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उत्तराखंड में दागी जनप्रतिनिधियों की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त, जानिए माननीयों का आपराधिक ब्यौरा

उत्तराखंड राज्य में कांग्रेस व भाजपा के दागी विधायक और मंत्रियों पर हत्या, डकैती, धोखाधड़ी, दुष्कर्म व धोखाधड़ी सहित तमाम अपराधिक मामलों में तहत 107 से अधिक आईपीसी की धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. आइये एक नजर डालते हैं उत्तराखंड में दागी जनप्रतिनिधियों की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त पर...

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उत्तराखंड में दागी जनप्रतिनिधियों की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त
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Published : Oct 26, 2020, 12:24 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 12:56 PM IST

देहरादून: उत्तर भारत के राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड प्रदेश में भी कई दागी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ हत्या सहित तमाम संगीन किस्म के आपराधिक मामले कानूनी फाइलों में दर्ज हैं. राज्य में ऐसे कई मंत्री-विधायक हैं, जिनके खिलाफ हत्या-डकैती व दुष्कर्म सहित तमाम तरह के गंभीर मामले हैं जो उनके बाहुबली वाली पृष्ठभूमि की कहानी बयां करते हैं. आइए जानते हैं जनता द्वारा चुने गए इन जनप्रतिनिधियों के आपराधिक इतिहास का सिलसिलेवार ब्यौरा.

उत्तराखंड राज्य में कांग्रेस व भाजपा के दागी विधायक और मंत्रियों पर हत्या, डकैती, धोखाधड़ी, दुष्कर्म व धोखाधड़ी सहित तमाम आपराधिक मामलों में तहत 107 से अधिक आईपीसी की धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. राज्य के कुमाऊं वाले हिस्से में आने वाले ऊधमसिंह नगर के गदरपुर और रुद्रपुर के विधायकों पर सबसे गंभीर किस्म के मुकदमे दर्ज हैं. हालांकि, हरिद्वार जिले (रुड़की) से आने वाले विधायकों पर भी कम आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं हैं. इन विधायकों पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, डकैती और अन्य गंभीर अपराधों के आरोप लगाए गए हैं.

माननीयों के खिलाफ मुकदमे

  • 112 से अधिक विधायकों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
  • 2 विधायकों पर हत्या का मुकदमा चल रहा है.
  • 1 विधायक पर हत्या के प्रयास का मुकदमा चल रहा है.
  • 5 विधायक महिला से छेड़छाड़ के आरोपी हैं.
  • 8 विधायक ऐसे हैं खिलाफ अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है.
  • 5 से अधिक मंत्रियों के दामन पर है दाग.
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    माननीयों के खिलाफ मुकदमे

वर्तमान विधानसभा में कितने दागी

साल 2017 में हुये विधानसभा चुनाव में 70 में से 22 विधायकों ने अपने आपराधिक केसों का ब्यौरा दिया है. हालांकि, हाल में ही द्वाराहाट से बीजेपी विधायक महेश नेगी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद ये आंकड़ा 23 हो गया है. इसमें 18 बीजेपी, 4 कांग्रेस और एक निर्दलीय विधायक शामिल है.

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किस पार्टी में कितने दागी विधायक

किस पार्टी में कितने दागी विधायक

उत्तराखंड विधानसभा में 70 सीटों में से 57 सीटों पर जीते भारतीय जनता पार्टी के विधायकों में से 18 विधायक दागी हैं. कांग्रेस के 11 में 4 विधायकों पर आपराधिक मुकदमे हैं. वहीं, एक निर्दलीय विधायक पर क्रिमिनल केस दर्ज है. 2012 के दौरान, लगभग कुल 70 विधायकों में से कुल 5 प्रतिशत उनके नाम पर गंभीर आपराधिक आरोप थे.

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वर्तमान विधानसभा में कितने दागी

इन आंकड़ों के अनुसार भाजपा के 31% विधायक दागी हैं. कांग्रेस के 36% विधायक दागी हैं. साल 2012 की बात करें तो लगभग 19 (27%) विधायकों ने आपराधिक पृष्ठभूमि को घोषित किया था जो साल 2017 में आगे निकल गया. निर्वाचित प्रतिनिधियों में से, उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक अरविंद पांडे और रुद्रपुर निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल के नाम पर हत्या के मामले दर्ज हैं.

गंभीर अपराध के माननीय

राजनीतिक दलदागी विधायक
भाजपा 11
कांग्रेस1
अन्य1

इन दागी विधायकों पर गंभीर आपराधिक केस

भारतीय जनता पार्टी के 57 में से 11 विधायक गंभीर मामलों में आरोपी हैं. प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो 19% विधायक पर गंभीर आरोप चल रहे हैं. कांग्रेस के 11 में 1 विधायक गंभीर मामलों का दागी है यानी कांग्रेस के 9 प्रतिशत विधायकों पर गंभीर आरोपों पर आधारित केस दर्ज हैं.

कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय

  • शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का रिकॉर्ड

बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे और गदरपुर से मौजूदा भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुमाऊं मंडल के महत्वपूर्ण तराई क्षेत्र उधमसिंह नगर जिले के गदरपुर विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं. इसके साथ ही उन्हें त्रिवेंद्र रावत सरकार में शिक्षा महकमे और खेल की कमान सौंपी गई है.

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कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का लंबा चौड़ा संगीन आपराधिक रिकॉर्ड है. 2017 चुनाव से पहले दिये गए शपथ पत्र के अनुसार, पांडे के खिलाफ कुल 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं. हत्या जैसे संगीन आरोपों से लेकर डकैती जैसी गंभीर वारदात के आरोप में एफआईआर दर्ज हैं. इतना ही नहीं, आपराधिक तौर पर धमकी देने के मामले में आईपीसी की धारा 506 सहित 8 से अधिक अन्य तरह मामले कानूनी फाइलों में दर्ज हैं.

  • वन मंत्री हरक सिंह रावत पर मुकदमों का ब्यौरा

वर्कर्स वेलफेलर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद चुनाव न लड़ने की घोषणा करने वाले हरक सिंह रावत वर्तमान में फिर विवादों में घिरे हैं. कोटद्वार से बीजेपी विधायक व वर्तमान में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व को उन्होंने बगावती तेवरों के साथ अपनाने से मना कर दिया. उन्होंने हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोला और विजय बहुगुणा और तमाम दूसरे विधायकों के साथ मिलकर पार्टी तोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए.चाहे एनडी तिवारी सरकार के दौरान जैनी प्रकरण हो या फिर साल 2014 में मेरठ की युवती द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप, हरक सिंह रावत के राजनीतिक करियर खूब विवादों से भरा रहा है.

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कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय
  • सुबोध उनियाल पर दर्ज मुकदमे

तत्कालीन कांग्रेस सरकार गिराने की कोशिश करने वाले विधायकों में से एक सुबोध उनियाल भी हैं. हरीश रावत सरकार में बगावत करने के बाद बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ा और वर्तमान भाजपा सरकार में कृषि मंत्रालय संभाल रहे हैं. सुबोध उनियाल टिहरी के नरेंद्रनगर विधानसभा सीट से विधायक हैं. मंत्री महोदय पर 5 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. आपराधिक बल के प्रयोग से लोक सेवक को अपने कर्तव्य से रोकने के आरोप में आईपीसी की धारा 353, जानबूझकर शांति भंग और अपमान करने के मामले में आईपीसी की धारा 504, दंगे के मामले में आईपीसी की धारा 144 में दो मुकदमे दर्ज और आईपीसी की धारा 332 में एक मुकदमा दर्ज हैं.

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कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय
  • मदन कौशिक पर दर्ज मुकदमे

उत्तराखंड की मौजूदा भाजपा सरकार में शहरी मंत्री मदन कौशिक पर लोक सेवक कार्य रोकने वाले अपराधिक मामले में आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज है.

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कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय

वर्तमान में कितने विधायक 'दागी'

उत्तराखंड विधानसभा के लिए साल 2017 में निर्वाचित 70 विधायकों में 23 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें 13 विधायकों पर गंभीर आरोप के मामले दर्ज किए गए हैं. चुनाव आयोग को दिए गए शपथपत्र, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) के अनुसार साल 2017 के विधानसभा में दागी विधायकों की संख्या की तुलना, 2012 में निर्वाचित विधायकों में दागियों की संख्या में अधिक है. अगर इसे हम प्रतिशत के हिसाब से देखें तो वर्तमान विधानसभा में 32% विधायक दागी हैं.

  • ठुकराल का आपराधिक इतिहास भी कम नहीं

वहीं, उधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाले रुद्रपुर विधानसभा सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक राजकुमार ठुकराल का आपराधिक इतिहास भी कम नहीं है. अकसर विवादों में रहने वाले विधायक राजकुमार ठुकराल के खिलाफ हत्या के आरोप में आईपीसी की धारा 302 और हत्या से संबंधित धारा 307 के तहत गंभीर मुकदमे कानूनी फाइल में दर्ज हैं. इतना ही नहीं, विधायक ठुकराल पर डकैती जैसे संगीन आरोप के तहत भी आईपीसी की धारा 392 में मुकदमा दर्ज हैं. वहीं, आग और विस्फोटक पदार्थ से घर को नष्ट करने के आरोप में आईपीसी की धारा 436 के तहत मुकदमा दर्ज है.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

घातक हथियार से लैस होकर दंगा भड़काने संबंधी आरोप में आईपीसी की धारा 148 के तहत भी ठुकराल पर मुकदमा दर्ज है. गैर कानूनी तरीके से असेंबली अपराध जैसे मामले के तहत आईपीसी की धारा 144 सहित अन्य मामलों पर विधायक ठुकराल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है.

  • झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल

कभी विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन से झगड़े के कारण सुर्खियों में रहने वाले तो कभी केंद्र से गजट नोटिफिकेशन जारी कर अपने नाम के साथ चमार साहेब जोड़ने का आदेश जारी करवाने वाले भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल का आपराधिक इतिहास भी कम नहीं.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र के झबरेड़ा आरक्षित विधानसभा सीट के वर्तमान भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल के खिलाफ में 9 से अधिक गंभीर किस्म के आरोपों के तहत तमाम मुकदमे दर्ज हैं. विधायक देशराज के खिलाफ आजीवन कारावास जैसे संगीन अपराध के तहत आईपीसी की धारा 511 के तहत सबसे बड़ा मुकदमा दर्ज है.

आपराधिक गतिविधियों में धमकी देने आरोप में आईपीसी की धारा 506 में मुकदमा दर्ज है. वहीं हथियारों से लैस होकर दंगा मामले में धारा 148 व 144 में चार मुकदमे दर्ज हैं. इसके साथ ही विधायक देशराज के खिलाफ आपराधिक बल पर लोक सेवकों को उनके कर्तव्य से रोकने जैसे आरोप में धारा 353 सहित अन्य आरोपों में धारा 448 और आईपीसी एक्ट 437 के अलावा कई मामलों में कानूनी कार्रवाई जारी है.

  • द्वाराहाट भाजपा विधायक पर बलात्कार सहित गंभीर मामले

एक महिला द्वारा यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद एकाएक चर्चाओं में आए महेश नेगी द्वाराहाट विधानसभा से बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन दिनों हरक सिंह रावत के बाद ये ही हैं जो इतनी चर्चाओं में हैं.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

विधायक महेश नेगी पर मानसिक रूप से प्रताड़ना देकर महिला के साथ 2 साल तक बलात्कार जैसे मामले में धारा 376 के तहत देहरादून में मुकदमा दर्ज है. इतना ही नहीं, विधायक नेगी पर आपराधिक गतिविधियों के चलते धमकी देने के अपराध में धारा 506 के तहत दो आरोपों में भी मुकदमा दर्ज कर जांच विवेचना जारी है.

  • यहां भी 'चैंपियन' हैं चैंपियन

कभी असलहे लहराते हुये डांस करते कैमरे में कैद हो जाना तो कभी साथी विधायक को कुश्ती में दो-दो हाथ करने की धमकी देना...अपने ऐसे ही अंदाज के कारण खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन दबंग कहलाते हैं. कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन पर कई बड़े केस दर्ज हैं. उनके खिलाफ साथी विधायक देशराज कर्णवाल की पत्नी ने ही जातिसूचक शब्द बोलने और अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस को तहरीर दी थी. साल 2019 में एसएसपी के निर्देश पर सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने चैंपियन के खिलाफ एससी एसटी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा
  • साल 2003 में चैंपियन पर लक्सर में मगरमच्छ के शिकार के आरोप लगे थे. इस पर वन विभाग ने मुकदमा भी दर्ज किया. हालांकि, इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई.
  • 2006 में उन पर बहादराबाद में रोडवेज बस के ड्राइवर पर फायरिंग का आरोप लगा था. कहा जाता है कि उन्होंने साइड न देने पर फायरिंग की थी.
  • जनवरी 2009 में चैंपियन पर मंगलौर में हवाई फायरिंग का मामला दर्ज हुआ, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुई.
  • वहीं, 2010 में कर्नाटक के मंगलौर के एक कार्यक्रम में फायरिंग करते हुए उनका वीडियो वायरल हुआ था.
  • 2011 में चैंपियन पर तत्कालीन विधायक और मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के समर्थकों ने मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी वर्ष रुड़की के एक होटल के मालिक पर फायरिंग करने का भी आरोप लगा था. इस मामले में मुकदमा तो दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने आगे कार्रवाई नहीं की.
  • 2015 में कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के देहरादून में यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर एक पार्टी के दौरान उन पर हवाई फायरिंग के आरोप लगे थे. इसमें कांग्रेस के दो कार्यकर्ता घायल हो गए थे. हालांकि, तब प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने के कारण यह मामला भी दब गया.
  • 2015 में हरिद्वार के पथरी में खनन को लेकर ग्रामीणों पर गोलियां चलाने का भी उन आरोप लगा था.
  • 2016 में जब कांग्रेस सरकार में उठापठक चली तो चैंपियन बागी विधायकों के साथ रहे. वर्ष 2017 के चुनावों में भाजपा ने चैंपियन को टिकट दिया. चुनाव जीतने के बाद वह फिर विवादों में रहे. उन पर नामांकन के दौरान हथियारबंद समर्थकों को ले जाने के आरोप लगे.
  • मसूरी विधायक गणेश जोशी का आपराधिक इतिहास

देहरादून जिले के मसूरी विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा विधायक गणेश जोशी 'शक्तिमान' घोड़े की मौत के बाद एकाएक सुर्खियों में आए थे. उत्तराखंड में तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विधायक पर पुलिस के घोड़े शक्तिमान के साथ अमानीय व्यवहार करने का आरोप था, जिसके बाद घोड़े की मौत हो गई थी. इस मामले में गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसे वापस ले लिया गया था.

इसके अलावा, मसूरी से मौजूदा भाजपा के विधायक गणेश जोशी पर लगभग एक दर्जन से अधिक मामलों में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई प्रचलित है. धमकी देने संबंधित आरोप में आईपीसी की 506 की धारा में 2 मुकदमा दर्ज है. गलत इरादे से महिला पर हमला और आपराधिक बल प्रयोग के चलते आईपीसी की धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज है. मारपीट और गलत संयम से चोट पहुंचाने के आरोप में हाउस ट्रेजर से संबंधित मामले में विधायक जोशी के खिलाफ आईपीसी की धारा 552 में भी मुकदमा दर्ज है.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

लोक सेवक को अपनी सुरक्षा अनुसार कर्तव्य न देने के चलते उस को आहत पहुंचाने के संबंधित मामले में आईपीसी की धारा 332 के तहत मुकदमा दर्ज है. मवेशियों को मारने या शिकार मामले में धारा 429 के तहत और घातक हथियार से लैस होकर दंगा सम्बंधित मामलों में 148 और 144 में चार मुकदमे दर्ज हैं.

चोट पहुंचाने में धारा-323, शांतिभंग व अपमान के मामले में धारा-504, आपराधिक बल पर लोक सेवक को कार्य से रोकर हमले के आरोप में धारा 353 के अलावा आईपीसी की धारा 34 और 188 सहित मामलों में कानूनी कार्रवाई जारी है.

  • सहसपुर विधायक पर 15 से अधिक मुकदमे दर्ज

सहसपुर से भाजपा के वर्तमान विधायक सहदेव सिंह पुंडीर के खिलाफ भी 15 के अधिक मुकदमे दर्ज हैं. विधायक सतीश सिंह पुंडीर के खिलाफ चोट पहुंचाकर मारपीट करने में धारा 452 के अलावा आईपीसी की धारा 325 सहित महिला पर आपराधिक बल से हमला करने जैसे मामले में 354 और आपराधिक धमकी के आरोप में आईपीसी की धारा 506 के तहत मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई प्रचलित है.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

वहीं, विधायक पुंडीर पर दंगा से संबंधित तीन मामलों में 144 और शांति भंग कर जानबूझकर अपमान करने के इरादे वाले आरोप में आईपीसी की धारा 504 के तहत तीन आरोप मुकदमे हैं.

गलत संयम और गलत आरोप से संबंधित आईपीसी की धारा 341 और 342 में मुकदमे दर्ज हैं जबकि घातक हथियार से लैस दंगा संबंधी आरोप में धारा 148 और चोट पहुंचाने के आरोप में धारा 323 सहित शरारत संबंधी आरोप में धारा 427 के तहत भी मुकदमा दर्ज हैं.

  • रुड़की से प्रदीप बत्रा के आपराधिक रिकॉर्ड की सूची

भाजपा के प्रदीप बत्रा पर 4 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. बत्रा पर संपत्ति वितरण को धोखा देने और बेईमानी करने के आरोप में आईपीसी की धारा 420 के अलावा दंगा संबंधी धारा 144 से मुकदमा दर्ज है. जबकि आईपीसी की धारा 344 के साथ-साथ आपराधिक साजिश में शामिल होने के चलते आईपीसी की धारा 120 बी में भी मुकदमा दर्ज है.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा
  • हरिद्वार के विधायक यतीश्वरानंद पर मुकदमे

हरिद्वार से आने वाले भाजपा विधायक यतीश्वरानंद पर भी तीन मुकदमे दर्ज हैं. गैर कानूनी मामले में विधानसभा के अंतर्गत आईपीसी की धारा 143 और दंगा संबंधी मामले में आईपीसी की धारा 144 सहित असेंबली मामले में धारा 144 में भी मुकदमा दर्ज हैं.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा.
  • गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह

उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री विधानसभा से आने वाले भाजपा गोपाल सिंह रावत पर आईपीसी की धारा 341 और दंगा संबंधी धारा 144 के तहत दो मुकदमे दर्ज हैं.

कांग्रेसी विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

  • रुद्रप्रयाग से कांग्रेस विधायक मनोज रावत

वहीं, केदारनाथ विधानसभा के रुद्रप्रयाग से कांग्रेस विधायक मनोज रावत पर भी लगभग आधा दर्जन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. पहली बार 2017 विधानसभा चुनाव में रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से विधायक बने कांग्रेस के मनोज रावत पर आपराधिक धमकी देने के चलते धारा 506 में मुकदमा दर्ज है जबकि महिला का अपमान करने और अन्य तरह के आपराधिक घटनाक्रम करते हुए आईपीसी की धारा 509 में मुकदमा दर्ज है.

इतना ही नहीं, कांग्रेस विधायक मनोज रावत पर दंगा मामले में धारा 144, चोट पहुंचाने संबंधी आरोपी 323 और जानबूझकर शांति भंग के इरादे से अपमान करने के आरोप में धारा 504 वाले मामले में कानूनी कार्रवाई प्रचलित है.

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कांग्रेसी विधायकों का आपराधिक ब्यौरा.
  • पुरोला विधायक राजकुमार

कांग्रेसी विधायक राजकुमार पर राजस्व क्षेत्र में 2007 में दो और 2013 में एक मामले में आरोप तय वाले कोर्ट में मामले हैं.

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कांग्रेसी विधायकों का आपराधिक ब्यौरा.


उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत किए गए शपथ पत्रों के मुताबिक दी गई सूचना के आधार पर राज्य में कांग्रेस और बीजेपी जनप्रतिनिधियों पर दर्ज मुकदमों की स्थिति इस प्रकार है.

  • भाजपा सरकार शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे पर 10 से अधिक मुकदमे दर्ज.
  • मसूरी भाजपा विधायक गणेश जोशी पर 14 से अधिक मुकदमे दर्ज.
  • देहरादून के सहसपुर से विधायक भाजपा सहदेव सिंह पुंडीर पर 15 मुकदमे अलग-अलग धाराओं में दर्ज हैं.
  • गंगोत्री विधानसभा जनप्रतिनिधि गोपाल सिंह रावत पर दो मुकदमे दर्ज.
  • टिहरी विधानसभा के भाजपा विधायक कृषि मंत्री सुबोध उनियाल पर पांच अलग-अलग मामलों में दर्ज हैं.
  • भाजपा सरकार के मंत्री धन सिंह नेगी पर भी राजस्व विभाग में कई मुकदमे दर्ज हैं.
  • उत्तरकाशी जिले के पुरोला विधानसभा से कांग्रेस विधायक राजकुमार पर भी राजस्व क्षेत्र में कई मुकदमे दर्ज और न्यायालय में आरोप तय हैं.
  • केदारनाथ विधानसभा से कांग्रेस के विधायक मनोज रावत पर अलग-अलग धाराओं में 5 से अधिक मुकदमे दर्ज.
  • चकराता आरक्षित सीट से प्रधान सिंह पर आधा दर्जन से अधिक अलग-अलग मामलों में मुकदमे दर्ज हैं.
  • जसपुर के जनप्रतिनिधि आदेश सिंह पर आधा दर्जन से अधिक अलग-अलग मामलों में मुकदमे दर्ज हैं.
  • मौजूदा भाजपा सरकार कृषि मंत्री भरत सिंह रावत जो कोटद्वार विधानसभा के विधायक हैं उन पर अलग-अलग मामलों में 9 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.
  • चंपावत जिले के लोहाघाट से जनप्रतिनिधि पूरन सिंह फर्त्याल पर दो तरह के मामलों में आईपीसी धारा 506 के तहत दो मामले दर्ज हैं.
  • नैनीताल जिले के भीमताल से आने वाले निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा पर दो मुकदमे दर्ज हैं.
  • हरिद्वार जिले से भाजपा के मौजूदा सरकार में शहरी मंत्री मदन कौशिक पर भी धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज हैं.
  • हरिद्वार जिले से खानपुर विधानसभा से भाजपा के दागी विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन पर आर्म्स एक्ट व हवा में फायर करने धमकाने जैसे अन्य मामलों में कई मुकदमे दर्ज हैं.

देहरादून: उत्तर भारत के राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड प्रदेश में भी कई दागी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ हत्या सहित तमाम संगीन किस्म के आपराधिक मामले कानूनी फाइलों में दर्ज हैं. राज्य में ऐसे कई मंत्री-विधायक हैं, जिनके खिलाफ हत्या-डकैती व दुष्कर्म सहित तमाम तरह के गंभीर मामले हैं जो उनके बाहुबली वाली पृष्ठभूमि की कहानी बयां करते हैं. आइए जानते हैं जनता द्वारा चुने गए इन जनप्रतिनिधियों के आपराधिक इतिहास का सिलसिलेवार ब्यौरा.

उत्तराखंड राज्य में कांग्रेस व भाजपा के दागी विधायक और मंत्रियों पर हत्या, डकैती, धोखाधड़ी, दुष्कर्म व धोखाधड़ी सहित तमाम आपराधिक मामलों में तहत 107 से अधिक आईपीसी की धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. राज्य के कुमाऊं वाले हिस्से में आने वाले ऊधमसिंह नगर के गदरपुर और रुद्रपुर के विधायकों पर सबसे गंभीर किस्म के मुकदमे दर्ज हैं. हालांकि, हरिद्वार जिले (रुड़की) से आने वाले विधायकों पर भी कम आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं हैं. इन विधायकों पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, डकैती और अन्य गंभीर अपराधों के आरोप लगाए गए हैं.

माननीयों के खिलाफ मुकदमे

  • 112 से अधिक विधायकों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
  • 2 विधायकों पर हत्या का मुकदमा चल रहा है.
  • 1 विधायक पर हत्या के प्रयास का मुकदमा चल रहा है.
  • 5 विधायक महिला से छेड़छाड़ के आरोपी हैं.
  • 8 विधायक ऐसे हैं खिलाफ अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है.
  • 5 से अधिक मंत्रियों के दामन पर है दाग.
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    माननीयों के खिलाफ मुकदमे

वर्तमान विधानसभा में कितने दागी

साल 2017 में हुये विधानसभा चुनाव में 70 में से 22 विधायकों ने अपने आपराधिक केसों का ब्यौरा दिया है. हालांकि, हाल में ही द्वाराहाट से बीजेपी विधायक महेश नेगी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद ये आंकड़ा 23 हो गया है. इसमें 18 बीजेपी, 4 कांग्रेस और एक निर्दलीय विधायक शामिल है.

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किस पार्टी में कितने दागी विधायक

किस पार्टी में कितने दागी विधायक

उत्तराखंड विधानसभा में 70 सीटों में से 57 सीटों पर जीते भारतीय जनता पार्टी के विधायकों में से 18 विधायक दागी हैं. कांग्रेस के 11 में 4 विधायकों पर आपराधिक मुकदमे हैं. वहीं, एक निर्दलीय विधायक पर क्रिमिनल केस दर्ज है. 2012 के दौरान, लगभग कुल 70 विधायकों में से कुल 5 प्रतिशत उनके नाम पर गंभीर आपराधिक आरोप थे.

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वर्तमान विधानसभा में कितने दागी

इन आंकड़ों के अनुसार भाजपा के 31% विधायक दागी हैं. कांग्रेस के 36% विधायक दागी हैं. साल 2012 की बात करें तो लगभग 19 (27%) विधायकों ने आपराधिक पृष्ठभूमि को घोषित किया था जो साल 2017 में आगे निकल गया. निर्वाचित प्रतिनिधियों में से, उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक अरविंद पांडे और रुद्रपुर निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल के नाम पर हत्या के मामले दर्ज हैं.

गंभीर अपराध के माननीय

राजनीतिक दलदागी विधायक
भाजपा 11
कांग्रेस1
अन्य1

इन दागी विधायकों पर गंभीर आपराधिक केस

भारतीय जनता पार्टी के 57 में से 11 विधायक गंभीर मामलों में आरोपी हैं. प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो 19% विधायक पर गंभीर आरोप चल रहे हैं. कांग्रेस के 11 में 1 विधायक गंभीर मामलों का दागी है यानी कांग्रेस के 9 प्रतिशत विधायकों पर गंभीर आरोपों पर आधारित केस दर्ज हैं.

कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय

  • शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का रिकॉर्ड

बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे और गदरपुर से मौजूदा भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुमाऊं मंडल के महत्वपूर्ण तराई क्षेत्र उधमसिंह नगर जिले के गदरपुर विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं. इसके साथ ही उन्हें त्रिवेंद्र रावत सरकार में शिक्षा महकमे और खेल की कमान सौंपी गई है.

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कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का लंबा चौड़ा संगीन आपराधिक रिकॉर्ड है. 2017 चुनाव से पहले दिये गए शपथ पत्र के अनुसार, पांडे के खिलाफ कुल 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं. हत्या जैसे संगीन आरोपों से लेकर डकैती जैसी गंभीर वारदात के आरोप में एफआईआर दर्ज हैं. इतना ही नहीं, आपराधिक तौर पर धमकी देने के मामले में आईपीसी की धारा 506 सहित 8 से अधिक अन्य तरह मामले कानूनी फाइलों में दर्ज हैं.

  • वन मंत्री हरक सिंह रावत पर मुकदमों का ब्यौरा

वर्कर्स वेलफेलर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद चुनाव न लड़ने की घोषणा करने वाले हरक सिंह रावत वर्तमान में फिर विवादों में घिरे हैं. कोटद्वार से बीजेपी विधायक व वर्तमान में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व को उन्होंने बगावती तेवरों के साथ अपनाने से मना कर दिया. उन्होंने हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोला और विजय बहुगुणा और तमाम दूसरे विधायकों के साथ मिलकर पार्टी तोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए.चाहे एनडी तिवारी सरकार के दौरान जैनी प्रकरण हो या फिर साल 2014 में मेरठ की युवती द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप, हरक सिंह रावत के राजनीतिक करियर खूब विवादों से भरा रहा है.

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कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय
  • सुबोध उनियाल पर दर्ज मुकदमे

तत्कालीन कांग्रेस सरकार गिराने की कोशिश करने वाले विधायकों में से एक सुबोध उनियाल भी हैं. हरीश रावत सरकार में बगावत करने के बाद बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ा और वर्तमान भाजपा सरकार में कृषि मंत्रालय संभाल रहे हैं. सुबोध उनियाल टिहरी के नरेंद्रनगर विधानसभा सीट से विधायक हैं. मंत्री महोदय पर 5 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. आपराधिक बल के प्रयोग से लोक सेवक को अपने कर्तव्य से रोकने के आरोप में आईपीसी की धारा 353, जानबूझकर शांति भंग और अपमान करने के मामले में आईपीसी की धारा 504, दंगे के मामले में आईपीसी की धारा 144 में दो मुकदमे दर्ज और आईपीसी की धारा 332 में एक मुकदमा दर्ज हैं.

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कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय
  • मदन कौशिक पर दर्ज मुकदमे

उत्तराखंड की मौजूदा भाजपा सरकार में शहरी मंत्री मदन कौशिक पर लोक सेवक कार्य रोकने वाले अपराधिक मामले में आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज है.

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कितने 'दागी' हैं मंत्री महोदय

वर्तमान में कितने विधायक 'दागी'

उत्तराखंड विधानसभा के लिए साल 2017 में निर्वाचित 70 विधायकों में 23 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें 13 विधायकों पर गंभीर आरोप के मामले दर्ज किए गए हैं. चुनाव आयोग को दिए गए शपथपत्र, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) के अनुसार साल 2017 के विधानसभा में दागी विधायकों की संख्या की तुलना, 2012 में निर्वाचित विधायकों में दागियों की संख्या में अधिक है. अगर इसे हम प्रतिशत के हिसाब से देखें तो वर्तमान विधानसभा में 32% विधायक दागी हैं.

  • ठुकराल का आपराधिक इतिहास भी कम नहीं

वहीं, उधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाले रुद्रपुर विधानसभा सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक राजकुमार ठुकराल का आपराधिक इतिहास भी कम नहीं है. अकसर विवादों में रहने वाले विधायक राजकुमार ठुकराल के खिलाफ हत्या के आरोप में आईपीसी की धारा 302 और हत्या से संबंधित धारा 307 के तहत गंभीर मुकदमे कानूनी फाइल में दर्ज हैं. इतना ही नहीं, विधायक ठुकराल पर डकैती जैसे संगीन आरोप के तहत भी आईपीसी की धारा 392 में मुकदमा दर्ज हैं. वहीं, आग और विस्फोटक पदार्थ से घर को नष्ट करने के आरोप में आईपीसी की धारा 436 के तहत मुकदमा दर्ज है.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

घातक हथियार से लैस होकर दंगा भड़काने संबंधी आरोप में आईपीसी की धारा 148 के तहत भी ठुकराल पर मुकदमा दर्ज है. गैर कानूनी तरीके से असेंबली अपराध जैसे मामले के तहत आईपीसी की धारा 144 सहित अन्य मामलों पर विधायक ठुकराल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है.

  • झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल

कभी विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन से झगड़े के कारण सुर्खियों में रहने वाले तो कभी केंद्र से गजट नोटिफिकेशन जारी कर अपने नाम के साथ चमार साहेब जोड़ने का आदेश जारी करवाने वाले भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल का आपराधिक इतिहास भी कम नहीं.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र के झबरेड़ा आरक्षित विधानसभा सीट के वर्तमान भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल के खिलाफ में 9 से अधिक गंभीर किस्म के आरोपों के तहत तमाम मुकदमे दर्ज हैं. विधायक देशराज के खिलाफ आजीवन कारावास जैसे संगीन अपराध के तहत आईपीसी की धारा 511 के तहत सबसे बड़ा मुकदमा दर्ज है.

आपराधिक गतिविधियों में धमकी देने आरोप में आईपीसी की धारा 506 में मुकदमा दर्ज है. वहीं हथियारों से लैस होकर दंगा मामले में धारा 148 व 144 में चार मुकदमे दर्ज हैं. इसके साथ ही विधायक देशराज के खिलाफ आपराधिक बल पर लोक सेवकों को उनके कर्तव्य से रोकने जैसे आरोप में धारा 353 सहित अन्य आरोपों में धारा 448 और आईपीसी एक्ट 437 के अलावा कई मामलों में कानूनी कार्रवाई जारी है.

  • द्वाराहाट भाजपा विधायक पर बलात्कार सहित गंभीर मामले

एक महिला द्वारा यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद एकाएक चर्चाओं में आए महेश नेगी द्वाराहाट विधानसभा से बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन दिनों हरक सिंह रावत के बाद ये ही हैं जो इतनी चर्चाओं में हैं.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

विधायक महेश नेगी पर मानसिक रूप से प्रताड़ना देकर महिला के साथ 2 साल तक बलात्कार जैसे मामले में धारा 376 के तहत देहरादून में मुकदमा दर्ज है. इतना ही नहीं, विधायक नेगी पर आपराधिक गतिविधियों के चलते धमकी देने के अपराध में धारा 506 के तहत दो आरोपों में भी मुकदमा दर्ज कर जांच विवेचना जारी है.

  • यहां भी 'चैंपियन' हैं चैंपियन

कभी असलहे लहराते हुये डांस करते कैमरे में कैद हो जाना तो कभी साथी विधायक को कुश्ती में दो-दो हाथ करने की धमकी देना...अपने ऐसे ही अंदाज के कारण खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन दबंग कहलाते हैं. कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन पर कई बड़े केस दर्ज हैं. उनके खिलाफ साथी विधायक देशराज कर्णवाल की पत्नी ने ही जातिसूचक शब्द बोलने और अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस को तहरीर दी थी. साल 2019 में एसएसपी के निर्देश पर सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने चैंपियन के खिलाफ एससी एसटी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा
  • साल 2003 में चैंपियन पर लक्सर में मगरमच्छ के शिकार के आरोप लगे थे. इस पर वन विभाग ने मुकदमा भी दर्ज किया. हालांकि, इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई.
  • 2006 में उन पर बहादराबाद में रोडवेज बस के ड्राइवर पर फायरिंग का आरोप लगा था. कहा जाता है कि उन्होंने साइड न देने पर फायरिंग की थी.
  • जनवरी 2009 में चैंपियन पर मंगलौर में हवाई फायरिंग का मामला दर्ज हुआ, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुई.
  • वहीं, 2010 में कर्नाटक के मंगलौर के एक कार्यक्रम में फायरिंग करते हुए उनका वीडियो वायरल हुआ था.
  • 2011 में चैंपियन पर तत्कालीन विधायक और मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के समर्थकों ने मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी वर्ष रुड़की के एक होटल के मालिक पर फायरिंग करने का भी आरोप लगा था. इस मामले में मुकदमा तो दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने आगे कार्रवाई नहीं की.
  • 2015 में कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के देहरादून में यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर एक पार्टी के दौरान उन पर हवाई फायरिंग के आरोप लगे थे. इसमें कांग्रेस के दो कार्यकर्ता घायल हो गए थे. हालांकि, तब प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने के कारण यह मामला भी दब गया.
  • 2015 में हरिद्वार के पथरी में खनन को लेकर ग्रामीणों पर गोलियां चलाने का भी उन आरोप लगा था.
  • 2016 में जब कांग्रेस सरकार में उठापठक चली तो चैंपियन बागी विधायकों के साथ रहे. वर्ष 2017 के चुनावों में भाजपा ने चैंपियन को टिकट दिया. चुनाव जीतने के बाद वह फिर विवादों में रहे. उन पर नामांकन के दौरान हथियारबंद समर्थकों को ले जाने के आरोप लगे.
  • मसूरी विधायक गणेश जोशी का आपराधिक इतिहास

देहरादून जिले के मसूरी विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा विधायक गणेश जोशी 'शक्तिमान' घोड़े की मौत के बाद एकाएक सुर्खियों में आए थे. उत्तराखंड में तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विधायक पर पुलिस के घोड़े शक्तिमान के साथ अमानीय व्यवहार करने का आरोप था, जिसके बाद घोड़े की मौत हो गई थी. इस मामले में गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसे वापस ले लिया गया था.

इसके अलावा, मसूरी से मौजूदा भाजपा के विधायक गणेश जोशी पर लगभग एक दर्जन से अधिक मामलों में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई प्रचलित है. धमकी देने संबंधित आरोप में आईपीसी की 506 की धारा में 2 मुकदमा दर्ज है. गलत इरादे से महिला पर हमला और आपराधिक बल प्रयोग के चलते आईपीसी की धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज है. मारपीट और गलत संयम से चोट पहुंचाने के आरोप में हाउस ट्रेजर से संबंधित मामले में विधायक जोशी के खिलाफ आईपीसी की धारा 552 में भी मुकदमा दर्ज है.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

लोक सेवक को अपनी सुरक्षा अनुसार कर्तव्य न देने के चलते उस को आहत पहुंचाने के संबंधित मामले में आईपीसी की धारा 332 के तहत मुकदमा दर्ज है. मवेशियों को मारने या शिकार मामले में धारा 429 के तहत और घातक हथियार से लैस होकर दंगा सम्बंधित मामलों में 148 और 144 में चार मुकदमे दर्ज हैं.

चोट पहुंचाने में धारा-323, शांतिभंग व अपमान के मामले में धारा-504, आपराधिक बल पर लोक सेवक को कार्य से रोकर हमले के आरोप में धारा 353 के अलावा आईपीसी की धारा 34 और 188 सहित मामलों में कानूनी कार्रवाई जारी है.

  • सहसपुर विधायक पर 15 से अधिक मुकदमे दर्ज

सहसपुर से भाजपा के वर्तमान विधायक सहदेव सिंह पुंडीर के खिलाफ भी 15 के अधिक मुकदमे दर्ज हैं. विधायक सतीश सिंह पुंडीर के खिलाफ चोट पहुंचाकर मारपीट करने में धारा 452 के अलावा आईपीसी की धारा 325 सहित महिला पर आपराधिक बल से हमला करने जैसे मामले में 354 और आपराधिक धमकी के आरोप में आईपीसी की धारा 506 के तहत मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई प्रचलित है.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

वहीं, विधायक पुंडीर पर दंगा से संबंधित तीन मामलों में 144 और शांति भंग कर जानबूझकर अपमान करने के इरादे वाले आरोप में आईपीसी की धारा 504 के तहत तीन आरोप मुकदमे हैं.

गलत संयम और गलत आरोप से संबंधित आईपीसी की धारा 341 और 342 में मुकदमे दर्ज हैं जबकि घातक हथियार से लैस दंगा संबंधी आरोप में धारा 148 और चोट पहुंचाने के आरोप में धारा 323 सहित शरारत संबंधी आरोप में धारा 427 के तहत भी मुकदमा दर्ज हैं.

  • रुड़की से प्रदीप बत्रा के आपराधिक रिकॉर्ड की सूची

भाजपा के प्रदीप बत्रा पर 4 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. बत्रा पर संपत्ति वितरण को धोखा देने और बेईमानी करने के आरोप में आईपीसी की धारा 420 के अलावा दंगा संबंधी धारा 144 से मुकदमा दर्ज है. जबकि आईपीसी की धारा 344 के साथ-साथ आपराधिक साजिश में शामिल होने के चलते आईपीसी की धारा 120 बी में भी मुकदमा दर्ज है.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा
  • हरिद्वार के विधायक यतीश्वरानंद पर मुकदमे

हरिद्वार से आने वाले भाजपा विधायक यतीश्वरानंद पर भी तीन मुकदमे दर्ज हैं. गैर कानूनी मामले में विधानसभा के अंतर्गत आईपीसी की धारा 143 और दंगा संबंधी मामले में आईपीसी की धारा 144 सहित असेंबली मामले में धारा 144 में भी मुकदमा दर्ज हैं.

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भाजपा विधायकों का आपराधिक ब्यौरा.
  • गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह

उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री विधानसभा से आने वाले भाजपा गोपाल सिंह रावत पर आईपीसी की धारा 341 और दंगा संबंधी धारा 144 के तहत दो मुकदमे दर्ज हैं.

कांग्रेसी विधायकों का आपराधिक ब्यौरा

  • रुद्रप्रयाग से कांग्रेस विधायक मनोज रावत

वहीं, केदारनाथ विधानसभा के रुद्रप्रयाग से कांग्रेस विधायक मनोज रावत पर भी लगभग आधा दर्जन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. पहली बार 2017 विधानसभा चुनाव में रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से विधायक बने कांग्रेस के मनोज रावत पर आपराधिक धमकी देने के चलते धारा 506 में मुकदमा दर्ज है जबकि महिला का अपमान करने और अन्य तरह के आपराधिक घटनाक्रम करते हुए आईपीसी की धारा 509 में मुकदमा दर्ज है.

इतना ही नहीं, कांग्रेस विधायक मनोज रावत पर दंगा मामले में धारा 144, चोट पहुंचाने संबंधी आरोपी 323 और जानबूझकर शांति भंग के इरादे से अपमान करने के आरोप में धारा 504 वाले मामले में कानूनी कार्रवाई प्रचलित है.

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कांग्रेसी विधायकों का आपराधिक ब्यौरा.
  • पुरोला विधायक राजकुमार

कांग्रेसी विधायक राजकुमार पर राजस्व क्षेत्र में 2007 में दो और 2013 में एक मामले में आरोप तय वाले कोर्ट में मामले हैं.

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कांग्रेसी विधायकों का आपराधिक ब्यौरा.


उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत किए गए शपथ पत्रों के मुताबिक दी गई सूचना के आधार पर राज्य में कांग्रेस और बीजेपी जनप्रतिनिधियों पर दर्ज मुकदमों की स्थिति इस प्रकार है.

  • भाजपा सरकार शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे पर 10 से अधिक मुकदमे दर्ज.
  • मसूरी भाजपा विधायक गणेश जोशी पर 14 से अधिक मुकदमे दर्ज.
  • देहरादून के सहसपुर से विधायक भाजपा सहदेव सिंह पुंडीर पर 15 मुकदमे अलग-अलग धाराओं में दर्ज हैं.
  • गंगोत्री विधानसभा जनप्रतिनिधि गोपाल सिंह रावत पर दो मुकदमे दर्ज.
  • टिहरी विधानसभा के भाजपा विधायक कृषि मंत्री सुबोध उनियाल पर पांच अलग-अलग मामलों में दर्ज हैं.
  • भाजपा सरकार के मंत्री धन सिंह नेगी पर भी राजस्व विभाग में कई मुकदमे दर्ज हैं.
  • उत्तरकाशी जिले के पुरोला विधानसभा से कांग्रेस विधायक राजकुमार पर भी राजस्व क्षेत्र में कई मुकदमे दर्ज और न्यायालय में आरोप तय हैं.
  • केदारनाथ विधानसभा से कांग्रेस के विधायक मनोज रावत पर अलग-अलग धाराओं में 5 से अधिक मुकदमे दर्ज.
  • चकराता आरक्षित सीट से प्रधान सिंह पर आधा दर्जन से अधिक अलग-अलग मामलों में मुकदमे दर्ज हैं.
  • जसपुर के जनप्रतिनिधि आदेश सिंह पर आधा दर्जन से अधिक अलग-अलग मामलों में मुकदमे दर्ज हैं.
  • मौजूदा भाजपा सरकार कृषि मंत्री भरत सिंह रावत जो कोटद्वार विधानसभा के विधायक हैं उन पर अलग-अलग मामलों में 9 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.
  • चंपावत जिले के लोहाघाट से जनप्रतिनिधि पूरन सिंह फर्त्याल पर दो तरह के मामलों में आईपीसी धारा 506 के तहत दो मामले दर्ज हैं.
  • नैनीताल जिले के भीमताल से आने वाले निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा पर दो मुकदमे दर्ज हैं.
  • हरिद्वार जिले से भाजपा के मौजूदा सरकार में शहरी मंत्री मदन कौशिक पर भी धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज हैं.
  • हरिद्वार जिले से खानपुर विधानसभा से भाजपा के दागी विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन पर आर्म्स एक्ट व हवा में फायर करने धमकाने जैसे अन्य मामलों में कई मुकदमे दर्ज हैं.
Last Updated : Oct 26, 2020, 12:56 PM IST
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