देहरादून: सीबीएससी समेत अन्य राज्यों की 12वीं की कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं और प्रोफेशनल कोर्सों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाओं को लेकर हाई लेवल मीटिंग हुई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे. बैठक में 12वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर सहमति बनी है. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. पोखरियाल से परीक्षाएं ना करवाने का आग्रह किया है.
हरीश रावत का कहना है कि बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं आयोजित होगी. यह निर्णय समझ में नहीं आ रहा है, क्योंकि कोविड की दूसरी लहर प्रबल है और तीसरी लहर का डर बना हुआ है. ऐसे में परीक्षा के लिए उनके मां-बाप उन्हें परीक्षा केंद्र तक छोड़ेंगे, लेकिन परीक्षा केंद्र में क्या गारंटी है कि शेष लोग कोरोना निगेटिव होंगे. अगर उनमें से एक भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होगा तो बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी. हरीश रावत ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से डॉ. पोखरियाल से आग्रह करते हुए कहा है कि वह परीक्षाएं करवाने की हठ छोड़ दें.
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मौन उपवास के बाद रखे अपने विचार
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्व. सुंदरलाल बहुगुणा के चित्र के समक्ष कोरोना से असमय काल के ग्रास बने लोगों की आत्मा की शांति के लिए मौन उपवास रखा. हरीश रावत के साथ उनकी धर्मपत्नी रेणुका रावत और बेटी अनुपमा रावत ने भी उपवास रखा. हरीश रावत का कहना है कि विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् जिन्हें वास्तविक अर्थों में प्रकृति पुरुष कहते थे, ऐसे महापुरुष को क्रूर कोरोना ने हमसे छीन लिया. मैं उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने राज्य के और देश के उन ऐसे हजारों भाई बहनों को को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं, जो व्यवस्थापक कमियों के कारण अपना उपचार नहीं करा पाए.