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चकराता में चालदा महासू के दर्शन के लिए उमड़ा आस्था का सैलाब, सतपाल महाराज भी हुए अभिभूत

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 19, 2023, 4:59 PM IST

Updated : Sep 19, 2023, 5:31 PM IST

Chalda Mahasu Devta देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में महासू देवता को इष्ट देवता के रूप में पूजा जाता है. महासू देवता चार भाई हैं. जिनमें बाशिक महाराज, पवासी महाराज, बोठा महाराज और चालदा महाराज हैं. चालदा महासू को छत्रधारी महाराज भी कहा जाता है. वो जौनसार बावर समेत हिमाचल में पूजे जाते हैं. अभी चालदा महासू दसऊ गांव में विराजमान हैं. जहां भव्य रात्रि जागरण का आयोजन किया गया. जहां आस्था का सैलाब देखने को मिला.

Chalda Mahasu Devta
चालदा महासू महाराज के दर्शन में उमड़ी भीड़
चालदा महासू के दर्शन के लिए उमड़ा आस्था का सैला

विकासनगरः जौनसार बावर में जागड़ा पर्व की धूम है. जहां प्रसिद्ध महासू देवता के मंदिर हनोल में जागड़ा पर्व मनाया गया तो वहीं चकराता के दसऊ गांव में देव रात्रि जागरण का आयोजन किया गया. इस दौरान विधि विधान के साथ देव चिन्हों को स्नान के लिए मंदिर से बाहर निकाला गया. जिसके बाद गांव से करीब एक किलोमीटर दूर प्राकृतिक स्रोत पर स्नान कराया गया. स्नान के बाद देव डोली को मंदिर परिसर लाया गया. जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने देव दर्शन किए और सुख समृद्धि की कामना की. वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी देव दर्शन किए.

Chalda Mahasu Devta
चालदा महासू महाराज के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

बता दें कि जौनसार बाबर के इष्ट देव महासू देवता के मंदिरों में बीती रात जागरण का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में लोग उमड़े. चकराता के दसऊ गांव में चालदा महासू महाराज दो साल के प्रवास पर हैं. जो इनदिनों नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हैं. उसके बाद चालदा महासू महाराज अगले पड़ाव के प्रवास पर निकलेंगे. गौर हो कि चालदा महासू महाराज चार महासू में सबसे छोटे माने जाते हैं, जो हमेशा चलायमान रहते हैं. जबकि, उनसे बड़े बाशिक महाराज, बोठा महाराज और पवासी महाराज हैं.
ये भी पढ़ेंः छत्रधारी चालदा महासू की प्रवास यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, इष्ट देवता के रूप में पूजते हैं लोग

चालदा महासू को छत्रधारी महाराज भी कहते हैं. चालदा महासू के छत्राई स्याणा मातबर सिंह ने बताया कि वैसे तो चालदा महाराज का प्रवास एक साल का होता है, लेकिन दसऊ खत पट्टी देवता की जेठी खत है. इसलिए यहां पर दो साल के लिए प्रवास पर रहेंगे. उसके बाद देवता की इच्छा अनुसार हो सकता है कि हिमाचल के प्रवास पर जाएं.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कही ये बातः वहींं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वो छत्रधारी चालदा महाराज रघुनाथ के दर्शन करने आए हैं. उन्होंने हनोल में भी देव दर्शन किए हैं. यहां जौनसार बावर की संस्कृति देखने को मिलती है. हजारों की संख्या लोग देव दर्शन करने पहुंचे हैं, जो इसकी गवाही देते हैं कि आस्था से कोई बड़ी चीज नहीं है. उन्होंने प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि की कामना की.
ये भी पढ़ेंः समाल्टा गांव में महासू चालदा देवता विराजित, भक्तों ने चढ़ाया चांदी का शेर और छत्र

चालदा महासू के दर्शन के लिए उमड़ा आस्था का सैला

विकासनगरः जौनसार बावर में जागड़ा पर्व की धूम है. जहां प्रसिद्ध महासू देवता के मंदिर हनोल में जागड़ा पर्व मनाया गया तो वहीं चकराता के दसऊ गांव में देव रात्रि जागरण का आयोजन किया गया. इस दौरान विधि विधान के साथ देव चिन्हों को स्नान के लिए मंदिर से बाहर निकाला गया. जिसके बाद गांव से करीब एक किलोमीटर दूर प्राकृतिक स्रोत पर स्नान कराया गया. स्नान के बाद देव डोली को मंदिर परिसर लाया गया. जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने देव दर्शन किए और सुख समृद्धि की कामना की. वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी देव दर्शन किए.

Chalda Mahasu Devta
चालदा महासू महाराज के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

बता दें कि जौनसार बाबर के इष्ट देव महासू देवता के मंदिरों में बीती रात जागरण का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में लोग उमड़े. चकराता के दसऊ गांव में चालदा महासू महाराज दो साल के प्रवास पर हैं. जो इनदिनों नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हैं. उसके बाद चालदा महासू महाराज अगले पड़ाव के प्रवास पर निकलेंगे. गौर हो कि चालदा महासू महाराज चार महासू में सबसे छोटे माने जाते हैं, जो हमेशा चलायमान रहते हैं. जबकि, उनसे बड़े बाशिक महाराज, बोठा महाराज और पवासी महाराज हैं.
ये भी पढ़ेंः छत्रधारी चालदा महासू की प्रवास यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, इष्ट देवता के रूप में पूजते हैं लोग

चालदा महासू को छत्रधारी महाराज भी कहते हैं. चालदा महासू के छत्राई स्याणा मातबर सिंह ने बताया कि वैसे तो चालदा महाराज का प्रवास एक साल का होता है, लेकिन दसऊ खत पट्टी देवता की जेठी खत है. इसलिए यहां पर दो साल के लिए प्रवास पर रहेंगे. उसके बाद देवता की इच्छा अनुसार हो सकता है कि हिमाचल के प्रवास पर जाएं.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कही ये बातः वहींं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वो छत्रधारी चालदा महाराज रघुनाथ के दर्शन करने आए हैं. उन्होंने हनोल में भी देव दर्शन किए हैं. यहां जौनसार बावर की संस्कृति देखने को मिलती है. हजारों की संख्या लोग देव दर्शन करने पहुंचे हैं, जो इसकी गवाही देते हैं कि आस्था से कोई बड़ी चीज नहीं है. उन्होंने प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि की कामना की.
ये भी पढ़ेंः समाल्टा गांव में महासू चालदा देवता विराजित, भक्तों ने चढ़ाया चांदी का शेर और छत्र

Last Updated : Sep 19, 2023, 5:31 PM IST
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