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हरिद्वार में शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट का अंतिम संस्कार, देहरादून में सीएम ने दी श्रद्धांजलि - आईईडी ब्लास्ट

मेजर बिष्ट इंजीनियरिंग विभाग में 55 जीआर में तैनात थे. चित्रेश बिष्ट ने 2010 में आईएमए (भारतीय सैन्य अकादमी) देहरादून से पास आउट हुए थे. चित्रेश की सात मार्च को शादी होनी थी, जिसके लिए उन्होंने पिता से 28 फरवरी को छुट्टी आने का वादा किया था.

मेजर चित्रेश बिष्ट (फाइल फोटो).
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Published : Feb 18, 2019, 10:03 AM IST

Updated : Feb 18, 2019, 3:02 PM IST

देहरादून: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में IED ब्लास्ट में शहीद हुए देहरादून के मेजर चित्रेश बिष्ट का आज सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार में अंतिम संस्कार किया गया. मेजर बिष्ट का पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे उनके नेहरू कॉलोनी स्थित आवास पहुंचा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों भारी हुजूम उमड़ पड़ा. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी.

देहरादून स्थित आवास पर शहीद को श्रद्धांजलि देते सीएम.
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पढ़ें- शहीदों के बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा, दिव्यांग छात्रों ने भी शहीदों के परिजनों की मदद करने का लिया संकल्प

शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मेजर बिष्ट के घर पहुंचे. शहीद मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर रविवार को सुबह करीब 11:30 बजे जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा था. उनके पार्थिव शरीर को गढ़ी कैंट स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल में रखा गया था.

पढ़ें- पूर्व सैनिकों ने कैंडल जलाकर दी शहीदों को श्रद्धांजलि, बोले- सेना को दी जाए खुली छूट

बता दें कि नेहरू कालोनी निवासी पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट के छोटे बेटे मेजर चित्रेश बिष्ट शनिवार को नौसेरा सेक्टर में शहीद हो गए थे. जानकारी के मुताबिक नौसेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास तलाशी अभियान के दौरान सेना को इस बात की जानकारी मिली कि LOC के करीब 1.5 किमी अंदर आतंकियों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाया था. इसके बाद सेना सतर्क हो गई और IED को डिफ्यूज करने लगी. इसी बीच वहां ब्लास्ट हो गया और घटना में मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए.

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मेजर बिष्ट इंजीनियरिंग विभाग में 55 जीआर में तैनात थे. चित्रेश बिष्ट ने 2010 में आईएमए (भारतीय सैन्य अकादमी)देहरादून से पास आउट हुए थे. चित्रेश की सात मार्च को शादी होनी थी, जिसके लिए उन्होंने पिता से 28 फरवरी को छुट्टी आने का वादा किया था.

देहरादून: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में IED ब्लास्ट में शहीद हुए देहरादून के मेजर चित्रेश बिष्ट का आज सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार में अंतिम संस्कार किया गया. मेजर बिष्ट का पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे उनके नेहरू कॉलोनी स्थित आवास पहुंचा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों भारी हुजूम उमड़ पड़ा. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी.

देहरादून स्थित आवास पर शहीद को श्रद्धांजलि देते सीएम.
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पढ़ें- शहीदों के बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा, दिव्यांग छात्रों ने भी शहीदों के परिजनों की मदद करने का लिया संकल्प

शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मेजर बिष्ट के घर पहुंचे. शहीद मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर रविवार को सुबह करीब 11:30 बजे जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा था. उनके पार्थिव शरीर को गढ़ी कैंट स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल में रखा गया था.

पढ़ें- पूर्व सैनिकों ने कैंडल जलाकर दी शहीदों को श्रद्धांजलि, बोले- सेना को दी जाए खुली छूट

बता दें कि नेहरू कालोनी निवासी पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट के छोटे बेटे मेजर चित्रेश बिष्ट शनिवार को नौसेरा सेक्टर में शहीद हो गए थे. जानकारी के मुताबिक नौसेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास तलाशी अभियान के दौरान सेना को इस बात की जानकारी मिली कि LOC के करीब 1.5 किमी अंदर आतंकियों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाया था. इसके बाद सेना सतर्क हो गई और IED को डिफ्यूज करने लगी. इसी बीच वहां ब्लास्ट हो गया और घटना में मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए.

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मेजर बिष्ट इंजीनियरिंग विभाग में 55 जीआर में तैनात थे. चित्रेश बिष्ट ने 2010 में आईएमए (भारतीय सैन्य अकादमी)देहरादून से पास आउट हुए थे. चित्रेश की सात मार्च को शादी होनी थी, जिसके लिए उन्होंने पिता से 28 फरवरी को छुट्टी आने का वादा किया था.

Intro:एंकर- कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में मारे सीआरपीएफ जवानों की मौत पर जनाक्रोश थमने का नाम नही ले रहा है। खटीमा में शहीद के घर दूर दूर से पहुँच रहे देशवासी मांग रहे जवानों की मौत का बदला।


Body:वीओ- कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ की शहादत पर पूरे देश मे गम और आक्रोश का माहौल है। शहीदों के सम्मान में देश भर में जगह - जगह प्रदर्शन हो रहे है पूरे देश में शहीदों की शहादत का बदला लेने की मांग गूंज रही है। बात खटीमा के शहीद वीरेंद्र सिंह राणा करे तो जनप्रतिनिधियों के शहीद के परिजनों से मिलने आने का तांता लगा हुआ है। वही दूर - दूर लोग शहीद के परिजनो से मिलने आ रहे है। शहीद के परिजनों से मिलने किच्छा से आये युवको का कहना है कि जिस तरह से धोखे से हमारे वीर सैनिको को मार गया है। अब उसका बदला लेने का समय है क्योंकि पूरा देश बदल मांग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि एक सैनिक के सर की जगह दुश्मन के दस सैनिको के सर काट कर लायेंगे। अब देश चाहता हैं कि इन चालीस सैनिको के सर के बदले 400 सर चाहिये।

बाइट-रमेश सिंह किच्छा से आया युवक


Conclusion:फाइनल वीओ-
Last Updated : Feb 18, 2019, 3:02 PM IST
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