देहरादून: लोकसभा चुनाव के परिणाम आने में अब सिर्फ कुछ ही घंटे शेष है. गुरुवार सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होने के बाद रुझान आने लगेंगे और दोपहर तक तस्वीर साफ हो जाएगी. ऐसे में सभी प्रत्याशियों के दिल की धड़कने बढ़ी हुई है. हिन्दुओं का पवित्र तीर्थस्थल होने के कारण सभी की निगाहें हरिद्वार पर टिकी रहती हैं. हरिद्वार सीट पर इस बार पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा 68.92 फीसदी मतदान हुआ है.
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उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटे हैं. इस कड़ी में हम सबसे पहले बात करें करते है हरिद्वार लोकसभा सीट की तो यहां इस समय बीजेपी का कब्जा है. रमेश पोखरियाल निशंक यहां से सांसद हैं वो दूसरी बार यहां से अपना भाग्य आज़मा रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी अम्बरीष कुमार ने भी मैदान में काफी पसीना बहाया है. इसी के साथ बसपा की तरफ अंतरिक्ष सैनी भी मैदान में है. जिसकी वजह से ये मुकाबाल त्रिकोणीय हो गया है. जिनके भाग्य के फैसला गुरुवार को जाएगा.
इतिहास
हरिद्वार लोकसभा सीट पर कभी भी किसी पार्टी का वर्चस्व नहीं रहा. कभी जनता ने यहां कमल खिलाया तो कभी हाथ का साथ दिया. 1977 में वजूद में आई इस लोकसभा सीट पर अबतक 5 बार बीजेपी तो 5 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. हरिद्वार लोकसभा सीट पर ग्रामीण आबादी अधिक होने के कारण 1977 से लेकर 2004 तक ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही. इसके बाद साल 2009 में इस सीट को सामान्य घोषित किया गया. 1977 में जब देशभर में कांग्रेस के खिलाफ लहर थी तो यहां से भारतीय लोक दल ने जीत का परचम लहराया था. उस समय भगवान दास राठौड़ चुनाव जीते थे. हरिद्वार सबसे ज्यादा मतदाता वाली सीट है. इनमें 837111 महिला और 961706 पुरुष समेत 134 अन्य मतदाता शामिल हैं.
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हरिद्वार लोकसभा सीट हरिद्वार जिले की सभी 11 और देहरादून जिले की 3 विधानसभाओें से मिलकर बनती है. जिसमें रुड़की, खानपुर, झाबरेरा (एससी), हरिद्वार, डोइवाला, मंगलौर, लक्सर भेल रानीपुर, हरिद्वार ग्रामीण, ऋषिकेश, पिरान कलियर, भगवानपुर (एससी), ज्वालापुर (एसी) और धर्मपुर सीट शामिल है.