देहरादून: कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 40 हजार के पार पहुंच गया है. कोरोना मरीजों की संख्या इतना ज्यादा हो गई है कि अस्पतालों में बेड नहीं बचे हैं. ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार कोरोना के लक्षण दिखने पर खुद को होम आइसोलेशन पर जोर दे रही हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन के नई गाइडलाइंस भी जारी की है. इसके मुताबिक, बहुत हल्के (वेरी माइल्ड) लक्षणों वाले मरीज खुद को घर में ही आइसोलेट कर सकते हैं. अगर आपको भी एसिम्प्टोमेटिक कोरोना हो जाए तो वरिष्ठ गैस्ट्रोसर्जन डॉ. विपुल कंडवाल से जानिए कि खुद को आप कैसे होम आइसोलेट कर सकते हैं.
देहरादून में बढ़ता संक्रमण का खतरा
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी कोरोना संक्रमण तेजी से अपने पांव पसार रहा है. ऐसे में अस्पतालों पर दबाव बढ़ता जा रहा है. जिसको देखते हुए अब लोगों को होम आइसोलेट किया जा रहा है. वहीं, इन दिनों ज्यादातर लोग एसिम्प्टोमेटिक यानी की बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. जिसे देखते हुए सरकार ऐसे लोगों को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दे रही है. हम आपको बताते हैं कि होम आइसोलेशन की प्रक्रिया क्या है और इस दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखा जाता है.
होम आइसोलेशन एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के लिए बेहतर विकल्प
होम आइसोलेशन एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के लिए बेहतर विकल्प है, लेकिन होम आइसोलेशन के लिए आपको पहले कुछ ऐसी शर्ते हैं, जिनको पूरा करना होगा. मसलन आपका घर काफी बड़ा होना चाहिए. इतना कि उसमें अलग से एक रूम बाथरूम अटैच्ड हो, जिसमें कोविड-19 पॉजिटिव मरीज अगले 17 दिन तक रह सके. इसके अलावा कुछ और भी बाते हैं जिन्हें आपको होम आइसोलेशन की अनुमति देने से पहले चेक किया जाता है. अगर आपकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव है और आप अपने आप को बिल्कुल स्वस्थ्य महससू कर रहे हैं, तो आप होम आइसोलेशन के लिए तुरन्त अप्लाई करें.
कैसे करें होम आइसोलेशन के लिए आवेदन
होम आइसोलेशन के आवेदन के लिए आपको कोविड-19 हेल्पलाइन 096527 24506 या फिर 104 टोल फ्री नंबर पर अपने कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना देनी होगी. इसके बाद आपको dehradun.nic.in की वेबसाइट पर जाकर वहां से अंडरटेकिंग होम आइसोलेशन फॉर्म डाउनलोड करना होगा. उसके बाद वेबसाइट पर दिए गए किसी एक डॉक्टर के व्हाट्सएप नंबर पर अंडरटेकिंग फॉर्म और अपनी कोरोना रिपोर्ट भेजनी होगी.
आइसोलेशन में 17 दिनों तक रहना होगा संपर्क रहित
अगर आप सभी मानक पूरे करते हैं तो कुछ ही घंटों के भीतर आपको होम आइसोलेशन की अनुमति मिल जाएगी. सारा काम ऑनलाइन है. आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है. होम आइसोलेशन की प्रक्रिया बिल्कुल संपर्क रहित बनाई गई है. आपको होम आइसोलेशन आवेदन करने से लेकर अगले 17 दिनों तक पूरी तरह से संपर्क रहित रहना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, डॉक्टरों की मॉनिटरिंग और सभी औपचारिकताएं एवं फॉर्मेलिटीज व्हाट्सएप के माध्यम से पूरी की जाएंगी.
कोरोना मरीज की देख रेख में इन बातों का रखें ख्याल
होम आइसोलेशन की अनुमति मिलने के बाद आप खुद को एक ऐसे कमरे में बंद कर लीजिए, जहां कमरे में वेंटीलेशन और अटैच बाथरूम हो. इस दौरान अपने खाने पीने का विशेष ध्यान रखना होगा. आइसोलेशन में आपको केयरटेकर की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए आपको पहले ही अंडरटेकिंग फॉर्म भरकर देना होगा. होम आइसोलेशन के दौरान आपके घर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक मेडिकल किट आएगी. इस किट में आपको क्या और कैसे दवाई लेनी है इसके बारे में जानकारी दी जाएगी. वहीं, आपके घरवालों और केयरटेकर को कौन सी दवा लेनी है. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा. इस किट में एक ऑक्सीमीटर भी होगा जो आप को ठीक होने के बाद स्वास्थ्य विभाग को वापस लौटाना होगा.
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मेडिकल किट में दी जाने वाली दवा
मेडिकल किट में आपको 500 एमजी की एजिथोरोमाइसिन, पैरासिटामोल, विटामिन सी, जिंक की गोली सहित 20 फेस मास्क मिलेंगे. खाने के बर्तन और सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा. इस दौरान आपको हाइजीन का बेहद ख्याल रखना है. आपका बाथरूम और आपका कमरा बिल्कुल साफ होना चाहिए. कोशिश करिए कि केयरटेकर को आपकी चीजें ना छूनी पड़ें. लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहें. होम आइसोलेशन के पहले दिन से डॉक्टरों की टीम लगातार आपसे फोन पर संपर्क में रहेगी. आप अगर ठीक हैं तो ऐसे ही चलता रहेगा, लेकिन अगर आपकी तबीयत बिगड़ती है तो आपको अस्पताल में भी भर्ती किया जा सकता है.
17 दिनों का आइसोलेशन पूरा करना अनिवार्य
10 दिन एक कमरे के अंदर होम आइसोलेशन में अगर आपके पूरे हो गए हों और आप बिल्कुल स्वस्थ महसूस कर रहे हैं, तो अगले 7 दिन आप घर में यानी उस कमरे के बाहर टहल सकते हैं और बैठ सकते हैं, लेकिन आपको घर से बाहर जाने की बिल्कुल मनाही होगी. इस तरह से अगर आपने 17 दिन अपने घर में पूरे कर लिए हैं, तो अब आप कोरोना से मुक्ति पा चुके हैं और आपको टेस्ट कराने की भी जरूरत नहीं है, लेकिन ध्यान रखिए ऐसी भी रिपोर्ट आई है कि एक बार कोविड-19 से ठीक होने के बाद दोबारा आप कोरोना की चपेट में आ सकते हैं. इसलिए आपको अपना ख्याल रखना होगा.
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किराए पर रहने वाले होम आइसोलेशन से बचें
देहरादून शहर में कई लोग अन्य जिलों से या फिर बाहरी राज्यों से आकर नौकरी कर रहे हैं. जिसकी वजह से वह किराए के मकान में रह रहे हैं. ऐसे में अगर आपकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो आपको होम आइसोलेशन से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि आप के संपर्क में बाहर के लोग जरूर होंगे. आपके ऑफिस के लोग, आप की बिल्डिंग में रहने वाले और आपके कामों के लिए आप से जुड़े लोग. ऐसे में बेहतर है कि आप भी कोरोना सेंटर में अपना इलाज कराएं. वहां पर सारी व्यवस्था होगी और आप के संपर्क में भी कोई नहीं रहेगा. यह आपके लिए भी और आप से जुड़े अन्य लोगों के लिए भी बेहतर है.
क्या होता है होम आइसोलेशन?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, होम आइसोलेशन उनका किया जाता है जो कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाते हैं. होम आइसोलेशन सिर्फ उन लोगों को किया जाता है, जो वेरी माइल्ड (बहुत कम लक्षणों वाले), एसिम्प्टोमेटिक (जिनमें लक्षण दिखाई नहीं देते मगर जांच में पॉजिटिव होते हैं) और प्रीसिम्प्टोमेटिक (ऐसे पेशेंट जिनके शुरूआती लक्षण होते हैं) होते हैं.
होम क्वारंटाइन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, होम क्वारंटाइन उन लोगों को किया जाता है, जिनको इस बात का अंदेशा होता है कि वह किसी कोरोना वायरस पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए हैं. ऐसी परिस्थितियों में यह परखना जरूरी हो जाता है कि संपर्क में आए व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं या नहीं. होम क्वारंटाइन कोई भी हो सकता है, जिसे इस बात की आशंका हो कि वह कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आया है. अगर किसी ने यात्रा की है तो भी उसे होम क्वारंटाइन होने के लिए कहा जाता है. क्वारंटाइन में कम से कम 14 दिनों तक खुद को दूसरों से अलग रखकर अपने लक्षणों को पहचाने की कोशिश की जाती है. होम क्वारंटाइन से आप खुद को और अपने परिवार को संक्रमित होने से बचा सकते हैं.