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नेपालियों को भड़का रही माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी? भारत के खिलाफ उगला जहर

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में पिछले कई दिनों से भारतीय मजदूरों पर नेपाल की ओर से पत्थरबाजी की जा रही है. वहीं, दार्चुला नेपाल में माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (विप्लव गुट) के कार्यकर्ताओं ने भारत के खिलाफ प्रदर्शन किया और भारत विरोधी नारे भी लगाए. साथ ही आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने नेपाली नागरिकों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की.

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नेपालियों को भड़का रहा माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी
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Published : Dec 21, 2022, 4:50 PM IST

Updated : Dec 21, 2022, 7:22 PM IST

नेपालियों को भड़का रही माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी?

देहरादून: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में नेपाल की ओर से पत्थरबाजी (Stone pelting from Nepal side in Dharchula area) का सिलसिला जारी है. दरअसल, काली नदी पर हो रहे तटबंध निर्माण को लेकर भारत और नेपाल के बीच विवाद (Dispute between India and Nepal) बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में दार्चुला नेपाल (Darchula Nepal) में माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (विप्लव गुट) के कार्यकर्ताओं ने भारत के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने भारतीय तटबंध निर्माण क्षेत्र में पत्थरबाजी की. इस दौरान नेपाल के क्षेत्र से भारत विरोधी नारे भी लगाए गए.

माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (विप्लव गुट) के कार्यकर्ताओं ने दार्चूला नेपाल में एकत्र हुए और जुलूस निकालते हुए भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी लगाए. साथ ही आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने नेपाली नागरिकों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की. इस दौरान उन्होंने भारतीय क्षेत्र में तटबंध निर्माण (embankment construction in Indian territory) कार्य में लगे मजदूरों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इस दौरान भारतीय मजदूरों में पत्थरबाजी के चलते बमुश्किल से अपनी जान बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे.

बता दें कि यह पहला मामला नहीं है कि जब नेपाल की तरफ से निर्माण कार्य कर रहे भारतीय मजदूरों पर पथराव (Stone pelting on Indian laborers) किया गया हो. बल्कि कई बार भारतीय मजदूरों पर पथराव किया जा चुका है. वहीं, सोशल मीडिया पर भी भारत विरोधी बातें लिखी जा रही है. इसके साथ ही माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (विप्लव गुट) कार्यकर्ता ने अपने ही देश के नेताओं को भारत का दलाल तक कहा जा रहा है.

वहीं, भारतीय मजदूर ने बताया कि तटबंध का कार्य किया जा रहा है, लेकिन नेपाल के लोग आए दिन पत्थरबाजी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि अगर ऐसे ही पत्थरबाजी जारी रहा तो वो लोग निर्माण कार्य बंद करने के लिए बाधित हो जाएंगे. यही नहीं, मजदूरों ने नेपाल सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि इन सभी पत्थरबाजों को गिरफ्तार कर दंडित किया जाए. ताकि भारत नेपाल के रोटी और बेटी का संबंध खराब न हो.
ये भी पढ़ें: विधानसभा से बर्खास्त 228 कर्मचारियों का धरना जारी, पुलिस से तीखी झड़प, दो महिलाएं बेहोश

वहीं, नेपाल की ओर से की गई पत्थरबाजी के सवाल पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नेपाल से हमारा पुराना रिश्ता रहा है. हमारी सरकार नेपाल सरकार से लगातार संपर्क में हैं. लेकिन कुछ लोग रोटी-बेटी के संबंधों को उकसाने का काम कर रहे हैं.

पिथौरागढ़ की धारचूला इलाके में नेपाल की तरफ से हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद अब पुलिस प्रशासन सजग हो गया है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने कहा कि जब इस तरह की घटनाएं आती है तो जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर पुलिस काम करती है. साथ ही बड़ी घटना होने पर शासन इसका संज्ञान लेता है और केंद्र सरकार को मामले के बारे में जानकारी दी जाती है. केंद्र सरकार के स्तर से ही इसमें कार्रवाई होती है. आपको बता दें कि जिस तरह से पत्थरबाजी की घटना सामने आई है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने भी इस मामले का पूरा संज्ञान लिया है.

नेपालियों को भड़का रही माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी?

देहरादून: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में नेपाल की ओर से पत्थरबाजी (Stone pelting from Nepal side in Dharchula area) का सिलसिला जारी है. दरअसल, काली नदी पर हो रहे तटबंध निर्माण को लेकर भारत और नेपाल के बीच विवाद (Dispute between India and Nepal) बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में दार्चुला नेपाल (Darchula Nepal) में माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (विप्लव गुट) के कार्यकर्ताओं ने भारत के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने भारतीय तटबंध निर्माण क्षेत्र में पत्थरबाजी की. इस दौरान नेपाल के क्षेत्र से भारत विरोधी नारे भी लगाए गए.

माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (विप्लव गुट) के कार्यकर्ताओं ने दार्चूला नेपाल में एकत्र हुए और जुलूस निकालते हुए भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी लगाए. साथ ही आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने नेपाली नागरिकों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की. इस दौरान उन्होंने भारतीय क्षेत्र में तटबंध निर्माण (embankment construction in Indian territory) कार्य में लगे मजदूरों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इस दौरान भारतीय मजदूरों में पत्थरबाजी के चलते बमुश्किल से अपनी जान बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे.

बता दें कि यह पहला मामला नहीं है कि जब नेपाल की तरफ से निर्माण कार्य कर रहे भारतीय मजदूरों पर पथराव (Stone pelting on Indian laborers) किया गया हो. बल्कि कई बार भारतीय मजदूरों पर पथराव किया जा चुका है. वहीं, सोशल मीडिया पर भी भारत विरोधी बातें लिखी जा रही है. इसके साथ ही माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (विप्लव गुट) कार्यकर्ता ने अपने ही देश के नेताओं को भारत का दलाल तक कहा जा रहा है.

वहीं, भारतीय मजदूर ने बताया कि तटबंध का कार्य किया जा रहा है, लेकिन नेपाल के लोग आए दिन पत्थरबाजी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि अगर ऐसे ही पत्थरबाजी जारी रहा तो वो लोग निर्माण कार्य बंद करने के लिए बाधित हो जाएंगे. यही नहीं, मजदूरों ने नेपाल सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि इन सभी पत्थरबाजों को गिरफ्तार कर दंडित किया जाए. ताकि भारत नेपाल के रोटी और बेटी का संबंध खराब न हो.
ये भी पढ़ें: विधानसभा से बर्खास्त 228 कर्मचारियों का धरना जारी, पुलिस से तीखी झड़प, दो महिलाएं बेहोश

वहीं, नेपाल की ओर से की गई पत्थरबाजी के सवाल पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नेपाल से हमारा पुराना रिश्ता रहा है. हमारी सरकार नेपाल सरकार से लगातार संपर्क में हैं. लेकिन कुछ लोग रोटी-बेटी के संबंधों को उकसाने का काम कर रहे हैं.

पिथौरागढ़ की धारचूला इलाके में नेपाल की तरफ से हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद अब पुलिस प्रशासन सजग हो गया है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने कहा कि जब इस तरह की घटनाएं आती है तो जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर पुलिस काम करती है. साथ ही बड़ी घटना होने पर शासन इसका संज्ञान लेता है और केंद्र सरकार को मामले के बारे में जानकारी दी जाती है. केंद्र सरकार के स्तर से ही इसमें कार्रवाई होती है. आपको बता दें कि जिस तरह से पत्थरबाजी की घटना सामने आई है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने भी इस मामले का पूरा संज्ञान लिया है.

Last Updated : Dec 21, 2022, 7:22 PM IST

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