देहरादूनः नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देशभर में हल्ला मचा है. परेड ग्राउंड में विभिन्न मुस्लिम समुदाय के लोग धरने पर डटे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र की मोदी सरकार सीएए को वापस ले ले. इस कड़ी में आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों की मांगों का समर्थन किया. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तुलना एसपी और थानेदार से की.
हरीश रावत ने कहा कि सीएए संविधान की हत्या करने के अलावा सर्व धर्म समभाव की भावनाओं की भी हत्या करता है. यह सनातन धर्म की परंपराओं पर चोट करता है और संविधान की प्रस्तावना पर भी प्रहार करता है. इस कानून से संविधान के अनुच्छेद 14,15 और16 का उल्लंघन हो रहा है.
हरदा ने कहा कि यही कारण है कि सब इसके विरोध में खड़े हुए हैं. ये कानून आसाम और नॉर्थईस्ट की संस्कृति को नष्ट करता है. यही कारण है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एनआरसी में भी प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलग-अलग बयानों पर निशाना साधा. हरीश रावत ने कहा कि अमित शाह थानेदार की तर्ज पर वारंट लेकर आएंगे और एनआरसी में सभी को डॉक्यूमेंट दिखाने पड़ेंगे. ऐसे में एसपी पर भरोसा करें या जो थानेदार वारंट लेकर घर आएगा उस पर विश्वास करें.
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीएए की तुलना नोटबंदी से की. उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तरह से नोटबंदी में सारे हिंदुस्तान को अपना रुपया निकालने के लिए कतार में लगा दिया, उसी प्रकार से अब भाजपा सरकार एक बार फिर देश के लोगों को अपने बाप दादाओं के नाम, उनकी सम्पूर्ण जानकारी डॉक्यूमेंट सहित कतार पर लगाने की तैयारी कर चुकी है, ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, महिला अत्याचार और फेल बजट की तरफ न जाए.