, 2:03 PM IST
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