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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस: बेटियों का भविष्य संवारने के लिए सरकार चला रही तमाम योजनाएं, क्या सुरक्षित हो रहा भविष्य?

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2012 से हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य सशक्तिकरण और बालिकाओं को उनके अधिकार प्रदान करने में मदद करना है, जिससे उनके सामने आने वाली चुनौंतियों का वे सामना कर सकें. साथ ही दुनिया भर में लड़कियों के प्रति होने वाली लैंगिक असामानताओं को खत्म करने के बारे में जागरूकता फैलाना भी है.

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस
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Published : Oct 11, 2019, 8:59 AM IST

देहरादून: लड़कियों के विकास के लिए अवसरों को बढ़ावा देने और लिंग असमानता को खत्म करने को लेकर हर साल 11 अक्टूबर को 'अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस' मनाया जाता है. बेटियों को मजबूत बनाने को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार तमाम तरह की योजनाएं चलाती रही है, जिससे बेटियों के भविष्य को संवारा जा सके. आखिर बेटियों के लिए अवसरों को बढ़ावा देने को लेकर क्या है योजना ? कैसे मिल सकता है योजना का लाभ ?

बेटियों का भविष्य सुरक्षित करेगी सुकन्या समृद्धि योजना

वर्तमान में देश के भीतर लिंगानुपात में असमानता एक गंभीर समस्या बनी हुई है. जिसकी वजह यह है कि समाज के भीतर बेटियों को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां हैं. हालांकि, इन भ्रांतियों को दूर करने को लेकर सरकारों द्वारा जन जागरुकता अभियान तो लगातार चलायी जाती रही हैं. तो वहीं, समय-समय पर केंद्र और राज्य सरकार तमाम तरह की योजना भी लाती रही है. जिससे बेटियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके.

इसी क्रम में केंद्र सरकार बच्चियों के आने वाले भविष्य को संरक्षित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना चला रही है. जिसका मकसद समाज के भीतर बेटा और बेटियों में जो फर्क किया जा रहा है, उस फर्क को कम करने, लिंगानुपात की असमानता को खत्म करने और बेटियों के भविष्य को मजबूत बनाना है. इस योजना में बेटी के पिता को 21 साल की उम्र तक पैसा जमा करना होता है. बेटी की उम्र 21 साल होने के बाद एकमुश्त करीब 70 से 75 हजार रुपये मिलता है, जिससे उच्च शिक्षा ग्रहण करने, रोजगार या फिर शादी आदि के खर्चों में मदद मिल सके.

सुकन्या समृद्धि योजना साल 2015 में शुरू किया गया था. जिसका मकसद बेटियों को मजबूत बनाना और सोशल सिक्योरिटी के नाम पर बेटियों को आगे बढ़ाने है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत नवजात बच्ची और 10 साल से कम उम्र की बच्चियों के नाम पर पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाया जा सकता है. यही नहीं, सुकन्या समृद्धि योजना की खास बात यह है कि मिनिमम ढाई सौ रुपये से खाता खोला जा सकता है. इसके साथ ही केंद्र सरकार इस योजना पर सबसे ज्यादा ब्याज दे रही है.

पढ़ें- हरिद्वार: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने खुलकर किया स्वामी चिन्मयानंद का समर्थन

भारतीय डाक सेवा के उत्तराखंड सर्कल के डायरेक्टर सुनील कुमार राय ने बताया कि बच्चियों को मजबूत बनाने को लेकर केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना को उपहार के तौर पर यह योजना दिया है. साथ ही इस योजना का लाभ कोई भी व्यक्ति अपने नजदीकी डाकघर जाकर सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुला कर लाभ उठा सकते है. बच्चों के भविष्य को बेहतर बना सकते हैं.

देहरादून: लड़कियों के विकास के लिए अवसरों को बढ़ावा देने और लिंग असमानता को खत्म करने को लेकर हर साल 11 अक्टूबर को 'अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस' मनाया जाता है. बेटियों को मजबूत बनाने को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार तमाम तरह की योजनाएं चलाती रही है, जिससे बेटियों के भविष्य को संवारा जा सके. आखिर बेटियों के लिए अवसरों को बढ़ावा देने को लेकर क्या है योजना ? कैसे मिल सकता है योजना का लाभ ?

बेटियों का भविष्य सुरक्षित करेगी सुकन्या समृद्धि योजना

वर्तमान में देश के भीतर लिंगानुपात में असमानता एक गंभीर समस्या बनी हुई है. जिसकी वजह यह है कि समाज के भीतर बेटियों को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां हैं. हालांकि, इन भ्रांतियों को दूर करने को लेकर सरकारों द्वारा जन जागरुकता अभियान तो लगातार चलायी जाती रही हैं. तो वहीं, समय-समय पर केंद्र और राज्य सरकार तमाम तरह की योजना भी लाती रही है. जिससे बेटियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके.

इसी क्रम में केंद्र सरकार बच्चियों के आने वाले भविष्य को संरक्षित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना चला रही है. जिसका मकसद समाज के भीतर बेटा और बेटियों में जो फर्क किया जा रहा है, उस फर्क को कम करने, लिंगानुपात की असमानता को खत्म करने और बेटियों के भविष्य को मजबूत बनाना है. इस योजना में बेटी के पिता को 21 साल की उम्र तक पैसा जमा करना होता है. बेटी की उम्र 21 साल होने के बाद एकमुश्त करीब 70 से 75 हजार रुपये मिलता है, जिससे उच्च शिक्षा ग्रहण करने, रोजगार या फिर शादी आदि के खर्चों में मदद मिल सके.

सुकन्या समृद्धि योजना साल 2015 में शुरू किया गया था. जिसका मकसद बेटियों को मजबूत बनाना और सोशल सिक्योरिटी के नाम पर बेटियों को आगे बढ़ाने है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत नवजात बच्ची और 10 साल से कम उम्र की बच्चियों के नाम पर पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाया जा सकता है. यही नहीं, सुकन्या समृद्धि योजना की खास बात यह है कि मिनिमम ढाई सौ रुपये से खाता खोला जा सकता है. इसके साथ ही केंद्र सरकार इस योजना पर सबसे ज्यादा ब्याज दे रही है.

पढ़ें- हरिद्वार: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने खुलकर किया स्वामी चिन्मयानंद का समर्थन

भारतीय डाक सेवा के उत्तराखंड सर्कल के डायरेक्टर सुनील कुमार राय ने बताया कि बच्चियों को मजबूत बनाने को लेकर केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना को उपहार के तौर पर यह योजना दिया है. साथ ही इस योजना का लाभ कोई भी व्यक्ति अपने नजदीकी डाकघर जाकर सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुला कर लाभ उठा सकते है. बच्चों के भविष्य को बेहतर बना सकते हैं.

Intro:लड़कियों के विकास के लिए अवसरों को बढ़ावा देने और लिंग असमानता को ख़त्म करने को लेकर हर साल 11 अक्टूबर को "इंटरनेशनल डे ऑफ़ गर्ल चाइल्ड" यानि "अन्तराष्ट्रीय बलिक दिवस" मनाया जाता है। हालांकि बेटियों को मजबूत बनाने को लेकर राज्य सरकारे और केंद्र सरकार तमाम तरह की योजनाएं चलाती रही है। ताकि बेटियों के भविष्य को संरक्षित किया जा सके। आखिर बेटियों के लिए अवसरों को बढ़ावा देने को लेकर क्या है योजना, कैसे मिल सकता है योजना का लाभ, देखिए ईटीवी की रिपोर्ट...


Body:वर्तमान समय में देश के भीतर लिंगानुपात में असमानता एक गंभीर समस्या बनी हुई है। जिसकी वजह यह है कि समाज के भीतर बेटियों को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां हैं। हालांकि इन भ्रांतियों को दूर करने को लेकर सरकारों द्वारा जन जागरूकता अभियान तो लगातार चलायी जाती रही हैं। तो वही समय समय पर केंद्र और राज्य सरकार तमाम तरह की स्कीमें भी लाती रही है। जिससे बेटियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।

इसी क्रम में केंद्र सरकार बच्चियों के आने वाले भविष्य को संरक्षित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना चला रही है। जिसका मकसद समाज के भीतर बेटा और बेटियों में जो फर्क किया जा रहा है, उस फर्क को कम करने, लिंगानुपात की असमानता को खत्म करने और बेटियों के भविष्य को मजबूत बनाना है। इस योजना में बेटी के पिता को 21 साल की उम्र तक पैसा जमा करना होता है। और बेटी का उम्र 21 साल होने के बाद एक मुफ्त करीब 70 से 75 लाख रुपये मिलता है। ताकि उच्च शिक्षा ग्रहण करने, रोजगार या फिर शादी आदि के खर्चों में मदद मिल सके।


सुकन्या समृद्धि योजना साल 2015 में शुरू किया गया था। जिसका मकसद बेटियों को मजबूत बनाना और सोशल सिक्योरिटी के नाम पर बेटियों को आगे बढ़ाने है। सुकन्या समृद्धि योजना कर तहत नवजात बच्ची और 10 साल से कम उम्र की बच्चियों के नाम पर पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाया जा सकता है। यही नही सुकन्या समृद्धि योजना की खास बात यह है कि मिनिमम ढाई सौ रुपये से खाता खोला जा सकता है इसके साथ ही केंद्र सरकार इस योजना पर सबसे ज्यादा ब्याज दे रही है। 





Conclusion:भारतीय डाक सेवा के उत्तराखंड सर्कल के डायरेक्टर सुनील कुमार राय ने बताया कि बच्चियों को मजबूत बनाने को लेकर केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना को उपहार के तौर पर यह योजना दीया है। साथ ही बताया कि इस योजना का लाभ कोई भी व्यक्ति अपने नजदीकी डाकघर जाकर सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुला कर लाभ उठा सकते है। और बच्चों के भविष्य को बेहतर बना सकते हैं।

बाइट - सुनील कुमार राय, निदेशक, उत्तराखंड सर्कल, भारतीय डाक सेवा




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