देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस मित्र विपक्ष की सोच के साथ धामी सरकार पर मेहरबान दिख रही है. अक्सर सत्ताधारियों की नाक में दम करने की परिपाटी को छोड़ विपक्षी दल कांग्रेस के नेता सरकार के कामों में कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री की तारीफ से लेकर सरकार की सुविधाओं और फैसलों पर सहमति जताकर सरकार की पीठ थपथपाई जा रही है.
विपक्षी दल के रूप में भाजपा जिस तरह आक्रामक रुख के साथ सत्ताधारियों की नींद हराम कर देती है, वह परिपाटी कांग्रेस में फिलहाल नहीं दिखाई दे रही. मौजूदा सरकार में तो कांग्रेस के नेता सत्ताधारियों के सामने पूरी तरह से हथियार डालते हुए नजर आ रही है. यह बात इसलिए कही जा रही है, क्योंकि अक्सर विपक्षी दल सत्ता के हर फैसले पर किसी न किसी रूप में विरोध करते हुए ही दिखाई देते हैं, लेकिन प्रदेश में जिस तरह सत्ता से मिल रही सुख-सुविधाओं से लेकर उनके फैसले का समर्थन किया जा रहा है वह विपक्ष के मित्र भाव को जाहिर कर रहा है.
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यही नहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर विपक्ष अपने ही आरोपों को वापस लेते हुए तारीफ करने से भी गुरेज नहीं कर रहा है. बहरहाल, ताजा उदाहरण पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का है. मुख्यमंत्री हरीश रावत यूं तो सोशल मीडिया पर विभिन्न मुद्दों को लेकर मुखर रहते हैं, लेकिन सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की घेराबंदी कम ही करते दिखाई देते हैं.
इस बार तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने उन पुराने आरोपों को भी वापस ले लिया है, जो उन्होंने सीएम पर खनन प्रेमी होने के लगाए थे. हरीश रावत ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद से खनन प्रेमी होने का टैग हटा लिया है. जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं. हालांकि उन्होंने हरिद्वार के कुछ नेताओं का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री को उनसे दूर रहने की सलाह दी है.
इस दौरान हरीश रावत यह तक कह गए कि उनका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कोई बैर नहीं, इसलिए यदि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अच्छा काम कर रहे हैं तो वह उनकी सराहना भी करेंगे. हरीश रावत ने कहा पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में फिजूल खर्चो को दूर करने के लिए फैसले लिए हैं. वे इसके लिए उनकी तारीफ करना चाहते हैं.
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उधर, दूसरी तरफ प्रीतम सिंह सरकार से सरकारी बंगला लिए हुए हैं, लिहाजा वह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पर हमलावर रहेंगे. इसकी उम्मीद तो कम ही है. इसलिए क्योंकि अधिकृत न होने के बावजूद सरकारी बंगला अपने पास रखने के बाद उनका मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलना नैतिकता के रूप में कम ही बनता है. अब बात प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा की करें को पिछले दिनों भाजपा सरकार में मंत्री गणेश जोशी की विदेश यात्रा को लेकर जहां सोशल मीडिया पर वे तमाम सवाल खड़े कर रहे थे, अब उन्हें इस बात में कोई बुराई नहीं लगती.