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देहरादून के घंटाघर और परेड ग्राउंड जाने वाले वाहनों में जीपीएस जरूरी, जानिए आरटीए के बड़े फैसले - देहरादून यातायात

RTA makes GPS mandatory in vehicles in Dehradun अगर आप देहरादून में रहते हैं और अपने वाहन से चलते हैं तो ये खबर आपके लिए है. संभागीय परिवहन प्राधिकरण यानी आरटीए ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. इन फैसलों के अनुसार अगर आप अपना वाहन लेकर घंटाघर और परेड ग्राउंड की ओर जाते हैं तो वाहन में जीपीएस होना चाहिए. इसके साथ ही देहरादून और हरिद्वार के प्रमुख मार्गों पर ई रिक्शा का संचालन सुबह 08 बजे से रात के 08 बजे तक प्रतिबंधित किया गया है. आरटीए ने और भी बड़े फैसले लिए हैं, पढ़िए इस खबर में.

vehicles in Dehradun
देहरादून ट्रैफिक समाचार
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 13, 2024, 7:57 AM IST

Updated : Jan 13, 2024, 8:37 AM IST

देहरादून के ट्रैफिक को लेकर महत्वपूर्ण फैसले

देहरादून: घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास सार्वजनिक वाहनों के कारण अक्सर जाम की स्थिति होती है. इससे निपटने और यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए परिवहन निगम ने घंटाघर और परेड मैदान के आसपास 2 किलोमीटर क्षेत्र में बिना जीपीएस वाले सार्वजनिक यात्री वाहनों का संचालन प्रतिबंधित कर दिया है.

आरटीए की बैठक में ट्रांसपोर्ट पर लिए फैसले: संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने यह निर्णय लिया है कि इस क्षेत्र में अब सिर्फ वही यात्री वाहन संचालित होंगे जिनमें जीपीएस लगा होगा. साथ ही विक्रम टेंपो की परमिट शर्तों में सख्ती करते हुए उनकी बॉडी और पट्टी का रंग तय कर दिया गया है. अब तय केंद्रों से निर्धारित रंग के विक्रम टेंपो ही संचालित हो सकेंगे. नियमों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई होगी. परमिट शर्तों को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग ने एक महीने का समय दिया है. इसके अलावा जाम की स्थिति को देखते हुए अब एसएसपी द्वारा ई रिक्शा को नियंत्रित किया जाएगा. प्रतिबंधित क्षेत्र में सुबह 8 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक ई रिक्शा का संचालन नहीं होने दिया जाएगा. साथ ही शहर के आउट साइड पर छोटे वाहन और बड़े वाहनों को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है.

देहरादून में ऐसी होगी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था: बता दें कि 23 दिसंबर 2023 को हुई आरटीए की बैठक में विचार विमर्श किया गया था कि घंटाघर और परेड ग्राउंड के दो किलोमीटर के दायरे में सार्वजनिक वाहनों के कारण जाम लगता है. ऐसे सार्वजनिक वाहनों को बंद किया जाएगा. लेकिन विक्रम संचालकों और सिटी बस संचालकों द्वार विरोध करने पर आरटीए की हुई बैठक में विचार विमर्श करने के बाद अब निर्णय लिया गया है कि घंटाघर और परेड ग्राउंड के दो किमी क्षेत्र में बिना जीपीएस वाले सार्वजनिक यात्री वाहनों का संचालन प्रतिबंधित कर दिया जाए. परिवहन निगम द्वारा सभी सार्वजनिक वाहन संचालकों को एक महीने का समय दिया गया है. इस क्षेत्र में अब सिर्फ वही यात्री वाहन संचालित होंगे, जिनमें जीपीएस लगा होगा. घंटाघर से दिलाराम चौक, सर्वे चौक, बिंदाल पुल, आराघर चौक और सहारनपुर चौक तक यह प्रतिबंध रहेगा.

घंटाघर, परेड ग्राउंड जाने वाले वाहनों पर जीपीएस जरूरी: आरटीओ ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा किसी भी सार्वजनिक वाहन संचालक पर जीपीएस लगाने का दबाव नहीं बनाया जा रहा है. लेकिन अगर वह घंटाघर और परेड ग्राउंड के दो किमी के क्षेत्र में वाहन संचालन करेंगे तो उनको जीपीएस लगाना आवश्यक है. साथ ही बताया कि सार्वजनिक वाहनों पर जीपीएस लगाने के बाद घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास के क्षेत्र में कोई यात्री वाहन एक दिन में कितनी बार संचालित हो रहा है, इस संबंध में पूरी जानकारी परिवहन निगम के पास रहेगी और जीपीएस से परिवहन निगम हर वाहन की निगरानी कर सकेगा.

विक्रम और टेंपो का रंग होगा निर्धारित: वहीं परिवहन विभाग को अक्सर शिकायत मिलती थी कि विक्रम चालक अपना निर्धारित रूट छोड़कर विक्रम का रंग बदलकर दूसरे रूट पर संचालन करते हैं. ऐसे में परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि अब कोई भी विक्रम और टेंपो संचालक निर्धारित रूप से अलग और अन्य रंग का वाहन संचालित नहीं कर सकेगा. विक्रम और टेंपो की बॉडी पर निर्धारित 4 इंच चौड़ी पट्टी पर केंद्र, परमिट धारक का नाम, मोबाइल नंबर, वैधता और परमिट संख्या लिखना अनिवार्य कर दिया गया है.

परमिट शर्तें पूरी करनी होंगी: आरटीओ ने बताया कि विक्रम और टेंपो की परमिट शर्तों में सख्ती करते हुए उनकी बॉडी और पट्टी का रंग तय कर दिया गया है. अब केंद्रों से निर्धारित रंग के विक्रम और टेंपो ही संचालित हो सकेंगे और नियमों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई होगी. परमिट शर्तों को पूरा करने के लिए परिवहन निगम ने एक महीने का समय दिया है. साथ ही विक्रम और टेंपो के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि आरटीओ में भी अपने परमिट के साथ उनका विक्रम और टेंपो किस रंग और पट्टी का है, उसकी जानकारी देनी होगी.

इस रूट पर ई रिक्शा संचालन बैन: शहर में ई रिक्शा के कारण कई बार जाम की स्थिति बनती है. इस कारण आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी क्रम में परिवहन विभाग ने देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा बन चुकी ई रिक्शा का संचालन प्रमुख मार्गों पर प्रतिबंधित करने की स्वीकृति दे दी है. जिसमें देहरादून और हरिद्वार के प्रमुख मार्गों पर ई रिक्शा का संचालन सुबह 08 बजे से रात के 08 बजे तक प्रतिबंधित किया गया है. इसको लेकर एसएसपी देहरादून को पत्राचार किया गया. साथ ही ई रिक्शा के अनियंत्रित संचालन और उनके पंजीयन को नियंत्रण करने के लिए जनपद के एसएसपी और एसपी ट्रैफिक को जवाबदेह बनाया गया है. प्रतिबंधित मार्ग पर संचालित ई रिक्शा के चालान की प्राथमिक जिम्मेदारी भी पुलिस की होगी. पहली बार प्रतिबंधित मार्ग में संचालन पर ई रिक्शा का चालान 500 रुपए का होगा. दूसरी बार 1000 रुपए और तीसरी बार दो हजार और उसके बाद ई रिक्शा का पंजीयन और परमिट निरस्त किया जाएगा.

शहर के अंदर 320 बसें चलाने की योजना: आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि विक्रम कांट्रेक्ट केरिज वाहन है, जिसके अंर्तगत बाहर के क्षेत्रों से सवारी को सस्ते दामों में लाकर शहर के अंदर के क्षेत्रों में लाना है. परिवहन विभाग द्वारा यूनियन से वार्ता की गई है और सबसे पहले प्रयास है कि शहर के अंदर जिन बसों और छोटी बसों का संचालन किया जाए और विक्रम को नियंत्रित करके ऐसे क्षेत्रों में भेजा जाए जहां से बाहर के क्षेत्र से शहर के क्षेत्र में लोग कम पैसे में आ सकें. शहर के अंदर 320 बसों की योजना है जोकि 10 रूट पर चलेंगी. फीडर रूट पर 520 छोटी गाड़ियां चलेंगी. इस पर सरकार विचार कर रही है आने वाले दिनों में ये व्यवस्था जल्द शुरू की जायेगी.
ये भी पढ़ें: स्मार्ट सिटी के नाम पर देहरादून शहर की 'दुर्दशा', सड़कों पर चलना दुभर, ट्रैफिक पुलिस का 'ड्रोन एक्शन'

देहरादून के ट्रैफिक को लेकर महत्वपूर्ण फैसले

देहरादून: घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास सार्वजनिक वाहनों के कारण अक्सर जाम की स्थिति होती है. इससे निपटने और यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए परिवहन निगम ने घंटाघर और परेड मैदान के आसपास 2 किलोमीटर क्षेत्र में बिना जीपीएस वाले सार्वजनिक यात्री वाहनों का संचालन प्रतिबंधित कर दिया है.

आरटीए की बैठक में ट्रांसपोर्ट पर लिए फैसले: संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने यह निर्णय लिया है कि इस क्षेत्र में अब सिर्फ वही यात्री वाहन संचालित होंगे जिनमें जीपीएस लगा होगा. साथ ही विक्रम टेंपो की परमिट शर्तों में सख्ती करते हुए उनकी बॉडी और पट्टी का रंग तय कर दिया गया है. अब तय केंद्रों से निर्धारित रंग के विक्रम टेंपो ही संचालित हो सकेंगे. नियमों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई होगी. परमिट शर्तों को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग ने एक महीने का समय दिया है. इसके अलावा जाम की स्थिति को देखते हुए अब एसएसपी द्वारा ई रिक्शा को नियंत्रित किया जाएगा. प्रतिबंधित क्षेत्र में सुबह 8 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक ई रिक्शा का संचालन नहीं होने दिया जाएगा. साथ ही शहर के आउट साइड पर छोटे वाहन और बड़े वाहनों को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है.

देहरादून में ऐसी होगी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था: बता दें कि 23 दिसंबर 2023 को हुई आरटीए की बैठक में विचार विमर्श किया गया था कि घंटाघर और परेड ग्राउंड के दो किलोमीटर के दायरे में सार्वजनिक वाहनों के कारण जाम लगता है. ऐसे सार्वजनिक वाहनों को बंद किया जाएगा. लेकिन विक्रम संचालकों और सिटी बस संचालकों द्वार विरोध करने पर आरटीए की हुई बैठक में विचार विमर्श करने के बाद अब निर्णय लिया गया है कि घंटाघर और परेड ग्राउंड के दो किमी क्षेत्र में बिना जीपीएस वाले सार्वजनिक यात्री वाहनों का संचालन प्रतिबंधित कर दिया जाए. परिवहन निगम द्वारा सभी सार्वजनिक वाहन संचालकों को एक महीने का समय दिया गया है. इस क्षेत्र में अब सिर्फ वही यात्री वाहन संचालित होंगे, जिनमें जीपीएस लगा होगा. घंटाघर से दिलाराम चौक, सर्वे चौक, बिंदाल पुल, आराघर चौक और सहारनपुर चौक तक यह प्रतिबंध रहेगा.

घंटाघर, परेड ग्राउंड जाने वाले वाहनों पर जीपीएस जरूरी: आरटीओ ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा किसी भी सार्वजनिक वाहन संचालक पर जीपीएस लगाने का दबाव नहीं बनाया जा रहा है. लेकिन अगर वह घंटाघर और परेड ग्राउंड के दो किमी के क्षेत्र में वाहन संचालन करेंगे तो उनको जीपीएस लगाना आवश्यक है. साथ ही बताया कि सार्वजनिक वाहनों पर जीपीएस लगाने के बाद घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास के क्षेत्र में कोई यात्री वाहन एक दिन में कितनी बार संचालित हो रहा है, इस संबंध में पूरी जानकारी परिवहन निगम के पास रहेगी और जीपीएस से परिवहन निगम हर वाहन की निगरानी कर सकेगा.

विक्रम और टेंपो का रंग होगा निर्धारित: वहीं परिवहन विभाग को अक्सर शिकायत मिलती थी कि विक्रम चालक अपना निर्धारित रूट छोड़कर विक्रम का रंग बदलकर दूसरे रूट पर संचालन करते हैं. ऐसे में परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि अब कोई भी विक्रम और टेंपो संचालक निर्धारित रूप से अलग और अन्य रंग का वाहन संचालित नहीं कर सकेगा. विक्रम और टेंपो की बॉडी पर निर्धारित 4 इंच चौड़ी पट्टी पर केंद्र, परमिट धारक का नाम, मोबाइल नंबर, वैधता और परमिट संख्या लिखना अनिवार्य कर दिया गया है.

परमिट शर्तें पूरी करनी होंगी: आरटीओ ने बताया कि विक्रम और टेंपो की परमिट शर्तों में सख्ती करते हुए उनकी बॉडी और पट्टी का रंग तय कर दिया गया है. अब केंद्रों से निर्धारित रंग के विक्रम और टेंपो ही संचालित हो सकेंगे और नियमों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई होगी. परमिट शर्तों को पूरा करने के लिए परिवहन निगम ने एक महीने का समय दिया है. साथ ही विक्रम और टेंपो के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि आरटीओ में भी अपने परमिट के साथ उनका विक्रम और टेंपो किस रंग और पट्टी का है, उसकी जानकारी देनी होगी.

इस रूट पर ई रिक्शा संचालन बैन: शहर में ई रिक्शा के कारण कई बार जाम की स्थिति बनती है. इस कारण आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी क्रम में परिवहन विभाग ने देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा बन चुकी ई रिक्शा का संचालन प्रमुख मार्गों पर प्रतिबंधित करने की स्वीकृति दे दी है. जिसमें देहरादून और हरिद्वार के प्रमुख मार्गों पर ई रिक्शा का संचालन सुबह 08 बजे से रात के 08 बजे तक प्रतिबंधित किया गया है. इसको लेकर एसएसपी देहरादून को पत्राचार किया गया. साथ ही ई रिक्शा के अनियंत्रित संचालन और उनके पंजीयन को नियंत्रण करने के लिए जनपद के एसएसपी और एसपी ट्रैफिक को जवाबदेह बनाया गया है. प्रतिबंधित मार्ग पर संचालित ई रिक्शा के चालान की प्राथमिक जिम्मेदारी भी पुलिस की होगी. पहली बार प्रतिबंधित मार्ग में संचालन पर ई रिक्शा का चालान 500 रुपए का होगा. दूसरी बार 1000 रुपए और तीसरी बार दो हजार और उसके बाद ई रिक्शा का पंजीयन और परमिट निरस्त किया जाएगा.

शहर के अंदर 320 बसें चलाने की योजना: आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि विक्रम कांट्रेक्ट केरिज वाहन है, जिसके अंर्तगत बाहर के क्षेत्रों से सवारी को सस्ते दामों में लाकर शहर के अंदर के क्षेत्रों में लाना है. परिवहन विभाग द्वारा यूनियन से वार्ता की गई है और सबसे पहले प्रयास है कि शहर के अंदर जिन बसों और छोटी बसों का संचालन किया जाए और विक्रम को नियंत्रित करके ऐसे क्षेत्रों में भेजा जाए जहां से बाहर के क्षेत्र से शहर के क्षेत्र में लोग कम पैसे में आ सकें. शहर के अंदर 320 बसों की योजना है जोकि 10 रूट पर चलेंगी. फीडर रूट पर 520 छोटी गाड़ियां चलेंगी. इस पर सरकार विचार कर रही है आने वाले दिनों में ये व्यवस्था जल्द शुरू की जायेगी.
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Last Updated : Jan 13, 2024, 8:37 AM IST
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