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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसः लेह में 111 किमी दौड़ कर मिसाल कयाम करेंगी मेजर शशि मेहता

आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. महिला दिवस पर ईटीवी भारत आपके लिए खास पेशकश 'मिसाल' लेकर आ रहा है, जिसमें हम आपको दिखा रहे हैं कि उत्तराखंड के साथ ही देशभर की महिला अचीवर्स की अनसुनी कहानियां. इन्हीं में एक हैं मैराथन खिलाड़ी मेजर शशि मेहता.

मेजर शशि मेहता
मेजर शशि मेहता
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Published : Feb 29, 2020, 1:04 PM IST

देहरादून: महिलाओं के भीतर अगर जोश और जज्बा है तो दुनिया की हर चुनौती का सामना करने की शक्ति है. यह कहना है मैराथन खिलाड़ी मेजर शशि मेहता का. शशि सहारनपुर में बतौर एनसीसी अधिकारी तैनात हैं. मेहता जल्द ही लद्दाख में आयोजित होने वाली ला अल्ट्रा-द हाई रेस में प्रतिभाग करने वाली हैं.

मेजर शशि मेहता की कहानी.

गढ़वाल रन सफलतापूर्वक दौड़ने बाद लद्दाख के लेह में आयोजित होने वाली 111 किलोमीटर दौड़ के लिए मेजर शशि मेहता ने क्वालिफाइड कर लिया है. 17500 फीट की ऊंचाई पर होने वाली यह दौड़ अगस्त महीने में लेह में होने जा रही है. दौड़ में सफलता हासिल करने के लिए पिथौरागढ़ निवासी शशि जी जान से जुटी हुई है.

पढ़ें- हर क्षेत्र में कायम कर रहीं 'मिसाल', हर महिला के अदम्य साहस को सलाम

इससे पहले भी मेजर शशि ने देहरादून से धनौल्टी तक 74 किलोमीटर की दौड़ में प्रथम स्थान हासिल किया था. उन्होंने यह दौड़ 10 घंटे 44 मिनट में पूरी की थी.

उनका कहना है कि बहुत कम समय में उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया. उत्तराखंड के लिए वह कुछ कर गुजरने की चाहत लिए प्रतिदिन कई घंटे दौड़ती लगाती हैं. इस उम्र में लेह में दौड़ लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि यहां ऑक्सीजन 40 प्रतिशत तक होती है. ला अल्ट्रा-द हाई रेस में हिस्सा लेकर मेजर शशि महिलाओं के लिए मिसाल कायम करेंगी.

लेह में 111 किलोमीटर की लंबी दौड़ के माध्यम से वे यह संदेश भी देना चाह रही हैं कि महिलाओं को अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा दौड़ना चाहिए. जिससे शारीरिक और मानसिक रुप से फिट रहें.

मैराथन खिलाड़ी होने के साथ-साथ शशि मेहता दो बच्चों की मां भी है. वहीं, रेस को लेकर उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की भी मांग की है. वह चाहती हैं कि सरकार उन को आर्थिक तौर पर सहायता प्रदान करें ताकि वह इस रेस में उत्तराखंड के नाम का परचम लहरा सके.

देहरादून: महिलाओं के भीतर अगर जोश और जज्बा है तो दुनिया की हर चुनौती का सामना करने की शक्ति है. यह कहना है मैराथन खिलाड़ी मेजर शशि मेहता का. शशि सहारनपुर में बतौर एनसीसी अधिकारी तैनात हैं. मेहता जल्द ही लद्दाख में आयोजित होने वाली ला अल्ट्रा-द हाई रेस में प्रतिभाग करने वाली हैं.

मेजर शशि मेहता की कहानी.

गढ़वाल रन सफलतापूर्वक दौड़ने बाद लद्दाख के लेह में आयोजित होने वाली 111 किलोमीटर दौड़ के लिए मेजर शशि मेहता ने क्वालिफाइड कर लिया है. 17500 फीट की ऊंचाई पर होने वाली यह दौड़ अगस्त महीने में लेह में होने जा रही है. दौड़ में सफलता हासिल करने के लिए पिथौरागढ़ निवासी शशि जी जान से जुटी हुई है.

पढ़ें- हर क्षेत्र में कायम कर रहीं 'मिसाल', हर महिला के अदम्य साहस को सलाम

इससे पहले भी मेजर शशि ने देहरादून से धनौल्टी तक 74 किलोमीटर की दौड़ में प्रथम स्थान हासिल किया था. उन्होंने यह दौड़ 10 घंटे 44 मिनट में पूरी की थी.

उनका कहना है कि बहुत कम समय में उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया. उत्तराखंड के लिए वह कुछ कर गुजरने की चाहत लिए प्रतिदिन कई घंटे दौड़ती लगाती हैं. इस उम्र में लेह में दौड़ लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि यहां ऑक्सीजन 40 प्रतिशत तक होती है. ला अल्ट्रा-द हाई रेस में हिस्सा लेकर मेजर शशि महिलाओं के लिए मिसाल कायम करेंगी.

लेह में 111 किलोमीटर की लंबी दौड़ के माध्यम से वे यह संदेश भी देना चाह रही हैं कि महिलाओं को अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा दौड़ना चाहिए. जिससे शारीरिक और मानसिक रुप से फिट रहें.

मैराथन खिलाड़ी होने के साथ-साथ शशि मेहता दो बच्चों की मां भी है. वहीं, रेस को लेकर उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की भी मांग की है. वह चाहती हैं कि सरकार उन को आर्थिक तौर पर सहायता प्रदान करें ताकि वह इस रेस में उत्तराखंड के नाम का परचम लहरा सके.

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