देहरादून: यूकेडी से निष्कासित नेताओं ने अब राजनीतिक क्षेत्रीय दल का गठन करने का निर्णय लिया है. दल का नामकरण होने के बाद नया राजनीतिक क्षेत्रीय दल आने वाले नगर निकाय त्रिस्तरीय पंचायत और लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगा. नए राजनीतिक दल को लेकर संगठन से जुड़े लोग पूरे प्रदेश में भ्रमण करने के बाद उत्तराखंड से आए सुझावों को एक साथ संकलित करके सामूहिक निर्णय लेकर एक विजन डाक्यूमेंट तैयार करेंगे, उसके बाद दल का नाम फाइनल कर दिया जाएगा.
विभिन्न वर्गों के बुद्धिजीवियों से लिए जाएंगे सुझाव: यूकेडी के पूर्व केंद्रीय प्रवक्ता शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि प्रोफेशनल चुनाव के बाद नेताओं की राजनीति से अलग उत्तराखंड में एक अलग तरीके की राजनीति की जरूरत है, जो हर समय जनता के बीच रहने वाले विभिन्न समाजसेवियों के माध्यम से संचालित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली से संचालित आधे दर्जन राजनीतिक दल और उत्तराखंड के चार दर्जन से भी अधिक क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का पंजीकरण होने के बावजूद जनता अकेले ही विभिन्न समस्याओं से जूझने को मजबूर है.
एक विजन डाक्यूमेंट होगा तैयार:शिव प्रसाद सेमवाल का कहना है कि प्रदेश को आज पॉलिटिकल प्रेशर ग्रुप की जरूरत है, ऐसे में नया क्षेत्रीय दल लाने की दिशा में संगठन से जुड़े लोग उत्तराखंड भ्रमण करेंगे और समूचे उत्तराखंड से आए सुझावों को एक साथ संकलित करके सामूहिक निर्णय से एक विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जाएगा और उन मुद्दों पर राजनीतिक दल काम करेगा.
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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव दल की प्राथमिकता: संगठन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड के प्रत्येक क्षेत्रों में भ्रमण करने के बाद क्षेत्रीय राजनीतिक दल का नामकरण किया जाएगा, उसके बाद अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा. दल की शीर्ष प्राथमिकता में आने वाले नगर निकाय, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव रहेंगे. इन चुनावों में दल सभी सीटों पर अपने कैंडिडेट चुनावी मैदान में उतारेगा.
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