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पुलिस ग्रेड पे: विरोध करने वाले पुलिस परिवारों पर कार्रवाई की तलवार, 20 परिवार चिह्नित

बीते रविवार ग्रेड पे मामले में देहरादून के गांधी पार्क में डेढ़ सौ से 200 पुलिसकर्मियों के परिजनों द्वारा विरोध प्रदर्शन नारेबाजी को लेकर भी पुलिस विभाग सख्ती बढ़ा सकता है. क्योंकि, अपील और चेतावनी के बावजूद भी यह प्रदर्शन सेवारत पुलिसकर्मियों के संरक्षण में हुआ, जिसमें पुलिसकर्मियों की अनुशासनहीनता भी सामने आई है.

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Published : Jul 27, 2021, 7:54 AM IST

Updated : Jul 27, 2021, 12:40 PM IST

देहरादून: देश में उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है. जहां अनुशासन के दायरे में बंधे पुलिसकर्मियों ने 'ग्रेड पे' (Grade pay) की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. पुलिसकर्मियों के परिजन भी ग्रेड पे की मांग को लेकर सड़क पर उतर चुके हैं. वहीं, आज इस मामले में शासन स्तर पर गठित की गई उप समिति बैठक होनी है. जिसके बाद ही आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी. ऐसे में इस बैठक में लिये निर्णय का सबको इंतजार है.

बताया जा रहा है कि अगर उप समिति के बैठक में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो आगामी 15 अगस्त को एक बार भी आंदोलनकारी सरकार की ओर अपना ध्यान खींचने के लिए कुछ ओर कर सकते हैं. आज यानी 27 जुलाई की शासन मीटिंग के बाद आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ हो सकती है.

पुलिसकर्मियों के 'ग्रेड पे' को लेकर उच्च सीमित बैठक आज.

उधर, बीते रविवार ग्रेड पे मामले में देहरादून के गांधी पार्क में 150 से 200 पुलिसकर्मियों के परिजनों द्वारा विरोध प्रदर्शन नारेबाजी को लेकर भी पुलिस विभाग सख्ती बढ़ा सकता है. क्योंकि, अपील और चेतावनी के बावजूद भी यह प्रदर्शन सेवारत पुलिसकर्मियों के संरक्षण में हुआ, जिसमें पुलिसकर्मियों की अनुशासनहीनता भी सामने आई है. ऐसे में प्रदर्शन के दौरान आने वाले पुलिस परिजनों के 15 से 20 परिवारों को इंटेलिजेंस द्वारा चिन्हित किया जा चुका है.

वहीं, जानकारी के मुताबिक, इस विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे देहरादून, टिहरी और हरिद्वार जिले के पुलिसकर्मियों के परिवार रहे. इसी को देखते हुए पुलिस विभाग राज्य सरकार के आदेश पर 27 जुलाई मीटिंग के बाद आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकता है.

पढ़ें- ग्रेड पे विवाद: बोले धामी- पुलिस जवान हमारे भाई, हमारी भावना समझें

जानकारों की मानें तो देश में देश में पुलिस कर्मचारियों द्वारा सरकार के खिलाफ मुखर होकर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरने का यह मामला नया नहीं है. इससे पहले भी बिहार सहित कई राज्यों की पुलिस यूनियनबाजी के तहत अपनी मांगों को मनवाने के लिए सड़कों पर उतर चुकी है.

वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा बताते हैं कि राज्य सरकार के अन्य विभागों की तुलना पुलिस महकमे की नियमावली में धरना प्रदर्शन जैसे मामलों से दूर रहने का नियम है. लेकिन इसके बावजूद जिस तरह से अपने 'ग्रेड पे' मांग को लेकर संबंधित पुलिसकर्मियों के परिवार सामने आए हैं, वह भविष्य के लिए चिंता बढ़ा सकता है.

शर्मा के मुताबिक, अगर पुलिस जवानों का ग्रेड पे दिया जाता है, तो राज्य में उच्च श्रेणी के अन्य विभाग कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक सड़क पर आ सकते हैं. यही कारण है कि राज्य सरकार पुलिस कर्मचारियों के ग्रेड पे को लेकर कोई निर्णय नहीं कर पा रही है.

देहरादून: देश में उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है. जहां अनुशासन के दायरे में बंधे पुलिसकर्मियों ने 'ग्रेड पे' (Grade pay) की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. पुलिसकर्मियों के परिजन भी ग्रेड पे की मांग को लेकर सड़क पर उतर चुके हैं. वहीं, आज इस मामले में शासन स्तर पर गठित की गई उप समिति बैठक होनी है. जिसके बाद ही आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी. ऐसे में इस बैठक में लिये निर्णय का सबको इंतजार है.

बताया जा रहा है कि अगर उप समिति के बैठक में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो आगामी 15 अगस्त को एक बार भी आंदोलनकारी सरकार की ओर अपना ध्यान खींचने के लिए कुछ ओर कर सकते हैं. आज यानी 27 जुलाई की शासन मीटिंग के बाद आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ हो सकती है.

पुलिसकर्मियों के 'ग्रेड पे' को लेकर उच्च सीमित बैठक आज.

उधर, बीते रविवार ग्रेड पे मामले में देहरादून के गांधी पार्क में 150 से 200 पुलिसकर्मियों के परिजनों द्वारा विरोध प्रदर्शन नारेबाजी को लेकर भी पुलिस विभाग सख्ती बढ़ा सकता है. क्योंकि, अपील और चेतावनी के बावजूद भी यह प्रदर्शन सेवारत पुलिसकर्मियों के संरक्षण में हुआ, जिसमें पुलिसकर्मियों की अनुशासनहीनता भी सामने आई है. ऐसे में प्रदर्शन के दौरान आने वाले पुलिस परिजनों के 15 से 20 परिवारों को इंटेलिजेंस द्वारा चिन्हित किया जा चुका है.

वहीं, जानकारी के मुताबिक, इस विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे देहरादून, टिहरी और हरिद्वार जिले के पुलिसकर्मियों के परिवार रहे. इसी को देखते हुए पुलिस विभाग राज्य सरकार के आदेश पर 27 जुलाई मीटिंग के बाद आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकता है.

पढ़ें- ग्रेड पे विवाद: बोले धामी- पुलिस जवान हमारे भाई, हमारी भावना समझें

जानकारों की मानें तो देश में देश में पुलिस कर्मचारियों द्वारा सरकार के खिलाफ मुखर होकर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरने का यह मामला नया नहीं है. इससे पहले भी बिहार सहित कई राज्यों की पुलिस यूनियनबाजी के तहत अपनी मांगों को मनवाने के लिए सड़कों पर उतर चुकी है.

वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा बताते हैं कि राज्य सरकार के अन्य विभागों की तुलना पुलिस महकमे की नियमावली में धरना प्रदर्शन जैसे मामलों से दूर रहने का नियम है. लेकिन इसके बावजूद जिस तरह से अपने 'ग्रेड पे' मांग को लेकर संबंधित पुलिसकर्मियों के परिवार सामने आए हैं, वह भविष्य के लिए चिंता बढ़ा सकता है.

शर्मा के मुताबिक, अगर पुलिस जवानों का ग्रेड पे दिया जाता है, तो राज्य में उच्च श्रेणी के अन्य विभाग कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक सड़क पर आ सकते हैं. यही कारण है कि राज्य सरकार पुलिस कर्मचारियों के ग्रेड पे को लेकर कोई निर्णय नहीं कर पा रही है.

Last Updated : Jul 27, 2021, 12:40 PM IST
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