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टेक्नोलॉजी से टेकल होगी आपदा, आपदाग्रस्त क्षेत्रों में बिना नेटवर्क के तैयार होगा कम्युनिकेशन सिस्टम - Disaster management experts gathered in Dehradun

देहरादून में इंटरनेशनल कॉन्क्लेव ऑन यूज ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी इन वेस्ट मैनेजमेंट का आयोजन किया गया है. इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों सहित देश के जाने-माने तकनीकी संस्थाओं से विशेषज्ञ हिस्सा लेने पहुंचे. ये विशेषज्ञ अपने अनुभवों और शोध के आधार पर आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने की कोशिशों में लगे हैं.

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आपदाग्रसित क्षेत्रों में बिना नेटवर्क के तैयार होगा कम्युनिकेशन सिस्टम
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Published : Mar 22, 2023, 4:01 PM IST

Updated : Mar 22, 2023, 4:55 PM IST

आपदाग्रसित क्षेत्रों में बिना नेटवर्क के तैयार होगा कम्युनिकेशन सिस्टम

देहरादून: उत्तराखंड में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्क्लेव ऑन यूज ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी इन वेस्ट मैनेजमेंट का आयोजन किया जा रहा है. इस दो दिवसीय आयोजन में देशभर से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही टेक्नोलॉजी की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी में आपदा की स्थिति में कम्युनिकेशन सिस्टम और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के जरिये कैसे निपटा जा सकता है, इसके बारे में बताया जा रहा है.

उत्तराखंड में जुटे देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर के आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ देहरादून में चल रही दो दिवसीय कार्यशाला में हिमालय जैसे अति संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्र में कैसे आपदाओं पर लगाम लगाई जाए, इसको लेकर गहन मंथन कर रहे हैं. इस कार्यशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों सहित देश के जाने-माने तकनीकी संस्थाओं से विशेषज्ञ अपने अनुभवों और शोध के आधार पर आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने साथ ही आपदा के समय में प्रबंधन के तमाम मैकेनिज्म को लेकर अपनी बात रख रहे हैं. वहीं इस कार्यशाला में डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़ी तमाम और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन भी किया जा रहा है. जिसका प्रयोग आपदा प्रबंधन और रिस्क रिडक्शन में किया जा सकता है.
पढ़ें- उत्तराखंड में लोगों को डरा रहे भूकंप के लगातार आ रहे झटके, पुरानी यादें पैदा कर रही हैं सिहरन

इसी तरह से आपातकालीन स्थिति में इंस्टेंट कम्युनिकेशन को लेकर काम करने वाली विहान नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि राहुल दुबे ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने बताया कि किस तरह से आज 4G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आपदाग्रस्त क्षेत्र में इंस्टेंट कम्युनिकेशन पर काम किया जा सकता है. इसके लिए हमें किसी भी तरह के बाहरी नेटवर्क की जरूरत नहीं है. उनके द्वारा बनाई गई एक पूल टेबल मोबाइल नेटवर्क इंस्ट्रूमेंट के जरिए यह आपदाग्रस्त क्षेत्र में अपना खुद का नेटवर्क स्थापित कर देगा. जिसके जरिए आपदा में मृत लोगों और घायलों का पता लगाया जा सकता है. साथ ही रेस्क्यू फोर्स और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को इस नेटवर्क का लाभ मिल सकता है.
पढ़ें- Srinagar Navratri: चारधाम की रक्षक मां धारी देवी मंदिर में नवरात्रि की धूम, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

विहान नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि राहुल दुबे ने बताया कि किस तरह से इस टेक्नोलॉजी के जरिए मोबाइल कॉल मैसेज और वीडियोग्राफी के लिए मोबाइल नेटवर्क को स्थापित किया जाता है. इसके लिए किसी भी तरह का सेटेलाइट कम्युनिकेशन या फिर मोबाइल कम्युनिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है. यह खुद में एक अपना कम्युनिकेशन सिस्टम बनाता है. उन्होंने बताया हर टेक्नोलॉजी आर रेंज पर काम करती है. इसको कई घंटों के बैटरी बैकअप के साथ किसी भी रिमोट एरिया में ऑपरेट किया जा सकता है.

आपदाग्रसित क्षेत्रों में बिना नेटवर्क के तैयार होगा कम्युनिकेशन सिस्टम

देहरादून: उत्तराखंड में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्क्लेव ऑन यूज ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी इन वेस्ट मैनेजमेंट का आयोजन किया जा रहा है. इस दो दिवसीय आयोजन में देशभर से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही टेक्नोलॉजी की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी में आपदा की स्थिति में कम्युनिकेशन सिस्टम और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के जरिये कैसे निपटा जा सकता है, इसके बारे में बताया जा रहा है.

उत्तराखंड में जुटे देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर के आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ देहरादून में चल रही दो दिवसीय कार्यशाला में हिमालय जैसे अति संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्र में कैसे आपदाओं पर लगाम लगाई जाए, इसको लेकर गहन मंथन कर रहे हैं. इस कार्यशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों सहित देश के जाने-माने तकनीकी संस्थाओं से विशेषज्ञ अपने अनुभवों और शोध के आधार पर आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने साथ ही आपदा के समय में प्रबंधन के तमाम मैकेनिज्म को लेकर अपनी बात रख रहे हैं. वहीं इस कार्यशाला में डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़ी तमाम और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन भी किया जा रहा है. जिसका प्रयोग आपदा प्रबंधन और रिस्क रिडक्शन में किया जा सकता है.
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इसी तरह से आपातकालीन स्थिति में इंस्टेंट कम्युनिकेशन को लेकर काम करने वाली विहान नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि राहुल दुबे ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने बताया कि किस तरह से आज 4G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आपदाग्रस्त क्षेत्र में इंस्टेंट कम्युनिकेशन पर काम किया जा सकता है. इसके लिए हमें किसी भी तरह के बाहरी नेटवर्क की जरूरत नहीं है. उनके द्वारा बनाई गई एक पूल टेबल मोबाइल नेटवर्क इंस्ट्रूमेंट के जरिए यह आपदाग्रस्त क्षेत्र में अपना खुद का नेटवर्क स्थापित कर देगा. जिसके जरिए आपदा में मृत लोगों और घायलों का पता लगाया जा सकता है. साथ ही रेस्क्यू फोर्स और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को इस नेटवर्क का लाभ मिल सकता है.
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विहान नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि राहुल दुबे ने बताया कि किस तरह से इस टेक्नोलॉजी के जरिए मोबाइल कॉल मैसेज और वीडियोग्राफी के लिए मोबाइल नेटवर्क को स्थापित किया जाता है. इसके लिए किसी भी तरह का सेटेलाइट कम्युनिकेशन या फिर मोबाइल कम्युनिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है. यह खुद में एक अपना कम्युनिकेशन सिस्टम बनाता है. उन्होंने बताया हर टेक्नोलॉजी आर रेंज पर काम करती है. इसको कई घंटों के बैटरी बैकअप के साथ किसी भी रिमोट एरिया में ऑपरेट किया जा सकता है.

Last Updated : Mar 22, 2023, 4:55 PM IST
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