देहरादून: राजस्थान के जयपुर में होने वाली वॉलीबॉल नेशनल चैंपियनशिप को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अब यह मामला उत्तराखंड नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच चुका है. इसी क्रम में 26 दिसंबर को उत्तराखंड खेल विभाग के प्रमुख विशेष खेल सचिव और संयुक्त खेल निदेशक की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी होनी है. वॉलीबॉल का यह विवाद पिछले राष्ट्रीय खेलों में भी इसी तरह से चला आ रहा है. गोवा में 37वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से ठीक 2 दिन पहले वॉलीबॉल खेल को नेशनल गेम्स में रद्द किया गया था.
वॉलीबॉल खिलाड़ी प्रशांत बिष्ट की तरफ से नैनीताल हाईकोर्ट में एक रिट दायर की गई है, जिसमें नेशनल चैंपियनशिप से उन्हें बाहर रखने को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं. कोर्ट ने इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए कल यानी 26 दिसंबर 2024 को उत्तराखंड खेल विभाग के प्रमुख विशेष खेल सचिव और संयुक्त खेल निदेशक को कोर्ट में पेश होने को कहा है. खेल विभाग के इन दोनों अधिकारियों की कल सुबह हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी होगी. ये जानकारी वॉलीबॉल खिलाड़ी प्रशांत बिष्ट के वकील हेम पुजारी ने दी है.
उत्तराखंड में वॉलीबॉल विवाद को लेकर बात करें तो वॉलीबॉल की नेशनल फेडरेशनशिप अभी भंग है, जिसके चलते पूरे देश की स्टेट बॉलीबॉल फेडरेशन भंग है. इसी के चलते जब उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हो रहा है, तब इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन द्वारा 38वें राष्ट्रीय खेलों में वॉलीबॉल खेल को शामिल करने के लिए कुछ विशेष तरह के प्रावधान किए गए हैं, जिनको लेकर उत्तराखंड खेल विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है.
विशेष खेल प्रमुख सचिव अमित सिन्हा ने बताया कि वॉलीबॉल खेल को लेकर इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन से प्राप्त हुए दिशा निर्देश के अनुसार खेल होना है और उसी के अनुसार प्रक्रिया गतिमान है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की बॉलीबॉल टीम नेशनल चैंपियनशिप में नहीं जा पा रही है, इसके लिए उन्हें बेहद दुख है, लेकिन उन्हें पूरी उम्मीद है कि 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड की बॉलीबॉल टीम खेल पाएगी. इसके लिए विभाग द्वारा ओपन ट्रायल भी किए जाएंगे.
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