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शिफन कोर्ट: बेघर होने की बरसी पर उपवास पर बैठे पीड़ित परिवार

पुरकुल मसूरी रोपवे की योजना के तहत शिफन कोर्ट के 84 परिवारों को बेघर हुए आज एक साल पूरा हो गया. इसी के तहत मंगलवार को शहीद स्थल झूलाघर पर बेघर परिवारों के सदस्यों ने एक दिन का उपवास रखा.

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मसूरी
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Published : Aug 24, 2021, 8:51 PM IST

मसूरीः पुरकुल मसूरी रोपवे की योजना के तहत शिफन कोर्ट के 84 परिवारों को बेघर हुए आज एक साल पूरा हो गया है. वहीं, मंगलवार को शहीद स्थल झूलाघर पर बेघर परिवारों के साथ सभी राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने एक दिन का उपवास रखा. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शिफन कोर्ट के निवासियों को जल्द से जल्द छत मुहैया कराई जाए.

मसूरी शहर के झूलाघर शहीद स्थल पर बेघर परिवारों के साथ सभी राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने एक दिन का उपवास रखा. इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए, साथ ही निर्णय लिया कि 2 सितंबर मसूरी गोलीकांड की बरसी पर यहां आने वाले नेताओं को काले झंडे दिखाए जाएंगे. इसके अलावा 15 दिन बाद मसूरी विधानसभा से हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा, जिसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा जाएगा. वक्ताओं ने कहा कि शिफन कोर्ट से विस्थापित हुए लोगों की सरकार ने कोई सुध नहीं ली है, न ही अन्य दलों ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई की है.

शासन स्तर पर नहीं हुई कार्रवाईः वहीं, नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि वह शिफन कोर्ट के लोगों के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने पालिका बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर भूमि आवंटन कर शासन को भेज दिया, लेकिन शासन स्तर पर इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

ये भी पढ़ेंः BPEd, MPEd बेरोजगारों और भोजन माताओं ने किया विधानसभा कूच, हरदा को भी घेरा

2022 चुनाव का बहिष्कारः शिफन कोर्ट संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टम्टा ने कहा कि एक साल पूरा होने के बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अब जब तक शिफन कोर्ट के निवासियों का विस्थापन नहीं किया जाता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने 2022 चुनाव में नेताओं का बहिष्कार करने का ऐलान किया.

कांग्रेस ने पिछले विस सत्र में उठाया था मामलाः नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि पिछले विधानसभा सत्र में कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. लेकिन वर्तमान में नगर पालिका परिषद मसूरी द्वारा इसमें ढुलमुल रवैया अपनाया गया.

गूंज संस्था ने किया समर्थनः गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद रावत ने कहा कि शिफन कोर्ट के निवासियों के लिए वे हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. सड़क से लेकर सदन तक उनकी आवाज को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विधायक शिफन कोर्ट के मामले पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. वह सिर्फ घोषणाओं तक ही सीमित रह चुके हैं.

मसूरीः पुरकुल मसूरी रोपवे की योजना के तहत शिफन कोर्ट के 84 परिवारों को बेघर हुए आज एक साल पूरा हो गया है. वहीं, मंगलवार को शहीद स्थल झूलाघर पर बेघर परिवारों के साथ सभी राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने एक दिन का उपवास रखा. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शिफन कोर्ट के निवासियों को जल्द से जल्द छत मुहैया कराई जाए.

मसूरी शहर के झूलाघर शहीद स्थल पर बेघर परिवारों के साथ सभी राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने एक दिन का उपवास रखा. इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए, साथ ही निर्णय लिया कि 2 सितंबर मसूरी गोलीकांड की बरसी पर यहां आने वाले नेताओं को काले झंडे दिखाए जाएंगे. इसके अलावा 15 दिन बाद मसूरी विधानसभा से हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा, जिसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा जाएगा. वक्ताओं ने कहा कि शिफन कोर्ट से विस्थापित हुए लोगों की सरकार ने कोई सुध नहीं ली है, न ही अन्य दलों ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई की है.

शासन स्तर पर नहीं हुई कार्रवाईः वहीं, नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि वह शिफन कोर्ट के लोगों के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने पालिका बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर भूमि आवंटन कर शासन को भेज दिया, लेकिन शासन स्तर पर इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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2022 चुनाव का बहिष्कारः शिफन कोर्ट संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टम्टा ने कहा कि एक साल पूरा होने के बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अब जब तक शिफन कोर्ट के निवासियों का विस्थापन नहीं किया जाता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने 2022 चुनाव में नेताओं का बहिष्कार करने का ऐलान किया.

कांग्रेस ने पिछले विस सत्र में उठाया था मामलाः नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि पिछले विधानसभा सत्र में कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. लेकिन वर्तमान में नगर पालिका परिषद मसूरी द्वारा इसमें ढुलमुल रवैया अपनाया गया.

गूंज संस्था ने किया समर्थनः गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद रावत ने कहा कि शिफन कोर्ट के निवासियों के लिए वे हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. सड़क से लेकर सदन तक उनकी आवाज को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विधायक शिफन कोर्ट के मामले पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. वह सिर्फ घोषणाओं तक ही सीमित रह चुके हैं.

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