देहरादून: प्रेमनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत कोटला गांव स्थित सुभारती ट्रस्ट से जुड़े प्रॉपर्टी धोखाधड़ी मामले में पूर्व राज्य मंत्री मनीष वर्मा ने पत्नी सहित शनिवार कोर्ट में सरेंडर किया है. पुलिस ने मनीष वर्मा के भाई संजीव वर्मा को देहरादून कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया है. देहरादून के ACJM तृतीय कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. बता दें, मनीष वर्मा साल 2002 से 2007 तक एनडी तिवारी सरकार में दर्जाधारी मंत्री थे.
बता दें, बीते 16 अगस्त 2021 को कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था. हालांकि, 18 अगस्त को जिला एवं सत्र न्यायालय ने उनकी जमानत मंजूर कर ली थी. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए थे. इसी क्रम में जब आरोपियों ने देहरादून की निचली अदालत में सरेंडर किया तो कोर्ट ने RTPCR रिपोर्ट के साथ सरेंडर करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद आज शनिवार को मनीष वर्मा उनकी पत्नी ने कोर्ट में सरेंडर किया.
साल 2012 में 100 बीघा जमीन का फर्जीवाड़ा: सुभारती ट्रस्ट के शिकायत के मुताबिक मनीष वर्मा, उनकी पत्नी और भाई संजीव वर्मा के खिलाफ साल 2012 में प्रॉपर्टी फर्जीवाड़े में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप है कि तीनों अभियुक्तों ने सुभारती ट्रस्ट को 2012 में 100 बीघा जमीन बेचने का एग्रीमेंट किया था. लेकिन मौके पर केवल 33 बीघा जमीन वैध पाई गई, जबकि बाकी 67 बीघा जमीन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेची गई थी.
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इस मामले में साल 2014 में आरोपित लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई और शिकायत पक्ष द्वारा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया गया. जानकारी के मुताबिक कई बार की कानूनी प्रक्रिया सुनवाई के तहत मनीष वर्मा सहित तीनों आरोपी को अपने पक्ष को लेकर कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. इसी के चलते सर्वोच्च अदालत के आदेश अनुसार देहरादून के एसीजेएम तृतीय कोर्ट से यह कार्रवाई हुई.