देहरादून: उत्तराखंड पुलिस किसी न किसी मामले में अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है. ड्यूटी के दौरान पब्लिक के साथ एक के बाद एक तीन मामलों में पुलिस कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार और मारपीट की घटना सामने आने के बाद डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने सख्त रुख अख्तियार किया है. डीआईजी ने सभी थाना प्रभारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का फरमान सुनाया है. डीआईजी ने सभी थानेदारों को सख्त लहजे में फटकार लगाते हुए कहा है कि अगर पब्लिक के साथ आगे इस तरह अभद्रता या मारपीट की शिकायत सामने आती है तो जांच के उपरांत थाना प्रभारी सख्त सजा भुगतने को तैयार रहें.
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देहरादून डीआईजी ने थाना प्रभारियों को दिए ये सख्त निर्देश
- पब्लिक से दुर्व्यवहार व मारपीट के मामले में जांच उपरांत आवश्यकतानुसार सबसे पहले संबंधित थानेदार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
- संबंधित अधिकारी के जांच उपरांत दोषी पाए जाने पर संबंधित थानेदार को तत्काल गिरफ्तार किया जाएगा.
- मुकदमा, गिरफ्तारी होने के उपरांत संबंधित थाने के प्रभारी के खिलाफ आवश्यकता अनुसार सख्त विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने साफ तौर पर कहा कि जनता के साथ बदतमीजी व मारपीट जैसा दुर्व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त योग्य नहीं है. किसी एक कर्मचारी की वजह से पूरे विभाग पर उंगली उठे इसको देखते हुए सख्त कार्रवाई संबंधित थानेदार के खिलाफ की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि सभी थानेदारों को इस बात की भी हिदायत दी गई है कि जिस भी पुलिस जवान का जनता के साथ बातचीत करने का लहजा और टेंपरामेंट सही नहीं है, उसको तत्काल ही बदलकर पुलिस लाइन भेज दिया जाए. ताकि उनके बदले व्यावहारिक पुलिस जवानों को उनके स्थान पर भेजा जा सके.