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निवेशकों को भा रहा है उत्तराखंड, 17 हजार करोड़ के प्रॉजेक्ट्स पर शुरू हो चुका है काम

इन्वेस्टर समिट के एक साल बीतने के बाद इसका अच्छा खासा रिस्पांस देखने को मिल रहा है. केवल एमओयू वाले ही नहीं बल्कि समिट के बाद बने माहौल के चलते भी कई अन्य निवेशक भी देवभूमि की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

निवेशकों को भा रहा है उत्तराखंड
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Published : Sep 13, 2019, 7:03 AM IST

देहरादून: निवेश के मामले में अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड इन्वेस्टर को काफी लुभा रहा है. जिसकी तस्दीक इन्वेस्टर समिट का ताजा स्टेटस कर रहा है. कई राज्यों में हुए इन्वेस्टर समिट में अब तक सबसे ज्यादा 17 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पर उत्तराखंड में ग्राउंडिंग यानी कि निवेश का पहला चरण पूरा हो चुका है. ये 17 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट कौन-कौन से हैं जिनकी ग्राउंडिंग हो चुकी है आइए आपको बताते हैं.

त्रिवेंद्र सरकार ने करीबन एक साल पहले प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार और पलायन जैसे महत्वपूर्ण विषय को साधते हुए इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया था. निवेशकों को लुभाने और राज्य में कंपनियों को बुलाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था. 8 और 9 अक्टूबर को हुए इस दो दिवसीय समिट में उत्तराखंड सरकार ने निवेशकों के साथ 1 लाख 24 करोड़ रुपए के 601 प्रस्तावों पर करार किया था. जिसमें 601 एमओयू साइन किए गए थे.

निवेशकों को भा रहा है उत्तराखंड

इन्वेस्टर समिट के एक साल बीतने के बाद इसका अच्छा खासा रिस्पांस देखने को मिल रहा है. केवल एमओयू वाले ही नहीं बल्कि समिट के बाद बने माहौल के चलते भी कई अन्य निवेशक भी देवभूमि की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इसी बाबत जब हमने इन्वेस्टर समिट की वर्तमान वस्तुस्थिति जानने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया और उद्योग निदेशालय से जानकारियां एकत्रित की तो बताया गया कि इन्वेस्टर समिट का अब तक का स्टेटस काफी अच्छा है. अब तक राज्य में 17 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की ग्राउंडिंग हो चुकी है.

उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया कि पूरे देश में उत्तराखंड इन्वेस्टर समिट की ग्राउंडिंग सक्सेस रेट सबसे ज्यादा है. उत्तराखंड में विदेशी निवेश भी काफी देखने को मिल रहा है. जिसकी सबसे बड़ी वजह उत्तराखंड के प्राकृतिक स्रोत और यहां की आबोहवा है. उन्होंने कहा कि वैलनेस के क्षेत्र में उत्तराखंड एक विश्वविख्यात हब बनने जा रहा है. उद्योग सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि उत्तराखंड में ग्राउंडिंग हुए प्रोजेक्ट का आउटपुट अगले 1 से 2 साल में सबके सामने होगा.

क्या होता है ग्राउंडिंग

  • किसी भी राज्य में जब कोई कंपनी प्रोडक्शन मैन्युफैक्चरिंग या फिर किसी भी तरह का इन्वेस्टमेंट का काम शुरू करती है तो उद्योग विभाग की पॉलिसी के अनुसार उस कंपनी को सबसे पहले यह 5 मानक पूरे करने होते हैं.
  • जमीन - निवेशक को कंपनी के लिए जमीन की खरीद, स्थानांतरण या फिर लीज सबंधी दस्तावेज पहले जमा करने होते हैं.
  • लाइसेंस- कंपनी में बनने वाले प्रोडक्ट या फिर संबंधित विभाग जैसे की आबकारी का लाइसेंस और इसके अलावा भवन से संबंधित बिल्डिंग प्लान का अप्रूवल भी पहले जमा करवाना होता है.
  • अलॉटमेंट लेटर- अगर निवेशक आईटीआई या फिर किसी भी तरह का शिक्षण संस्थान बनाने जा रहा है तो उसे संबंधित बिडर द्वारा जारी प्रमाण पत्र और अलॉटमेंट लेटर की जरूरत होती है.
  • निर्माण कार्य - कंपनी द्वारा मौके पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाना चाहिए.
  • मौके पर मशीनों के उपस्थिति-कंपनी द्वारा मौके पर आर्डर फुल प्लान के साथ-साथ मशीनों की भी मौजूदगी होनी चाहिए.
  • देश के किसी भी राज्य में फैक्ट्री या फिर निवेश के लिए इन पांच मान मानकों में से एक मानक के पूरा होने पर उसे ग्राउंडेड माना जाता है, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इन मानकों को और सख्त करते हुए किन्हीं 2 मानकों के पूरे होने के बाद ही प्रोजेक्ट को ग्राउंडेड माना है. यानी कि जो भी निवेश अब तक उत्तराखंड में आया है उसने इन पांचों मानकों में से 2 मानक पूरे कर लिए हैं. प्रोजेक्ट ग्राउंडिंग के बाद कम्पनी द्वारा आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है.

उत्तराखंड में इन क्षेत्रों में आया है निवेश
उत्तराखंड में हुए इन्वेस्टर समिट के बाद अब तक तकरीबन 17 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट अपने पहले चरण को पूरा कर चुके हैं. इनमें से कई कंपनियों ने अपना काम शुरू भी कर दिया है. जिसका आउटपुट आने वाले 1 साल में हम सबके सामने होगा. बहरहाल अगर बात करें अब तक आए 17 हजार करोड़ रुपए के निवेश की तो राज्य में ऊर्जा, पर्यटन जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ जिला स्तर पर छोटे उद्योग और कई आईआईटी डायरेक्ट बिडिंग के माध्यम से आ चुके हैं. तो वहीं कई ऐसे प्रोजेक्ट भी हैं जिन पर एमओयू साइन नहीं हुआ था लेकिन राज्य में इन्वेस्टर समिट के बाद बने माहौल के चलते निवेशक यहां खिंचे चले आए हैं.

आइए आपको बताते हैं कि क्या है वास्तविक स्थिति

  • इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब तक पर्यटन, ऊर्जा सहित तमाम राज्य स्तरीय बड़े शब्दों में 13000 करोड़ के 102 प्रोजेक्ट आ चुके हैं. जिनमें 30,000 से ज्यादा रोजगार की उम्मीद की जा रही है.
  • इसके बाद जिला स्तरीय छोटे उद्योग जिसमें एमएसएमई सेक्टर के 976 करोड़ के 245 प्रोजेक्ट आज की तारीख में ग्राउंडेड हो चुके हैं. जिनमें 10 हजार से ज्यादा रोजगार की उम्मीद की जा रही है.
  • डायरेक्ट बिड के माध्यम से राज्य में 895 करोड़ के तीन आईटीआई आज की तारीख में ग्रोउंडेड यानी निर्माण का पहला चरण पूरा कर चुके हैं.
  • अगर बात करें इन्वेस्टर सम्मिट के बाद आए निवेशकों की तो 16 सौ करोड़ के 30 ऐसे प्रोजेक्ट आए हैं जिन पर एमओयू साइन नहीं किया गया था लेकिन निवेशकों द्वारा उत्तराखंड में रुचि दिखाते हुए निवेश के लिए पहले चरण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है .इन 23 नए प्रोजेक्ट से 3 हजार से ज्यादा रोजगार की उम्मीद की जा रही है.
  • इस तरह से अगर कुल मिलाकर देखें तो सभी सेक्टरों में तकरीबन 17 हजार करोड़ से ज्यादा की कीमत के 373 प्रोजेक्ट आ चुके हैं. जिनके जरिए अनुमान लगाया जा रहा है कि 44 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. जिसके परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिलेंगे

देहरादून: निवेश के मामले में अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड इन्वेस्टर को काफी लुभा रहा है. जिसकी तस्दीक इन्वेस्टर समिट का ताजा स्टेटस कर रहा है. कई राज्यों में हुए इन्वेस्टर समिट में अब तक सबसे ज्यादा 17 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पर उत्तराखंड में ग्राउंडिंग यानी कि निवेश का पहला चरण पूरा हो चुका है. ये 17 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट कौन-कौन से हैं जिनकी ग्राउंडिंग हो चुकी है आइए आपको बताते हैं.

त्रिवेंद्र सरकार ने करीबन एक साल पहले प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार और पलायन जैसे महत्वपूर्ण विषय को साधते हुए इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया था. निवेशकों को लुभाने और राज्य में कंपनियों को बुलाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था. 8 और 9 अक्टूबर को हुए इस दो दिवसीय समिट में उत्तराखंड सरकार ने निवेशकों के साथ 1 लाख 24 करोड़ रुपए के 601 प्रस्तावों पर करार किया था. जिसमें 601 एमओयू साइन किए गए थे.

निवेशकों को भा रहा है उत्तराखंड

इन्वेस्टर समिट के एक साल बीतने के बाद इसका अच्छा खासा रिस्पांस देखने को मिल रहा है. केवल एमओयू वाले ही नहीं बल्कि समिट के बाद बने माहौल के चलते भी कई अन्य निवेशक भी देवभूमि की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इसी बाबत जब हमने इन्वेस्टर समिट की वर्तमान वस्तुस्थिति जानने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया और उद्योग निदेशालय से जानकारियां एकत्रित की तो बताया गया कि इन्वेस्टर समिट का अब तक का स्टेटस काफी अच्छा है. अब तक राज्य में 17 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की ग्राउंडिंग हो चुकी है.

उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया कि पूरे देश में उत्तराखंड इन्वेस्टर समिट की ग्राउंडिंग सक्सेस रेट सबसे ज्यादा है. उत्तराखंड में विदेशी निवेश भी काफी देखने को मिल रहा है. जिसकी सबसे बड़ी वजह उत्तराखंड के प्राकृतिक स्रोत और यहां की आबोहवा है. उन्होंने कहा कि वैलनेस के क्षेत्र में उत्तराखंड एक विश्वविख्यात हब बनने जा रहा है. उद्योग सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि उत्तराखंड में ग्राउंडिंग हुए प्रोजेक्ट का आउटपुट अगले 1 से 2 साल में सबके सामने होगा.

क्या होता है ग्राउंडिंग

  • किसी भी राज्य में जब कोई कंपनी प्रोडक्शन मैन्युफैक्चरिंग या फिर किसी भी तरह का इन्वेस्टमेंट का काम शुरू करती है तो उद्योग विभाग की पॉलिसी के अनुसार उस कंपनी को सबसे पहले यह 5 मानक पूरे करने होते हैं.
  • जमीन - निवेशक को कंपनी के लिए जमीन की खरीद, स्थानांतरण या फिर लीज सबंधी दस्तावेज पहले जमा करने होते हैं.
  • लाइसेंस- कंपनी में बनने वाले प्रोडक्ट या फिर संबंधित विभाग जैसे की आबकारी का लाइसेंस और इसके अलावा भवन से संबंधित बिल्डिंग प्लान का अप्रूवल भी पहले जमा करवाना होता है.
  • अलॉटमेंट लेटर- अगर निवेशक आईटीआई या फिर किसी भी तरह का शिक्षण संस्थान बनाने जा रहा है तो उसे संबंधित बिडर द्वारा जारी प्रमाण पत्र और अलॉटमेंट लेटर की जरूरत होती है.
  • निर्माण कार्य - कंपनी द्वारा मौके पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाना चाहिए.
  • मौके पर मशीनों के उपस्थिति-कंपनी द्वारा मौके पर आर्डर फुल प्लान के साथ-साथ मशीनों की भी मौजूदगी होनी चाहिए.
  • देश के किसी भी राज्य में फैक्ट्री या फिर निवेश के लिए इन पांच मान मानकों में से एक मानक के पूरा होने पर उसे ग्राउंडेड माना जाता है, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इन मानकों को और सख्त करते हुए किन्हीं 2 मानकों के पूरे होने के बाद ही प्रोजेक्ट को ग्राउंडेड माना है. यानी कि जो भी निवेश अब तक उत्तराखंड में आया है उसने इन पांचों मानकों में से 2 मानक पूरे कर लिए हैं. प्रोजेक्ट ग्राउंडिंग के बाद कम्पनी द्वारा आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है.

उत्तराखंड में इन क्षेत्रों में आया है निवेश
उत्तराखंड में हुए इन्वेस्टर समिट के बाद अब तक तकरीबन 17 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट अपने पहले चरण को पूरा कर चुके हैं. इनमें से कई कंपनियों ने अपना काम शुरू भी कर दिया है. जिसका आउटपुट आने वाले 1 साल में हम सबके सामने होगा. बहरहाल अगर बात करें अब तक आए 17 हजार करोड़ रुपए के निवेश की तो राज्य में ऊर्जा, पर्यटन जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ जिला स्तर पर छोटे उद्योग और कई आईआईटी डायरेक्ट बिडिंग के माध्यम से आ चुके हैं. तो वहीं कई ऐसे प्रोजेक्ट भी हैं जिन पर एमओयू साइन नहीं हुआ था लेकिन राज्य में इन्वेस्टर समिट के बाद बने माहौल के चलते निवेशक यहां खिंचे चले आए हैं.

आइए आपको बताते हैं कि क्या है वास्तविक स्थिति

  • इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब तक पर्यटन, ऊर्जा सहित तमाम राज्य स्तरीय बड़े शब्दों में 13000 करोड़ के 102 प्रोजेक्ट आ चुके हैं. जिनमें 30,000 से ज्यादा रोजगार की उम्मीद की जा रही है.
  • इसके बाद जिला स्तरीय छोटे उद्योग जिसमें एमएसएमई सेक्टर के 976 करोड़ के 245 प्रोजेक्ट आज की तारीख में ग्राउंडेड हो चुके हैं. जिनमें 10 हजार से ज्यादा रोजगार की उम्मीद की जा रही है.
  • डायरेक्ट बिड के माध्यम से राज्य में 895 करोड़ के तीन आईटीआई आज की तारीख में ग्रोउंडेड यानी निर्माण का पहला चरण पूरा कर चुके हैं.
  • अगर बात करें इन्वेस्टर सम्मिट के बाद आए निवेशकों की तो 16 सौ करोड़ के 30 ऐसे प्रोजेक्ट आए हैं जिन पर एमओयू साइन नहीं किया गया था लेकिन निवेशकों द्वारा उत्तराखंड में रुचि दिखाते हुए निवेश के लिए पहले चरण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है .इन 23 नए प्रोजेक्ट से 3 हजार से ज्यादा रोजगार की उम्मीद की जा रही है.
  • इस तरह से अगर कुल मिलाकर देखें तो सभी सेक्टरों में तकरीबन 17 हजार करोड़ से ज्यादा की कीमत के 373 प्रोजेक्ट आ चुके हैं. जिनके जरिए अनुमान लगाया जा रहा है कि 44 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. जिसके परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिलेंगे
Intro:Special Story----


एंकर- निवेश के मामले में अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड इन्वेस्टर को काफी लुभा रहा है जिसकी तस्दीक इन्वेस्टर सम्मिट का ताजा स्टेटस कर रहा है। कई राज्यों में हुए इन्वेस्टर सम्मिट में अब तक सबसे ज्यादा 17 हजार करोड के प्रोजेक्ट पर उत्तराखंड में ग्राउंडिंग यानी कि निवेश का पहला चरण पूरा हो चुका है। कौन-कौन से हैं 17 हजार करोड़ के वो प्रोजेक्ट जिन की ग्राउंडिंग हो चुकी है साथ ही प्रदेश में कहां शुरू हुए हैं यह प्रोजेक्ट आइए आपको बताते हैं.....


Body:वीओ- मोदी सरकार द्वारा तकरीबन 1 साल पहले देश में निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार और पलायन जैसे महत्वपूर्ण विषय को साधते हुए कई राज्यों में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया था। जिसका उद्देश्य था कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशक इन राज्यों में अपने प्रोजेक्ट लगाएं और यहां की तमाम समस्याओं के साथ-साथ देश की आर्थिकी में इजाफा हो सके।
इसी के चलते उत्तराखंड राज्य में भी 8 और 9 अक्टूबर 2018 को एक बार आयोजन किया गया था और इस दो दिवसीय सम्मिट में उत्तराखंड सरकार ने निवेशकों के साथ 1 लाख 24 करोड रुपए के 601 प्रस्तावों पर करार किया था यानी कि 601 एमओयू साइन किए गए। उसके बाद इसका अच्छा खासा रिस्पांस देखने को मिला और केवल एमओयू वाले ही नहीं बल्कि समिट के बाद बने माहौल के चलते भी कई अन्य निवेशक देवभूमि की ओर आकर्षित।
हुए इस सबके बावजूद भी भौतिक रूप से सूबे के हालातों में अभी कुछ खास बदलाव नहीं आए हैं और ना ही धरातल पर ऐसा कोई बड़ा बदलाव देखने को मिला है और इसी बाबत जब हमने इन्वेस्टर समिट की वर्तमान वस्तुस्थिति जानने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया और उद्योग निदेशालय से जानकारियां एकत्रित की तो बताया गया कि इन्वेस्टर समिट का अब तक का स्टेटस काफी अच्छा है और अब तक राज्य में 17 हजार करोड रुपए के प्रोजेक्ट की ग्राउंडिंग हो चुकी है।

उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया कि पूरे देश में उत्तराखंड इन्वेस्टर सम्मिट का ग्राउंडिंग सक्सेस रेट सबसे ज्यादा है और उत्तराखंड में विदेशी निवेश भी काफी देखने को मिल रहा है जिसकी सबसे बड़ी वजह उत्तराखंड के प्राकृतिक स्रोत और यहां की आबोहवा है। उन्होंने कहा कि वैलनेस के क्षेत्र में उत्तराखंड एक विश्वविख्यात हब बनने जा रहा है तो वही उद्योग सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि उत्तराखंड में ग्राउंडिंग हुए प्रोजेक्ट का आउटपुट अगले 1 से 2 साल में सबके सामने होगा।

बाइट- सुधीर चंद नॉटियाल, उद्योग निदेशक
बाइट- मनीषा पंवार, उद्योग सचिव


लेकिन निवेश की भाषा मे ग्राउंडिंग का मतलब क्या होता है यह जानना भी जरूरी है।

क्या होती है निवेश की भाषा में ग्राउंडिंग---

किसी भी राज्य में जब कोई कंपनी प्रोडक्शन मैन्युफैक्चरिंग या फिर किसी भी तरह का इन्वेस्टमेंट का काम शुरू करती है तो उद्योग विभाग की पॉलिसी के अनुसार उस कंपनी को सबसे पहले यह 5 मानक पूरे करने होते हैं।
1 जमीन - निवेशक को कंपनी के लिए जमीन की खरीद, स्थानांतरण या फिर लीज सबंधी दस्तावेज पहले जमा करने होते हैं
2 लाइसेंस- कंपनी में बनने वाले प्रोडक्ट या फिर संबंधित विभाग जैसे की आबकारी का लाइसेंस और इसके अलावा भवन से संबंधित बिल्डिंग प्लान का अप्रूवल भी पहले जमा करवाना होता है।
3 अलॉटमेंट लेटर- अगर निवेशक आईटीआई या फिर किसी भी तरह का शिक्षण संस्थान बनाने जा रहा है तो उसे संबंधित बिडर द्वारा जारी प्रमाण पत्र और अलॉटमेंट लेटर की जरूरत होती है।
4 निर्माण कार्य - कंपनी द्वारा मौके पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाना चाहिए
5 मौके पर मशीनों के उपस्थिति-कंपनी द्वारा मौके पर आर्डर फुल प्लान के साथ-साथ मशीनों की भी मौजूदगी होनी चाहिए

देश के किसी भी राज्य में फैक्ट्री या फिर निवेश के लिए इन पांच मान मानकों में से एक मानक के पूरा होने पर उसे ग्राउंडेड माना जाता है। लेकिन उत्तराखंड सरकार द्वारा इन मानकों को और सख्त करते हुए किन्हीं 2 मानक पूरे होने के बाद ही प्रोजेक्ट को ग्राउंडेड माना गया है। यानी कि जो भी निवेश अब तक उत्तराखंड में आया है उसने इन पांचों मानकों में से 2 मानक पूरे कर लिए हैं। प्रोजेक्ट ग्राउंडिंग के बाद कम्पनी द्वारा आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

उत्तराखंड में इन क्षेत्रों में आया है निवेश---
उत्तराखंड में हुए इन्वेस्टर सम्मिट के बाद अब तक तकरीबन 17 हजार करोड के प्रोजेक्ट अपने पहले चरण को पूरा कर चुके हैं। और इनमें से कई कंपनियों ने अपना काम शुरू भी कर दिया है। जिसका आउटपुट आने वाले 1 साल में हम सबके सामने होगा। बहरहाल अगर बात करें अब तक आए 17 हजार करोड रुपए के निवेश की तो राज्य में उर्जा पर्यटन जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ जिला स्तर पर छोटे उद्योग और कई आईआईटी डायरेक्ट बिडिंग के माध्यम से आ चुके हैं। तो वही कई ऐसे प्रोजेक्ट भी हैं जिन पर एमओयू साइन नहीं हुआ था लेकिन राज्य में इन्वेस्टर सम्मिट के बाद बने अच्छे माहौल के चलते निवेशक यहां खिंचे चले आए आइए आपको बताते हैं कि क्या है वास्तविक स्थिति।

--- इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब तक पैटर्न ऊर्जा सहित तमाम राज्य स्तरीय बड़े शब्दों में 13000 करोड़ के 102 प्रोजेक्ट आ चुके हैं जिनमें 30,000 से ज्यादा रोजगार की उम्मीद की जा रही है
--इसके बाद जिला स्तरीय छोटे उद्योग जिसमें एमएसएमई सेक्टर के 976 करोड़ के 245 प्रोजेक्ट आज की तारीख में ग्राउंडेड हो चुके हैं जिनमें 10 हजार से ज्यादा रोजगार की उम्मीद की जा रही है।
-- डायरेक्ट बिड के माध्यम से राज्य में 895 करोड़ के तीन आईटीआई आज की तारीख में ग्रोउंडेड यानी निर्माण का पहला चरण पूरा कर चुके हैं।
-- अगर बात करें इन्वेस्टर सम्मिट के बाद आए निवेशकों की को 16 सो करोड़ के 30 ऐसे प्रोजेक्ट आए हैं जिन पर एमओयू साइन नहीं किया गया था लेकिन निवेशकों द्वारा उत्तराखंड में रुचि दिखाते हुए निवेश के लिए पहले चरण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और इन 23 नए प्रोजेक्ट से 3 हजार से ज्यादा रोजगार की उम्मीद की जा रही है।




Conclusion:इस तरह से अगर कुल मिलाकर देखें तो सभी सेक्टरों में तकरीबन 17 हजार करोड़ से ज्यादा की कीमत के 373 प्रोजेक्ट आ चुके हैं जिनके जरिए अनुमान लगाया जा रहा है कि 44 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा जिसका निकट भविष्य में परिणाम देखने को मिलेंगे।
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