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ऋषिकेश एम्स में IAMBSS की पुस्तिका का विमोचन - अंतरराष्ट्रीय मंच इंटिग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ मेडिकल

ऋषिकेश एम्स में अंतरराष्ट्रीय मंच इंटीग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ मेडिकल, बेसिक एंड सोशल साइंटिस्ट (आईएएमबीएसएस) पुस्तिका विमोचन किया गया. इस मौके पर निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में मेडिकल साइंस के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान को भी सम्मिलित किया जाना जरूरी है.

rishikesh aiims
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Published : Dec 18, 2020, 9:38 PM IST

ऋषिकेशः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय मंच इंटीग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ मेडिकल, बेसिक एंड सोशल साइंटिस्ट (आईएएमबीएसएस) पुस्तिका विमोचन किया गया. इस अवसर पर वक्ताओं ने विज्ञान, चिकित्सा एवं सामाजिक समरसता विषय पर अपनी बात रखी.

समारोह की अध्यक्षता करते हुए निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में मेडिकल साइंस के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान को भी सम्मिलित किया जाना जरूरी है ताकि चिकित्सक व आम व्यक्ति के मध्य संवादहीनता नहीं हो. उन्होंने कहा कि कम्यूनिकेशन स्किल के बिना आप अपनी बात को सही तरीके से दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंचा सकते.

पद्मश्री रवि कांत ने कहा कि विदेशों में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कम्यूनिकेशन स्किल को पाठ्यक्रम में प्रमुखता से शामिल किया गया है, जिसमें उत्तीर्ण होना अनिवार्य शर्त रखी गई है. लिहाजा, चिकित्सक को आम व्यक्तियों व मरीजों में अपनी छाप छोड़ने के लिए व्यवहार कुशल होना ही चाहिए. एम्स निदेशक ने देश की उन्नति के लिए विज्ञान के साथ-साथ तकनीकि के विषय पर ध्यान दिए जाने पर जोर दिया.

पढ़ेंः सेंचुरी एरिया चोपता में दिखा विलुप्ति कगार पर पहुंचा कस्तूरी मृग

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आरएसएस की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी ने कहा कि समाज में एक-दूसरे के प्रति भेदभाव से समाज बंट रहा है, लिहाजा इस मान​सिकता को सामूहिक प्रयासों से समाप्त किया जाना चाहिए, तभी किसी समाज व राष्ट्र की उन्नति हो सकती है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद विश्व के वैज्ञानिक मनुष्य में रोगों के बढ़ने के कारणों के साथ साथ इम्युनिटी डेवलपमेंट विषय पर शोधकार्य में जुटे हुए हैं. खासकर कोविड19 का दुनिया के मुकाबले भारत में कम असर के मद्देनजर यहां के खान-पान पर खासतौर से अध्ययन कर रहे हैं.

ऋषिकेशः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय मंच इंटीग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ मेडिकल, बेसिक एंड सोशल साइंटिस्ट (आईएएमबीएसएस) पुस्तिका विमोचन किया गया. इस अवसर पर वक्ताओं ने विज्ञान, चिकित्सा एवं सामाजिक समरसता विषय पर अपनी बात रखी.

समारोह की अध्यक्षता करते हुए निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में मेडिकल साइंस के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान को भी सम्मिलित किया जाना जरूरी है ताकि चिकित्सक व आम व्यक्ति के मध्य संवादहीनता नहीं हो. उन्होंने कहा कि कम्यूनिकेशन स्किल के बिना आप अपनी बात को सही तरीके से दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंचा सकते.

पद्मश्री रवि कांत ने कहा कि विदेशों में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कम्यूनिकेशन स्किल को पाठ्यक्रम में प्रमुखता से शामिल किया गया है, जिसमें उत्तीर्ण होना अनिवार्य शर्त रखी गई है. लिहाजा, चिकित्सक को आम व्यक्तियों व मरीजों में अपनी छाप छोड़ने के लिए व्यवहार कुशल होना ही चाहिए. एम्स निदेशक ने देश की उन्नति के लिए विज्ञान के साथ-साथ तकनीकि के विषय पर ध्यान दिए जाने पर जोर दिया.

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आरएसएस की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी ने कहा कि समाज में एक-दूसरे के प्रति भेदभाव से समाज बंट रहा है, लिहाजा इस मान​सिकता को सामूहिक प्रयासों से समाप्त किया जाना चाहिए, तभी किसी समाज व राष्ट्र की उन्नति हो सकती है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद विश्व के वैज्ञानिक मनुष्य में रोगों के बढ़ने के कारणों के साथ साथ इम्युनिटी डेवलपमेंट विषय पर शोधकार्य में जुटे हुए हैं. खासकर कोविड19 का दुनिया के मुकाबले भारत में कम असर के मद्देनजर यहां के खान-पान पर खासतौर से अध्ययन कर रहे हैं.

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