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हरदा का मोदी-शाह पर तीखा वार, पीएम को कहा SP तो अमित शाह को दी थानेदार की संज्ञा

नागरिक संशोधन कानून के विरोध में परेड ग्राउंड में विभिन्न मुस्लिम संगठनों से जुड़े लोग धरने पर बैठे हैं. आज उनकी मांगों को जायज ठहराते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी परेड ग्राउंड पहुंचे. हरदा ने मोदी सरकार पर निशाना साधा.

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Published : Feb 3, 2020, 11:03 PM IST

देहरादूनः नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देशभर में हल्ला मचा है. परेड ग्राउंड में विभिन्न मुस्लिम समुदाय के लोग धरने पर डटे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र की मोदी सरकार सीएए को वापस ले ले. इस कड़ी में आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों की मांगों का समर्थन किया. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तुलना एसपी और थानेदार से की.

हरीश रावत ने कहा कि सीएए संविधान की हत्या करने के अलावा सर्व धर्म समभाव की भावनाओं की भी हत्या करता है. यह सनातन धर्म की परंपराओं पर चोट करता है और संविधान की प्रस्तावना पर भी प्रहार करता है. इस कानून से संविधान के अनुच्छेद 14,15 और16 का उल्लंघन हो रहा है.

हरदा ने दिया समर्थन.

हरदा ने कहा कि यही कारण है कि सब इसके विरोध में खड़े हुए हैं. ये कानून आसाम और नॉर्थईस्ट की संस्कृति को नष्ट करता है. यही कारण है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एनआरसी में भी प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलग-अलग बयानों पर निशाना साधा. हरीश रावत ने कहा कि अमित शाह थानेदार की तर्ज पर वारंट लेकर आएंगे और एनआरसी में सभी को डॉक्यूमेंट दिखाने पड़ेंगे. ऐसे में एसपी पर भरोसा करें या जो थानेदार वारंट लेकर घर आएगा उस पर विश्वास करें.

पढ़ेंः शैलेश मटियानी पुरस्कारः बजट का रोना, करना पड़ता है सालों का इंतजार

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीएए की तुलना नोटबंदी से की. उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तरह से नोटबंदी में सारे हिंदुस्तान को अपना रुपया निकालने के लिए कतार में लगा दिया, उसी प्रकार से अब भाजपा सरकार एक बार फिर देश के लोगों को अपने बाप दादाओं के नाम, उनकी सम्पूर्ण जानकारी डॉक्यूमेंट सहित कतार पर लगाने की तैयारी कर चुकी है, ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, महिला अत्याचार और फेल बजट की तरफ न जाए.

देहरादूनः नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देशभर में हल्ला मचा है. परेड ग्राउंड में विभिन्न मुस्लिम समुदाय के लोग धरने पर डटे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र की मोदी सरकार सीएए को वापस ले ले. इस कड़ी में आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों की मांगों का समर्थन किया. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तुलना एसपी और थानेदार से की.

हरीश रावत ने कहा कि सीएए संविधान की हत्या करने के अलावा सर्व धर्म समभाव की भावनाओं की भी हत्या करता है. यह सनातन धर्म की परंपराओं पर चोट करता है और संविधान की प्रस्तावना पर भी प्रहार करता है. इस कानून से संविधान के अनुच्छेद 14,15 और16 का उल्लंघन हो रहा है.

हरदा ने दिया समर्थन.

हरदा ने कहा कि यही कारण है कि सब इसके विरोध में खड़े हुए हैं. ये कानून आसाम और नॉर्थईस्ट की संस्कृति को नष्ट करता है. यही कारण है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एनआरसी में भी प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलग-अलग बयानों पर निशाना साधा. हरीश रावत ने कहा कि अमित शाह थानेदार की तर्ज पर वारंट लेकर आएंगे और एनआरसी में सभी को डॉक्यूमेंट दिखाने पड़ेंगे. ऐसे में एसपी पर भरोसा करें या जो थानेदार वारंट लेकर घर आएगा उस पर विश्वास करें.

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीएए की तुलना नोटबंदी से की. उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तरह से नोटबंदी में सारे हिंदुस्तान को अपना रुपया निकालने के लिए कतार में लगा दिया, उसी प्रकार से अब भाजपा सरकार एक बार फिर देश के लोगों को अपने बाप दादाओं के नाम, उनकी सम्पूर्ण जानकारी डॉक्यूमेंट सहित कतार पर लगाने की तैयारी कर चुकी है, ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, महिला अत्याचार और फेल बजट की तरफ न जाए.

Intro:नागरिक संशोधन कानून के विरोध में विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने परेड ग्राउंड के समीप स्थित धरना स्थल पर बेमियादी धरना दिया हुआ है। धरने में काफी संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी शामिल है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनकी मांगों को जायज ठहराया और नागरिक संशोधन कानून का विरोध कर रहे मुस्लिम संगठनों के समर्थन में धरना देकर उन्हें संबोधित किया।
summary- पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीएए के खिलाफ धरना दे रहे विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रदर्शन को जायज बताते हुए उनकी मांगों का समर्थन किया और धरना देकर उन्हे संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।


Body:वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सीएए का कानून सविधान की हत्या करने के अलावा सर्वधर्म समभाव की भावनाओं की भी हत्या करता है, यह सनातन धर्म की परंपराओं पर चोट करता है और संविधान की प्रस्तावना पर भी प्रहार करता है। इस कानून से आर्टिकल 14 ,15 ,16 का उल्लंघन हो रहा है, यही कारण है कि सब इसके विरोध में खड़े हुए हैं। ये कानून आसाम, नॉर्थईस्ट की संस्कृति को नष्ट करता है यही कारण है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एनआरसी मे प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलग-अलग बयानों पर भी भी निशाना साधते हुए कहा कि अमित शाह थानेदार की तर्ज पर वारंट लेकर आएंगे और एनआरसी में सभी को डॉक्यूमेंट दिखाने पड़ेंगे। ऐसे में एसपी पर भरोसा करें या जो थानेदार वारंट लेकर घर आएगा उस पर विश्वास करें। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों का सवाल नहीं है बल्कि पूरे देश का सवाल है।

बाइट- हरीश रावत ,पूर्व मुख्यमंत्री


Conclusion: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नागरिकता संशोधन कानून की तुलना नोटबंदी से करते हुए कहा कि भाजपा ने जिस तरह से नोटबंदी में सारे हिंदुस्तान को अपना रुपया निकालने के लिए कतार में लगा दिया था, उसी प्रकार से अब भाजपा सरकार एक बार फिर देश के लोगों को अपने बाप दादाओं के नाम,उनकी सम्पूर्ण जानकारी डॉक्यूमेंट सहित कतार पर लगाने की तैयारी कर चुकी है, ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी ,महिला अत्याचार और फेल बजट की तरफ ना जाए। हरीश रावत ने कहा कि एनपीआर एनआरसी जनता का ध्यान बंटाने का एक नाटक है जबकि सीएए उसका बड़ा भाई है
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