देहरादून: कोरोना काल के नाजुक दौर में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए चमचमाती गाड़ियां खरीदी गई हैं. ये गाड़ियां ऐसे वक्त में खरीदी गई हैं जब सरकार ने खर्चों की बचत के लिए तमाम बड़े फैसले लिये हैं, जिनका सीधा असर जनता पर पड़ा है. इन फैसलों में स्थाई नियुक्तियों पर रोक, कर्मचारियों का अन्य विभागों में समायोजन, वेतनमान में कटौती, विभिन्न विभागों के अनुपयोगी पद समाप्त प्रमुख हैं. सरकार ने इन सबसे 300 करोड़ जुटाने का फैसला किया है. वहीं इसके बीच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ये चमचमाती गाड़ियां जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं.
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों की अजब-गजब कारस्तानियां हमेशा ही चर्चाओं में बनी रहती है. कार्यालयों में डॉक्टर्स बाबूगिरी करते हैं तो अस्पतालों में चिकित्सक ही गायब रहते हैं. अब स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से चर्चाओं में है. स्वास्थ्य विभाग में आजकल चमचमाती लग्जरी गाड़ियां पहुंची हैं. महकमे में लग्जरी गाड़ियां पहुंचने की टाइमिंग को लेकर हर कोई आश्चर्यचकित है.
पढ़ें- यह भी पढ़ें- एलएसी पर झड़प में चीनी कमांडर समेत 35 सैनिक ढेर
दरअसल, कोविड-19 के दौर में जहां जहां सरकार विधायकों और कर्मियों की तनख्वाह काट रही है, वही महकमे के ऑफिसर्स के लिए चमचमाती लग्जरी गाड़ियां मंगाई जा रही हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस विभाग में कुल 23 लग्जरी गाड़ियां मंगाई गई हैं. जिनमें 13 गाड़ियां जिलों के सीएमओ को दी गई हैं. 2 गाड़ियां एडिशनल डायरेक्टर जबकि 8 गाड़ियां डायरेक्टर पद के अधिकारियों के लिए खरीदी गई हैं.
पढ़ें- निर्भया गैंगरेप केस से चर्चा में आए वकील एपी सिंह अब प्रणव पांड्या को करेंगे कठघरे में खड़ा
जानकारी के अनुसार कुल ढाई करोड़ की गाड़ियां खरीदे जाने का प्रस्ताव पास किया गया था, मगर इसमें अभी फिलहाल 23 गाड़ियां ही डिलिवर्ड की गई हैं. कोविड-19 में नई गाड़ियां खरीदी जाने के औचित्य को लेकर उठे सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य सचिव अमित ने बताया कि इन सभी गाड़ियां का ऑर्डर पिछले वित्तीय वर्ष में दिया गया था, जो अब डिलिवर हुई हैं.
ये खर्च घटा रही उत्तराखंड सरकार
- विभागों के अनुपयोगी पद समाप्त.
- कर्मचारियों को किया जाएगा समायोजित, वेतनमान भी नहीं बढ़ेगा.
- पुलिस और चिकित्सा विभाग को छोड़कर अन्य किसी विभाग में नए पदों का सृजन नहीं होगा.
- संविदा, नियत वेतन, दैनिक वेतन पर नियुक्ति पूरी तरह से बंद.
- आउटसोर्स के माध्यम से काम करने के आदेश.
- कार्यालयों के नए भवन नहीं बनेंगे, नए गेस्ट हाउस आदि बनाने पर भी रोक.
- विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा कर अनुपयोगी योजनाओं को भी समाप्त करने की योजना
- अफसर इकोनॉमी क्लास से ही करेंगे यात्रा.
- फाइव स्टार होटल में खाना खाने पर भी रोक, सरकारी भवनों में करने होंगे सरकारी कार्यक्रम.