देहरादून: एक तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 18 मार्च को चार साल पूरे होने जा रहे हैं, दूसरी तरफ प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है, जिसको लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी बीजेपी पर तंज किया है. उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में फिर राजनीतिक अस्थिरता की चर्चाएं हैं. कुछ लोग दिल्ली में तो, कोई मुंबई में नहा-धोकर तैयार है.
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि राज्य का अस्थिरता के आगोश में जाना तयशुदा नियति बन चुकी है. भाजपा के पास अपनी अक्षमता का एक ही जवाब है चेहरा बदलना. धन्य है भाजपा. भाजपा ने जन कल्यान का क्या फार्मूला निकाला है? उत्तराखंड राजैनितक अस्थिरता के लिए बीजेपी को कभी माफ नहीं करेगा.
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बता दें कि उत्तराखंड में राजनीतिक अस्थिरता की चर्चाओं की बड़ी वजह शनिवार को अचानक देहरादून पहुंचे बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह और दुष्यंत गौतम हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी गैरसैंण सत्र बीच में छोड़कर देहरादून पहुंचे और बीजापुर गेस्ट हाउस में कोर ग्रुप की बैठक में हिस्सा लिया. इस बैठक में मुख्यमंत्री समेत संगठन और सरकार के कई बड़े नेता शामिल रहे.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर्यवेक्षक
इस कोर ग्रुप की बैठक में वरिष्ठ भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुए हैं.