देहरादून: कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने आज 17 नवंबर को वन विभाग के मंथन सभागार में आला अधिकारियों के साथ भारत सरकार आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय औषिधीय पादप बोर्ड द्वारा संचालित सेंन्ट्रल सेक्टर स्कीम एवं राज्य में इन योजनाओं को लागू व प्रभावी क्रियान्वयन करने हेतु बैठक ली.
इस दौरान वन मंत्री ने प्रदेश में हर्बल गार्डन को विकसित करने पर विस्तृत चर्चा करते हुए, वर्तमान समय में संचालित योजनाओे की जानकारी ली, जिस पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने तेजी से प्रगति लाने के निर्देश दिए. उन्होंने संबंधित आधिकारियों को चारोंधाम में हर्बल गार्डन बनाने के निर्देश दिए. इससे यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और लोगों को लाभ मिल सकेगा.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि पहाड़ी काश्तकारों के दृष्टिगत मानकों को सरलीकरण बनाया जाए, जिससें उन्हे हर्बल गार्डन की काश्तकारी करने में कठिनाई ना हो और अपनी आजीविका संवर्धन कर सकें, जिस हेतु उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा करते हुए, कास्तकारों के लिए जडी बूटी/औषधि पादपों की कास्तकारी के लिए अलग से एक वन विभाग की नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिये.
वहीं उन्होंने जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी की गठन करने के निर्देश दिए. वन मंत्री ने वन निगम के तीनों मंडियों का सुदृढिकरण करते हुए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के निर्देश दिये. उन्होंने पीएमएफएस योजना के तहत वन डिस्ट्रीक्ट वन प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वन पंचायत को ओर मजबूत बनाए जाए, नियमावली में सुधार लाते हुए सरलीकरण की जरूरत है.
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वही संबंधित अधिकारी द्वारा बताया गया कि राज्य के स्थानीय स्तर पर पाये जाने वाले औषधीय पादपों के बारे में काश्तकारों को प्रशिक्षण एवं जागरूक किये जाते है. बैठक में अपर मुख्य कार्यवाही अधिकारी/प्रतिनिधि राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली के द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेश अर्न्तगत राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी दी गई. राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली की ऑपरेशनल गाइडलाइन के तहत उत्तराखण्ड राज्य में लागू किये जाने वाली योजनाओं पर चर्चा की गई.