ETV Bharat / state

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी PPE मोड में संचालित अस्पतालों का करेंगे निगरानी

author img

By

Published : Jul 31, 2021, 9:28 PM IST

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों के संचालकों एवं विभागीय अधिकारियों की बैठक ली.

health-minister-took-meeting-of-operators-and-departmental-officers-of-the-hospitals-operating-in-ppp-mode
PPP मोड में संचालित अस्पतालों के संचालकों एवं विभागीय अधिकारियों की बैठक

देहरादून: राज्यभर में पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा यदि संबंधित अस्पतालों ने एक माह के भीतर जन अपेक्षाओं के अनुरूप अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया तो सरकार ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए अनुबंध समाप्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगा. बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज सहित आधा दर्जन विधायकों ने प्रतिभाग करते हुए अपने विधानसभा क्षेत्रों में संचालित पीपीपी मोड अस्पतालों में क्षेत्रीय जनता को आ रही समस्याएं गिनाई.

सूबे के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शनिवार को विधानसभा स्थित सभागार में प्रदेश भर में पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों के संचालकों एवं विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में संचालित पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पतालों की समस्याएं रखी. विधायकों ने पीपीपी मोड में चल रहे अस्पतालों के गैर जिम्मेदाराना रवैये, डॉक्टरों की कमी जैसे अन्य कई गंभीर मुद्दे को बैठक में उठाया.

पढ़ें- केंद्रीय गढ़वाल विवि के फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र होंगे प्रमोट, आदेश जारी

जिस पर विभागीय मंत्री डॉ रावत ने पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पतालों के संचालकों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा यदि संबंधित अस्पतालों ने एक माह के भीतर अपनी कार्यप्रणाली में जन अपेक्षाओं के अनुरूप सुधार नहीं लाया तो सरकार ऐसे अस्पतालों के विरूद्ध अनुबंध समाप्त करने की कार्रवाई से गुरेज नहीं करेगी. धन सिंह रावत ने बताया सरकार का मकसद पीपीपी मोड के माध्यम से स्थानीय स्तर पर जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है. अस्पताल संचालकों की जिम्मेदारी है कि वह अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित कर लोगों की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को दूर करें.

पढ़ें- पिता के अरमानों को पंख...वंदना ने ऐसा कारनामा किया, जो भारतीय विमेन्स हॉकी की हिस्ट्री में कभी नहीं हुआ

विधायकों एवं स्थानीय जनता के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए उन्होंने अस्पताल संचालकों को संपर्क अधिकारी नियुक्ति करने के निर्देश दिये. डॉ रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा वह पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों की लगातार निगरानी कर प्रत्येक माह रिपोर्ट शासन को भेजेंगे. वहीं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान क्षेत्रवासियों ने पीपीपी मोड में संचालित अस्पताल बीरोंखाल में अव्यवस्था की शिकायतें थी. स्वयं उन्होंने पाया कि अस्पताल में विशेषज्ञ, डॉक्टर एवं टेक्निशियन गायब हैं. यही नहीं, क्षेत्रवासियों ने बताया कि काफी दिनों तक अस्पताल की ओपीडी भी बंद रही. जिसके कारण क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा.

देहरादून: राज्यभर में पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा यदि संबंधित अस्पतालों ने एक माह के भीतर जन अपेक्षाओं के अनुरूप अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया तो सरकार ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए अनुबंध समाप्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगा. बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज सहित आधा दर्जन विधायकों ने प्रतिभाग करते हुए अपने विधानसभा क्षेत्रों में संचालित पीपीपी मोड अस्पतालों में क्षेत्रीय जनता को आ रही समस्याएं गिनाई.

सूबे के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शनिवार को विधानसभा स्थित सभागार में प्रदेश भर में पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों के संचालकों एवं विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में संचालित पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पतालों की समस्याएं रखी. विधायकों ने पीपीपी मोड में चल रहे अस्पतालों के गैर जिम्मेदाराना रवैये, डॉक्टरों की कमी जैसे अन्य कई गंभीर मुद्दे को बैठक में उठाया.

पढ़ें- केंद्रीय गढ़वाल विवि के फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र होंगे प्रमोट, आदेश जारी

जिस पर विभागीय मंत्री डॉ रावत ने पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पतालों के संचालकों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा यदि संबंधित अस्पतालों ने एक माह के भीतर अपनी कार्यप्रणाली में जन अपेक्षाओं के अनुरूप सुधार नहीं लाया तो सरकार ऐसे अस्पतालों के विरूद्ध अनुबंध समाप्त करने की कार्रवाई से गुरेज नहीं करेगी. धन सिंह रावत ने बताया सरकार का मकसद पीपीपी मोड के माध्यम से स्थानीय स्तर पर जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है. अस्पताल संचालकों की जिम्मेदारी है कि वह अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित कर लोगों की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को दूर करें.

पढ़ें- पिता के अरमानों को पंख...वंदना ने ऐसा कारनामा किया, जो भारतीय विमेन्स हॉकी की हिस्ट्री में कभी नहीं हुआ

विधायकों एवं स्थानीय जनता के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए उन्होंने अस्पताल संचालकों को संपर्क अधिकारी नियुक्ति करने के निर्देश दिये. डॉ रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा वह पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों की लगातार निगरानी कर प्रत्येक माह रिपोर्ट शासन को भेजेंगे. वहीं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान क्षेत्रवासियों ने पीपीपी मोड में संचालित अस्पताल बीरोंखाल में अव्यवस्था की शिकायतें थी. स्वयं उन्होंने पाया कि अस्पताल में विशेषज्ञ, डॉक्टर एवं टेक्निशियन गायब हैं. यही नहीं, क्षेत्रवासियों ने बताया कि काफी दिनों तक अस्पताल की ओपीडी भी बंद रही. जिसके कारण क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.